जालोरः राजस्थान के जालोर जिला स्थित रायपुरिया निवासी ईश्वर सिंह ने अपनी बेटी कृष्णा कंवर की शादी 30 अप्रैल को बैरठ गांव के शैतान सिंह के साथ की थी. खुशी-खुशी शादी की तमाम रस्में पूरी कर कृष्णा अपने ससुराल चली गई थी. लेकिन शादी के 9 दिन बाद कोरोना ने कृष्णा से उसका पति छीन लिया.
अब इस दर्द को कृष्णा ताउम्र नहीं भूल पाएगी. इस हादसे के बाद दोनों परिवारों में मातम का माहौल है. कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि शुभ मुहूर्त की आड़ में रचाए जा रहे विवाह समारोहों के भीड़ भरे आयोजनों पर सरकार पूरी पाबंदी क्यों नहीं लगा रही है.
जानकारी के अनुसार, शैतान सिंह और कृष्णा कंवर की शादी के लिए परिवार वालों ने शुभ मुहूर्त निकलवाया था. कोरोना की महामारी के बीच दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से शादी का आयोजन कर दिया. शादी की सारी रस्मों के बाद नवविवाहित जोड़ा अपने घर बैरठ पहुंचा तो दूसरे दिन दूल्हे शैतान सिंह की तबीयत बिगड़ गई.
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अस्पताल ले जाकर उसकी जांच करवाई तो उसके कोरोना पॉजिटिव होने का पता चला. उसके बाद शैतान सिंह को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया. उसके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट होती गईं और इलाज के दौरान 9 मई को शैतान सिंह की कोरोना से मौत हो गई.
जालोर की कृष्णा कंवर और शैतान सिंह की ये खबर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है. जिसमें साफ तौर पर सभी को इस शादी के बाद सबक लेने की अपील के साथ लिखा जा रहा है कि शुभ मुहूर्त की आड़ में कृष्णा कंवर की जिंदगी को नर्क बना दिया गया.
मुख्यमंत्री अशोक गलहोत कर चुके हैं अपील
हालांकि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह अपील की है कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए लोग विवाह समारोहों को टाल दें. शादी-विवाह में शामिल होने वालों की संख्या भी 50 से 31 और अब 11 कर दी गई है. लेकिन कोरोना काल में विवाह समारोहों पर पूरी तरह पाबंदी नहीं लगाई गई है.
मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद शादियां टालने की खबरें भी प्रमुखता से प्रकाश में आ रही हैं.