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सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की सजा स्थगित करने की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

Asaram Rape Case, सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे आसाराम की उस याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया, जिसमें उसकी सजा स्थगित करने का अनुरोध किया गया था.

Supreme Court on Asaram
Supreme Court on Asaram
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2023, 10:31 PM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की सजा स्थगित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने आसाराम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत से कहा कि यह न्यायालय याचिका पर विचार करने का इच्छुक नहीं है. पीठ ने उनसे उसकी (आसाराम की) उम्रकैद की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील पर दलील की तैयारी करने को कहा.

आसाराम को जोधपुर की एक निचली अदालत ने 25 अप्रैल 2018 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कामत ने दलील दी कि उनका मुवक्किल करीब 10 साल से जेल में है और उच्च न्यायालय ने उसके खराब स्वास्थ्य के पहलू पर विचार नहीं कर त्रुटि की.

पढे़ं : आवश्यकता होने पर आसाराम का आयुर्वेदिक उपचार भी करवाया जा सकता है: राजस्थान हाईकोर्ट

पीठ ने कहा, 'आपको एक नियमित अपील के लिए तैयारी करनी चाहिए, जो उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आनी है.' इसने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय के 7 जुलाई 2022 के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज करने की इच्छुक है.

पढ़ें : Rajasthan High Court : आसाराम ने पेश की पैरोल याचिका, कोर्ट ने जिला पैरोल कमेटी के समक्ष नए सिरे से आवेदन के दिए निर्देश

कामत ने अदालत से अपील खाारिज नहीं करने का अनुरोध किया और कहा कि वह इसे वापस लेना चाहते हैं. इसके बाद पीठ ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी और कहा कि यदि आसाराम की दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ नियमित अपील शीघ्रता से सुनवाई के लिए नहीं ली गई, तो उन्हें सजा स्थगित कराने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष नयी अर्जी दायर करने की छूट होगी. आसाराम अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में इंदौर में गिरफ्तार किए जाने और जोधपुर लाये जाने के बाद, 2 सितंबर 2013 से जेल में है.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की सजा स्थगित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने आसाराम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत से कहा कि यह न्यायालय याचिका पर विचार करने का इच्छुक नहीं है. पीठ ने उनसे उसकी (आसाराम की) उम्रकैद की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील पर दलील की तैयारी करने को कहा.

आसाराम को जोधपुर की एक निचली अदालत ने 25 अप्रैल 2018 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कामत ने दलील दी कि उनका मुवक्किल करीब 10 साल से जेल में है और उच्च न्यायालय ने उसके खराब स्वास्थ्य के पहलू पर विचार नहीं कर त्रुटि की.

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पीठ ने कहा, 'आपको एक नियमित अपील के लिए तैयारी करनी चाहिए, जो उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आनी है.' इसने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय के 7 जुलाई 2022 के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज करने की इच्छुक है.

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कामत ने अदालत से अपील खाारिज नहीं करने का अनुरोध किया और कहा कि वह इसे वापस लेना चाहते हैं. इसके बाद पीठ ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी और कहा कि यदि आसाराम की दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ नियमित अपील शीघ्रता से सुनवाई के लिए नहीं ली गई, तो उन्हें सजा स्थगित कराने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष नयी अर्जी दायर करने की छूट होगी. आसाराम अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में इंदौर में गिरफ्तार किए जाने और जोधपुर लाये जाने के बाद, 2 सितंबर 2013 से जेल में है.

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