उत्तरकाशी (उत्तराखंड): गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाली नेलांग घाटी के चोरागड क्षेत्र में स्नो लैपर्ड की तस्वीरें ट्रैप कैमरे में कैद हुई हैं. पिछले साल 30 नवंबर को शीतकाल के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बंद कर दिए गये थे, गेट बंद होने से पहले गंगोत्री पार्क प्रशासन ने क्षेत्र के कई स्थानों पर 40 ट्रैप कैमरे लगाए थे. अब पार्क खुलने के बाद टीम इन ट्रैप कैमरों को निकाल रही है. इन कैमरों में कैद तस्वीरों से शीतकाल में वन्यजीवों की गतिविधियों का पता चलने उम्मीद है.
बता दें कि, स्नो लैपर्ड के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र उनका प्राकृतिक घर है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी पार्क क्षेत्र में करीब 35 से 40 हिम तेंदुए हो सकते हैं. यहां हिम तेंदुओं के साथ भूरा भालू, काला भालू, लाल लोमड़ी, हिमालयन मोनाल, भरल या नीली भेड़ व दुर्लभ अरगली भेड़ आदि कई लुत्पप्राय वन्यजीव पाए जाते हैं.
वन्यजीवों की निगरानी व रिसर्च कार्य के लिए पार्क प्रशासन शीतकाल के समय इस तरह ट्रैप कैमरे लगाता है. पिछले साल भी नेलांग घाटी के कारछा, चोरागड, गरतांग गली, केदारताल, गोमुख ट्रैक, तिरपानी व नीलापानी और भैंरोघाटी में 40 ट्रैप कैमरे लगाए गये थे. हाल में पार्क प्रशासन की एक टीम नेलांग घाटी के चोरगाड में लगाए गए ट्रैप कैमरों को निकालकर लाई, जिसमें से एक ट्रैप कैमरे में हिम तेंदुआ स्वच्छंद रुप से विचरण करता नजर आ रहा है जबकि एक अन्य में यह ट्रैप कैमरे की तरफ देख रहा है, जिसकी तस्वीर ट्रैप कैमरे में कैद हुई है. इसी साल फरवरी अंत में बीआरओ के मेजर बीनू वीएस ने भी घाटी में पागलनाले के साथ बर्फ के बीच चहलकदमी करते हिम तेंदुए की तस्वीर अपने कैमरे में कैद की थी.
वन्यजीव संस्थान की टीम ने लगाए हैं 65 कैमरे: भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम ने भी नेलांग घाटी में वन्यजीवों की गतिवधियों पर नजर रखने व अनुसंधान के मकसद से 65 कैमरे लगाए हैं. वन्यजीव संस्थान से जुड़ी रिसर्च स्कॉलर डॉ. रंजना पाल बताती हैं कि फिलहाल मौसम अनुकुल नहीं है इसलिए संस्थान की ओर से लगाए कैमरे अभी निकाले नहीं गए हैं. एक-दो हफ्ते में ट्रैप कैमरों को निकाल लिया जाएगा.
वहीं, उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि ट्रैप कैमरों, कैमरों और मोबाइल कैमरों में बार-बार हिम तेंदुओं की तस्वीरें व वीडियो फुटेज कैद होना इस बात की ओर संकेत करता है कि पार्क क्षेत्र में स्नो लैपर्ड की संख्या में इजाफा हो रहा है, जो अच्छा संकेत है.