नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में भाग लेने के लिए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन भी पहुंचीं हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के लिए ऋण संसाधन बढ़ाने के लिए समर्थन तैयार करने के लिए भारत में बड़े कार्यक्रम में काम करने की अपने देश की प्राथमिकता के बारे में बात की. ये विश्व बैंक सदस्य देशों को नए आईएमएफ कोटा संसाधनों सहित कई वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा.
येलेन ने यह भी कहा कि इस सप्ताह अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाना प्राथमिकता होगी. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हम भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को बहुत महत्व देते हैं. हमने जून में अमेरिका में पीएम मोदी का भी स्वागत किया था. संयुक्त राज्य अमेरिका एशिया के बाहर सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों का घर है और भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है.'
उन्होंने कहा कि विचाराधीन बैलेंस शीट में निकट अवधि के बदलावों से अगले दशक में 200 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि प्राप्त हो सकती है. जी-20 पूंजी पर्याप्तता समीक्षा द्वारा अनुशंसित मध्यम अवधि के कदमों से अधिक संसाधन आ सकते हैं. जी20 सदस्य देश विश्व की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. ये वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं.
समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (ईयू) शामिल हैं.