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तेलंगाना विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने कसी कमर, बूथों को मजबूत करने पर कर ध्यान केंद्रित

तेलंगाना विधानसभा चुनाव बिल्कुल मुहाने पर है और राज्य में राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बना रही हैं. भारतीय जनता पार्टी इसके लिए योजना तैयार कर रही है और सीटों पर अपने उम्मीदवारों को कैसे जीत दिलाई जाए, इसे लेकर प्रचार-प्रसार का खाका तैयार किया जा रहा है. Telangana assembly elections, Bharatiya Janata Party, Lok Sabha Elections.

Telangana assembly elections
तेलंगाना विधानसभा चुनाव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 15, 2023, 10:54 PM IST

हैदराबाद: 23 सीटें, पार्टी नेतृत्व इस आंकड़े से तेलंगाना में बीजेपी की जीत का गणित शुरू करने की स्पष्ट रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा केवल गोशामहल सीट से जीती थी, लेकिन उसके बाद के लोकसभा चुनावों में, उसने 20 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की. साथ ही चार सांसद सीटें हासिल कीं. इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनावों में उसने दुब्बाका और हुजूराबाद में जीत हासिल की. मौजूदा चुनाव में वे सभी 23 सीटें जीतना चाहते हैं और इसी के आधार पर अन्य जगहों पर भगवा झंडा फहराने की योजना बनाई जा रही है.

बीजेपी की चुनावी रणनीति: भाजपा नेतृत्व ने उन स्थानों पर अपनी पकड़ बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां उसने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. तब की बढ़त को...अब जीत में बदलने के लिए मैदान से खास योजना बनाई गई है. पार्टी नेता लोकसभा चुनाव में लागू की गई बूथ स्तर की रणनीति पर अभी भी अमल कर रहे हैं. इसका उद्देश्य प्रत्येक मतदाता से मिलना और केंद्र के तहत हुई प्रगति को बताना है. अभी तक बूथ कमेटियां समय-समय पर विश्लेषण कर रही हैं.

समितियों के पदाधिकारियों से दो बार मंत्रणा की जा चुकी है.उम्मीदवारों के चयन सहित विभिन्न विषयों पर विशेष गतिविधियां तैयार की गई हैं. इनके अलावा राष्ट्रीय नेता आसपास के इलाकों को भी कवर करने के अभियान को प्राथमिकता दे रहे हैं. मैदानी स्तर पर स्थिति की जानकारी लेकर प्रदेश नेतृत्व को आवश्यक मार्गदर्शन दिया जा रहा है.

सांसद और प्रमुख नेता उम्मीदवार: बीजेपी ने करीमनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत करीमनगर, चोप्पाडांडी, वेमुलावाड़ा और मनकोंदुर में जीत हासिल की है. यहां सांसद के रूप में जीत हासिल करने वाले बंदी संजय को पार्टी ने करीमनगर विधायक उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. पार्टी ने चोप्पाडांडी में बोडिगे शोभा, वेमुलावाड़ा में विकास राव और मनकोंदुर में मोहन को टिकट दिया.

पिछले लोकसभा चुनाव में आदिलाबाद, निर्मल और मुथोल दोनों क्षेत्रों में भाजपा को स्पष्ट बढ़त मिली थी. यहां से जीते सांसद सोयम बापुराव दोनों से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. इसने निर्मल और मुथोल में कांग्रेस से आए महेश्वर रेड्डी और रामा राव को और आदिलाबाद में पिछले चुनाव की उम्मीदवार पायल शंकर को मैदान में उतारा.

अरविंद ने सांसद के रूप में जीत हासिल की, जबकि बीजेपी को निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्र के कोरुतला, अरमुरु, निज़ामाबाद ग्रामीण और बालकोंडा विधानसभा क्षेत्रों में स्पष्ट बढ़त मिली. अरविंद फिलहाल कोरुतला से चुनाव लड़ रहे हैं. बालकोंडा में अन्नपूर्णम्मा, आर्मूर में राकेश रेड्डी और निज़ामाबाद ग्रामीण में दिनेश कुमार मैदान में हैं.

किशन रेड्डी ने सिकंदराबाद में सांसद के रूप में जीत हासिल की. तत्कालीन आम चुनावों में, कमल दल ने जीएचएमसी के तहत मुशीराबाद, सिकंदराबाद, अंबरपेट, खैरताबाद और सनतनगर निर्वाचन क्षेत्रों और हैदराबाद एमपी निर्वाचन क्षेत्र के तहत गोशामहल में स्पष्ट बहुमत हासिल किया. अनुकूल घटनाक्रम को जारी रखने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद मैदान में उतरे.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने विशेष ध्यान दिया. उस समय, पार्टी महबूबनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत महबूबनगर और मकतल में आगे चल रही थी. उस पकड़ को बरकरार रखने के लिए मिथुन रेड्डी और जलंधर रेड्डी को टिकट दिया गया. दुब्बाका, हुजूराबाद और गोशामहल में भाजपा विधायकों की जीत महत्वपूर्ण हो गई.

दुब्बाका में विधायक रघुनंदन राव उम्मीदवारी तय होने से पहले से ही प्रचार कर रहे हैं. भाजपा राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एटाला राजेंदर... हुजूराबाद में लगातार जीत रहे हैं. उन्हें हुजूराबाद के साथ-साथ सीएम केसीआर के निर्वाचन क्षेत्र गजवेल से भी टिकट दिया गया है. दोनों पदों पर अलग-अलग रणनीति लागू की जा रही है. गोशामहल में विधायक राजसिंह को तीसरी बार जिताने की योजना बनाई गई है.

हैदराबाद: 23 सीटें, पार्टी नेतृत्व इस आंकड़े से तेलंगाना में बीजेपी की जीत का गणित शुरू करने की स्पष्ट रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा केवल गोशामहल सीट से जीती थी, लेकिन उसके बाद के लोकसभा चुनावों में, उसने 20 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की. साथ ही चार सांसद सीटें हासिल कीं. इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनावों में उसने दुब्बाका और हुजूराबाद में जीत हासिल की. मौजूदा चुनाव में वे सभी 23 सीटें जीतना चाहते हैं और इसी के आधार पर अन्य जगहों पर भगवा झंडा फहराने की योजना बनाई जा रही है.

बीजेपी की चुनावी रणनीति: भाजपा नेतृत्व ने उन स्थानों पर अपनी पकड़ बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां उसने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. तब की बढ़त को...अब जीत में बदलने के लिए मैदान से खास योजना बनाई गई है. पार्टी नेता लोकसभा चुनाव में लागू की गई बूथ स्तर की रणनीति पर अभी भी अमल कर रहे हैं. इसका उद्देश्य प्रत्येक मतदाता से मिलना और केंद्र के तहत हुई प्रगति को बताना है. अभी तक बूथ कमेटियां समय-समय पर विश्लेषण कर रही हैं.

समितियों के पदाधिकारियों से दो बार मंत्रणा की जा चुकी है.उम्मीदवारों के चयन सहित विभिन्न विषयों पर विशेष गतिविधियां तैयार की गई हैं. इनके अलावा राष्ट्रीय नेता आसपास के इलाकों को भी कवर करने के अभियान को प्राथमिकता दे रहे हैं. मैदानी स्तर पर स्थिति की जानकारी लेकर प्रदेश नेतृत्व को आवश्यक मार्गदर्शन दिया जा रहा है.

सांसद और प्रमुख नेता उम्मीदवार: बीजेपी ने करीमनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत करीमनगर, चोप्पाडांडी, वेमुलावाड़ा और मनकोंदुर में जीत हासिल की है. यहां सांसद के रूप में जीत हासिल करने वाले बंदी संजय को पार्टी ने करीमनगर विधायक उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है. पार्टी ने चोप्पाडांडी में बोडिगे शोभा, वेमुलावाड़ा में विकास राव और मनकोंदुर में मोहन को टिकट दिया.

पिछले लोकसभा चुनाव में आदिलाबाद, निर्मल और मुथोल दोनों क्षेत्रों में भाजपा को स्पष्ट बढ़त मिली थी. यहां से जीते सांसद सोयम बापुराव दोनों से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. इसने निर्मल और मुथोल में कांग्रेस से आए महेश्वर रेड्डी और रामा राव को और आदिलाबाद में पिछले चुनाव की उम्मीदवार पायल शंकर को मैदान में उतारा.

अरविंद ने सांसद के रूप में जीत हासिल की, जबकि बीजेपी को निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्र के कोरुतला, अरमुरु, निज़ामाबाद ग्रामीण और बालकोंडा विधानसभा क्षेत्रों में स्पष्ट बढ़त मिली. अरविंद फिलहाल कोरुतला से चुनाव लड़ रहे हैं. बालकोंडा में अन्नपूर्णम्मा, आर्मूर में राकेश रेड्डी और निज़ामाबाद ग्रामीण में दिनेश कुमार मैदान में हैं.

किशन रेड्डी ने सिकंदराबाद में सांसद के रूप में जीत हासिल की. तत्कालीन आम चुनावों में, कमल दल ने जीएचएमसी के तहत मुशीराबाद, सिकंदराबाद, अंबरपेट, खैरताबाद और सनतनगर निर्वाचन क्षेत्रों और हैदराबाद एमपी निर्वाचन क्षेत्र के तहत गोशामहल में स्पष्ट बहुमत हासिल किया. अनुकूल घटनाक्रम को जारी रखने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद मैदान में उतरे.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने विशेष ध्यान दिया. उस समय, पार्टी महबूबनगर लोकसभा क्षेत्र के तहत महबूबनगर और मकतल में आगे चल रही थी. उस पकड़ को बरकरार रखने के लिए मिथुन रेड्डी और जलंधर रेड्डी को टिकट दिया गया. दुब्बाका, हुजूराबाद और गोशामहल में भाजपा विधायकों की जीत महत्वपूर्ण हो गई.

दुब्बाका में विधायक रघुनंदन राव उम्मीदवारी तय होने से पहले से ही प्रचार कर रहे हैं. भाजपा राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एटाला राजेंदर... हुजूराबाद में लगातार जीत रहे हैं. उन्हें हुजूराबाद के साथ-साथ सीएम केसीआर के निर्वाचन क्षेत्र गजवेल से भी टिकट दिया गया है. दोनों पदों पर अलग-अलग रणनीति लागू की जा रही है. गोशामहल में विधायक राजसिंह को तीसरी बार जिताने की योजना बनाई गई है.

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