जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षाबलों में तालमेल की वजह से केंद्र शासित प्रदेश में पाकिस्तान के कई नापाक मंसूबे नाकाम किए गए. उन्होंने यह टिप्पणी सीमावर्ती जिलों पुंछ और राजौरी की सुरक्षा की समीक्षा के दौरान की. सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश स्थानीय युवाओं को मादक पदार्थ के दलदल में धकेलने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल कर रहा है.
उन्होंने अधिकारियों को सीमा पर सतर्क रहने का निर्देश दिया, ताकि मादक पदार्थों और हथियारों की आवाजाही के साथ अन्य आपराधिक गतिविधियों को भी रोका जा सके. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि डीजीपी सीमावर्ती जिले राजौरी में संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे. पुलिस, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों ने इसमें हिस्सा लिया. प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों, सीमापार से हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी सहित अन्य सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की गई.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी का फायदा उठाए केंद्र: आजाद
वहीं दूसरी ओर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और समय आ गया है कि केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेश को विकास संबंधी गतिविधियों में मदद करे. आजाद ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक जनसभा के बाद संवाददाताओं से बात की.
उन्होंने कहा कि गरीबी है, बेरोजगारी है, लेकिन यह भी एक हकीकत है कि आतंकवादी घटनाओं में बहुत बड़ा अंतर आया है. छिटपुट घटनाएं होती हैं, लेकिन देश में भी तो होती हैं. आतंकवाद कम हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को घाटी में आतंकवाद में आई कमी का फायदा उठाना चाहिए.
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि केंद्र सरकार राज्य की विकास संबंधी गतिविधियों मसलन विभिन्न परियोजनाओं, सड़क निर्माण और उद्योगों की स्थापना में मदद करे. केंद्र सरकार को आतंकवाद खत्म होने या कम होने का फायदा उठाना चाहिए. अगर वे कुछ नहीं करते हैं, तो आतंकवाद खत्म करने का कोई फायदा नहीं है.
(पीटीआई-भाषा)