काजीपेट (तेलंगाना): एक 70 वर्षीय महिला जिसके पति की मृत्यु हो गई है, उसे यह साबित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है कि उसने दोबारा शादी नहीं की है. हनुमाकोंडा जिले के काजीपेट स्थित दरगा रोड के ईपीएफ कार्यालय में छह माह से एक वृद्ध विधवा इस समस्या से जूझ रही है. हालांकि राजपत्रित अधिकारी ने प्रमाणित किया है कि उसने दोबारा शादी नहीं की है, लेकिन अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं.
हनुमाकोंडा जिले के रंगसैपेट की एक बुजुर्ग महिला रंगा अरुणा इस अजीब स्थिति का सामना कर रही हैं. पीड़िता के बेटे मोहन के मुताबिक अरुणा के पति आरटीसी में काम करते हुए रिटायर हो गए. पिछले साल कोविड से उनकी मृत्यु हो गई. उनका ईपीएफ में खाता है और मृतक की पत्नी अरुणा ने पेंशन के लिए आवेदन किया था. गैर-विवाह का प्रमाण पत्र एक राजपत्रित प्रधानाध्यापक द्वारा प्रस्तुत और हस्ताक्षरित किया जाता है.
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लेकिन ईपीएफ अधिकारी कह रहे हैं कि यह अमान्य है और किसी उच्च अधिकारी के हस्ताक्षर की आवश्यकता है. मोहन और उनकी मां ने दुख जताया कि ईपीएफ अधिकारियों ने पहले केवल राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर मांगे और अब उनके शब्द बदल रहे हैं. इस मामले में जब ईपीएफ अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने कहा कि नियमानुसार प्रमाण पत्र जमा करने पर ही पेंशन दी जाएगी. यह सही नहीं होने पर पेंशन देने के नियम को स्वीकार नहीं किया जाएगा.