रायपुर: तेज गर्मी में प्यास लगना लाजमी है. प्यास लगने पर लोग पानी पीते हैं. लेकिन एक पौधा ऐसा भी है, जिसका पत्ता खा लेने के बाद प्यास ही नहीं (tejbal leaves will satisfy thirst) लगती. साथ ही ये पत्ता शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है. दरअसल, हिमाचल के तराई में मिलने वाला एक ऐसा पौधा तेजबल है, जिसके पत्ते को चबाने से प्यास नहीं लगती. छत्तीसगढ़ के जशपुर क्षेत्र में भी यह पौधा पाया जाता (Tejbal plant in Kailash cave in Jashpur ) है.
पौधे की पत्तियों को चबाने से प्यास नहीं लगता: पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एस. के.जाधव से ईटीवी भारत ने इस पत्ते के बारे में जानने की कोशिश की. उन्होंने बताया, "पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में "तेजबल" पौधे को लगाया गया है. इस पौधे में कई तरह की खासियत पाई जाती है. जिस पर बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के छात्रों द्वारा रिसर्च किया जा रहा है. इस पौधे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पौधे की पत्तियों को चबाने से प्यास का एहसास नहीं होता."
जशपुर क्षेत्र के कैलाश गुफा पास पाया जाता है ये पौधा: प्रोफेसर एल के जाधव ने बताया, " हिमालय के तराई में मिलने वाला पौधा तेजबल देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ के जशपुर क्षेत्र (Kailash cave in Jashpur) में पाया जाता है. इसकी प्लांटिंग रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में की गई है. तेजबल पौधा जशपुर क्षेत्र के कैलाश गुफा पास पाया जाता है. बहुत पहले जशपुर क्षेत्र के ऋषियों ने इस पौधे की खोज की थी. ट्राइबल्स एक गांव से दूसरे गांव जाते हैं तो इस की टहनी को जेब में रखकर चलते है. इस पौधे की पत्तियों को मुंह में रखने से प्यास का एहसास नहीं होता है.
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ऐसे पहचानें तेजबल का पौधा:
- तेजबल पौधा झाड़ी के प्रजाति का होता है.
- तेजबल के पौधे में नीचे से ऊपर तक कांटे होते हैं.
- तेजबल पौधे की पत्ते छोटे अण्डा आकार की होती है.
- सिर्फ ठंडे इलाकों में पाया जाता है यह पौधा.
- तेजबल पौधे की पत्तियों में छोटे-छोटे बहुत सारे दाने होते हैं.
तेजबल पौधे की खासियत:
- ठंडे प्रकृति का होने की वजह से ये पौधा ठंडे इलाकों में पाया जाता है.
- तेजबल पौधे के पत्ते को चबाने से प्यास नहीं लगती है.
- तेजबल लकड़ी को जेब मे रखने से निगेटिव एनर्जी पास में नहीं भटकती.
- तेजबल की लकड़ी को घर में रखने से सांप, बिच्छू, नेवला जैसे जंतु घर में नहीं आते.
डॉक्टरों की मानें तो तेजबल का पौधा दांतों और मुंह के रोगों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. आयुर्वेदाचार्यों की मानें तो आयुर्वेदिक में तेजबल का इस्तेमाल दांत में दर्द, बवासीर, लकवा और हैजा जैसी बीमारियों में किया जाता है. तेजबल का पौधा पेट के रोग की बीमारी में बेहद लाभदायक है. इसका सेवन करने से आंतों में सूजन कम होता है.