हैदराबाद : सीनियर की प्रताड़ना से परेशान होकर चार दिन पहले खुदकुशी का प्रयास करने वाली पीजी मेडिकल की छात्रा प्रीती की इलाज के दौरान मौत हो गई (Death of PG medical student Preeti). निम्स में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.उसकी मौत के बाद छात्र संघों और विपक्ष ने आंदोलन शुरू कर दिया. उनकी मांग है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
इसी महीने की 22 तारीख को वारंगल एमजीएम में एक सीनियर छात्र की प्रताड़ना से आहत होकर प्रीती ने एक इंजेक्शन लेकर खुदकुशी की कोशिश की थी. जिस दौरान ये घटना हुई साथी छात्रों ने उसे देखा और तुरंत एमजीएम में उसका इलाज किया, लेकिन हालत गंभीर बनी रही. बाद में उसी शाम उसे हैदराबाद के निम्स ले जाया गया. उस दिन से इलाज करा रही मेडिकल छात्रा की रविवार को मौत हो गई.
पिछले चार दिनों से निम्स स्थित एआरसीयू में विशेष चिकित्सा दल ने वेंटीलेटर और एकमो मशीन की मदद से उसका इलाज किया. डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य में सुधार के लिए काफी मेहनत की लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ रहे. डॉक्टरों का कहना है कि वारंगल के एमजीएम में एक बार धड़कन रुकी और फिर हैदराबाद के निम्स में भर्ती होने के बाद पांच बार.
एक विशेष मेडिकल टीम ने पूरी कोशिश की लेकिन छात्रा प्रीती की हालत में सुधार नहीं हुआ. जीवन के लिए संघर्ष कर रही मेडिकल छात्रा की रविवार को मौत हो गई. इससे परिवार के सदस्य और रिश्तेदार शोक में हैं.
पुलिस ने घटना की जांच तेज कर दी है. छात्रा प्रीती की मौत का कारण बने सीनियर छात्र सैफ को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज चुकी है. मेडिकल छात्रा की मौत को लेकर विपक्ष, आदिवासी समूह और छात्र संघ सरकार से नाराज हैं.
छात्र संघों ने निम्स के सामने विरोध जताया. छात्र संघों ने वारंगल में काकतीय मेडिकल कॉलेज और एमजीएम के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. वे सरकार से पीड़िता के परिवार के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल और एचवीओडी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए. छात्रों और जनसंघों की मांग है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.