बारां. प्रदेश के बारां जिले में आदिवासी समाज के एक व्यक्ति की मौत के बाद सड़क पर खूब हंगामा बरपा. जानकारी के मुताबिक उस शख्स को पुलिस ने 1 दिन पहले गिरफ्तार किया था और जमानत से छूट कर घर पहुंचा था, उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई. इसके बाद सहरिया समाज के लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने आज हंगामा कर दिया. भीड़ ने भंवरगढ़ थाना इलाके में घट्टी परानिया रोड पर शव रखकर जाम लगा दिया.
मौके पर समझाइश करने के लिए क्षेत्रीय विधायक निर्मला सहरिया (Tension in Baran Of Kota) भी पहुंची. जिन पर भी यह लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया की गाड़ी पर पथराव और तोड़फोड़ कर कांच फोड़ दिए. ड्राइवर विधायक निर्मला सहरिया को बैठा कर मौके से गाड़ी दौड़ाकर (sahariya attacked MLA) ले गया. माहौल इतना तनावपूर्ण था कि लोग विधायक के साथ भी मारपीट कर सकते थे. नाराज सैकड़ों सहरिया समाज के लोग सड़क पर बैठ गए हैं. इनमें शामिल महिलाओं के हाथों में भी लाठियां है. पूरे घटनाक्रम को देखते हुए जिस जगह सहरिया समाज के लोगों ने रास्ता जाम किया हुआ है वहां भारी मात्रा में पुलिस जाब्ता मौके पर भेजा जा रहा है. एक बार तो इन लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस को पीछे हटना पड़ा और जब ज्यादा जाब्ता आया तब पुलिस वापस मौके पर पहुंची है.
क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार गांव के ही घट्टी गांव के सहरिया बस्ती निवासी राम सिंह सहरिया ने शनिवार सुबह सरपंच राजाराम अहेड़ी के साथ दुर्व्यवहार कर हाथापाई का प्रयास किया था. इसकी रिपोर्ट भंवरगढ़ थाने में कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने रामसिंह को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. वहां से शनिवार शाम को उसे जमानत मिल गई और वो घर चला गया. सुबह रामसिंह मृत पाया गया, बस इसी बात को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. ग्रामीणों का आरोप है कि सहरिया रामसिंह की मौत पुलिस की मारपीट से हुई है. इधर, थाना प्रभारी दलपत सिंह चौहान का कहना है कि जमानत के बाद रामसिंह अपने घर चला गया था. पुलिस ने उसके साथ किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं की.
महिलाओं ने की विधायक से मारपीट की कोशिश: विधायक निर्मला सहरिया इस पूरे मामले को समझने के लिए आक्रोशित लोगों के नजदीक गई थी. जहां पर वह एक खाट पर मृतक राम सिंह सहरिया के शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान आदिवासी महिलाएं आक्रोशित हो गईं और वो विधायक से धक्का-मुक्की करने लगीं. उसके बाद एक महिला डंडा लेकर भी विधायक की तरफ आई, हालांकि अन्य महिलाओं ने उसे रोक लिया नहीं तो वह विधायक पर भी हमला कर देती. काफी देर तक विधायक निर्मला सहरिया की इन महिलाओं के साथ बहस चलती रही.आखिर में आक्रोशित महिलाओं और पुरुषों के नहीं मानने के चलते विधायक को मौके से रवाना होना पड़ा. इसी दौरान उनकी गाड़ी पर भी लोगों ने हमला कर दिया था.
भंवरगढ व नाहरगढ़ थाना पुलिस भी नहीं पहुंच पा रही मौके पर
भंवरगढ़ थाना पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए घट्टी निवासी सहरिया युवक की घर पर हुई मौत के बाद गांव मे बवाल मचा हुआ है. आक्रोशित सहरिया समुदाय के लोगों ने सड़क पर शल रखकर भंवरगढ गुना मार्ग पर जाम लगा दिया है. लोगों मे इतना आक्रोश है कि भंवरगढ व नाहरगढ़ थाना पुलिस भी घटना स्थल पर नहीं पहुंच पा रही है. समझाइश के लिए पहुंची क्षेत्रीय विधायक निर्मला सहरिया के साथ भी भीड़ ने धक्का मुक्की कर गाड़ी पर पथराव किया है. वहींं थाना प्रभारी दलपत सिंह चौहान का कहना है कि जमानत के बाद रामसिंह अपने घर चला गया था पुलिस ने उसके साथ किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं की. इधर, गांव के सहरिया महिला-पुरुष सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम कर रहे हैं. पूर्व विधायक ललित मीणा के नेतृत्व में मृतक को न्याय दिलाने के लिए मौके पर उपस्थित हैं.
30 लाख मुआवजा व उच्चस्तरीय जांच की मांग
घटना के बाद पूर्व विधायक ललित मीणा भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने मृतक के शव के साथ ही आक्रोशित लोगों के साथ भंवरगढ़ नारगढ़ रोड पर घट्टी में धरना शुरू कर दिया. इन लोगों ने मांग की है कि सरपंच राजाराम अहेड़ी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने मृतक के आश्रित और परिजनों के लिए 30 लाख रूपए के मुआवजे की मांग की गई है. आरोपी पुलिस कार्मिकों को भी सस्पेंड किया जाए. पूर्व विधायक ललित मीणा ने पुलिस की पूरी कार्रवाई पर संदेह जताया और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.