मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विद्रोही समूह द्वारा पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर अपने समूह का नाम रखने के कथित प्रयासों पर तीखा हमला बोला. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार दोपहर यहां हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे उद्धव ठाकरे ने कहा, 'चुनाव जीतने के लिए मेरे पिता का नाम न लें, बल्कि अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें.' शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे को पार्टी प्रमुख के रूप में मंजूरी दी गई है. उद्धव ठाकरे को पार्टियों के संबंध में हर निर्णय लेने की शक्ति दी गई है.
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Mumbai | Some people are asking me to say something but I've already said that they(rebel MLAs) can do whatever they want to do, I won't interfere in their matters. They can take their own decision, but no one should use Balasaheb Thackeray's name: Maharashtra CM Uddhav Thackeray pic.twitter.com/55PkAI8irW
— ANI (@ANI) June 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उनकी कड़ी प्रतिक्रिया उन असत्यापित रिपोर्ट के जवाब में आई है, जिनमें कहा गया है कि मंत्री एकनाथ संभाजी शिंदे के नेतृत्व में विद्रोहियों ने कथित तौर पर 'शिवसेना-बालासाहेब ठाकरे समूह' के रूप में खुद का नाम बदलने का फैसला किया है. शिवसेना से बगावत करने वाले ये नेता वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. महाराष्ट्र में शिवसैनिकों के बगावती तेवर के बीच एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया है और एवीए सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. इस बीच इन विद्रोही नेताओं के समूह ने कथित तौर पर दावा किया है कि वह 'असली शिवसेना' हैं.
ठाकरे ने यह भी कहा कि पार्टी भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को यह सुनिश्चित करने के लिए लिखेगी कि शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का अनधिकृत व्यक्तियों या ऐसे 'टर्नकोट' (एक पार्टी का साथ छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल होने या ऐसी मंशा रखने वाले) के समूहों द्वारा उनके राजनीतिक हितों के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए. ठाकरे ने चेताया है कि ऐसा नहीं करने पर वे कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे.
शुक्रवार को पार्टी के जिला प्रमुखों की एक बैठक को संबोधित करते हुए सीएम द्वारा 'शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग किए बिना' चुनाव जीतने के लिए सीएम द्वारा पेश की गई चुनौती देने के एक दिन बाद अब उनकी ओर से गुस्से में यह प्रतिक्रिया सामने आई है. महा विकास अघाड़ी सरकार पर शुरू हुए राजनीतिक संकट के पांचवें दिन अपने आक्रामक मोड पर वापस लौटते हुए, ठाकरे ने शिवसेना या पार्टी के संस्थापक का नाम लिए बिना 'साहस दिखाने और मतदाताओं और लोगों का सामना करने के लिए' विद्रोहियों को चुनौती दी. उन्होंने चुनौती दी है कि बगावत करने वाले नेता शिवसेना या दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग किए बिना जीतकर ही दिखा दें.
शिंदे को 'गद्दार' कहते हुए, शिवसेना प्रमुख ने याद किया कि कैसे उन्होंने उनके (शिंदे) के लिए बहुत कुछ किया, फिर भी वह शिवसेना और ठाकरे के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. ठाकरे ने आगे कहा, 'मैंने शिंदे के लिए हर संभव कोशिश की. मैंने उन्हें शहरी विकास विभाग आवंटित किया, जिसे मैं संभाल रहा था. उनके बेटे (डॉ. श्रीकांत शिंदे) दो बार के सांसद हैं और अब वे मेरे बेटे (मंत्री आदित्य ठाकरे) पर टिप्पणी कर रहे हैं और यहां तक कि मेरे खिलाफ भी कई आरोप लगा रहे हैं.'
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