संयुक्त राष्ट्र: शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव(UN chief) एंतोनियो गुतारेस(António Guterres) ने कहा कि ‘‘इस समय विश्व पूर्ववर्ती सोवियत संघ और अमेरिका के बीच हुए शीत युद्ध की तुलना में कहीं अधिक अराजक और अप्रत्याशित है. यह स्थिति बेहद खतरनाक है, क्योंकि संकटों से निपटने के लिए कोई साधन नहीं हैं.’’ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान गुतारेस ने कहा कि शीत युद्ध उन दो विरोधी धड़ों के बीच था, जहां संघर्ष को रोकने के लिए नियम एवं तंत्र स्पष्ट थे. उन्होंने कहा कि, यह कभी उतना भीषण नहीं हुआ, क्योंकि कुछ हद तक इसमें स्थितियों का अनुमान लगाया जा सकता था.
बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में दूसरा कार्यकाल आरंभ करने वाले गुतारेस ने द एसोसिएटेड प्रेस के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा था कि दुनिया कई मायनों में पांच साल पहले की तुलना में बदतर है. क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी, जलवायु संकट और भू-राजनीतिक तनाव ने हर जगह संघर्ष को जन्म दिया है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विपरीत उन्हें नहीं लगता कि रूस यूक्रेन पर हमला करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए उनका संदेश है कि यूक्रेन में कोई सैन्य हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होगा और मैं उम्मीद करता हूं कि यह बात सही साबित होगी.
गुतारेस ने कहा कि, मेरे लिए यह जरूरी है कि इस वार्ता से स्थिति अच्छी हो और अच्छी स्थिति यह है कि तनाव कम हो और संकट समाप्त हो. यही हमारा उद्देश्य है. एंतोनियो गुतारेस यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और रूस ने यूक्रेन को लेकर जारी संकट के बीच शुक्रवार को महत्वपूर्ण वार्ता कर तनाव कम करने की कोशिश की गई. हालांकि दोनों देशों के नेताओं ने कहा है कि वार्ता के जरिए अभी कोई समाधान नहीं निकला है.
संवाददाता सम्मेलन में महासचिव ने यह भी कहा कि, दुनिया को अमेरिका और चीन के बीच दो भागों में बांटने से प्रतिद्वंद्वी आर्थिक प्रणालियां एवं नियम विकसित होंगे, जिनकी अपनी प्रमुख मुद्रा होगी, जिनकी अपनी इंटरनेट एवं प्रौद्योगिकी प्रणाली और कृत्रिम मेधा होगी और ऐसी स्थिति से हर हाल में बचा जाना चाहिए. गुतारेस ने महासभा में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों के राजनयिकों के सामने वर्ष 2022 के लिए अपनी प्राथमिकताएं और वैश्विक परिदृश्य का आकलन पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात की. उन्होंने कोविड-19 से निपटने में असमानता एवं अन्याय गरीब विरोधी वैश्विक आर्थिक प्रणाली और मौजूदा जलवायु खतरों पर पर्याप्त कदमों का अभाव जैसी स्थितियों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से खतरनाक बताया.
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