कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कुछ अपराधी राज्य को पूरी तरह बर्बाद करने पर उतारू हैं. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने यह टिप्पणी यह सुनने के बाद की, कि शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के लिए ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट और एडमिट कार्ड की कॉपीज युवा तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष के आवास से बरामद की गई हैं, जिन्हें 21 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था.
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, यह कैसे संभव है? मैं कुंतल घोष से पूछूंगा कि उनके आवास से ओएमआर शीट और एडमिट कार्ड कैसे बरामद हुए. कुछ अपराधी इस राज्य को बर्बाद करने पर उतारू हैं. इस मौके पर उन्होंने वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) पर भी निशाना साधा. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, बोर्ड में शो कौन चला रहा है? भ्रष्टाचार इतना कैसे बढ़ सकता है? कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कुछ नहीं करते. लेकिन वे तब प्रतिक्रिया देंगे जब पीड़ित अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. किसी को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही, मैं सुपर-न्यूमेरिक पदों के निर्माण की अनुमति नहीं दूंगा, जो ऐसी भ्रष्ट गतिविधियों को छिपाने के अलावा और कुछ नहीं है.
ईडी के अधिकारी पहले ही ऐसे 35 लोगों की पहचान कर चुके हैं, जिन्हें घोष को अच्छी रकम देने के बाद भर्ती किया गया था और ये सभी वर्तमान में पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं. घोष ने ईडी के सामने अलग-अलग उम्मीदवारों से एक हिस्से के रूप में 19 करोड़ रुपये लेने की बात कबूल की है और केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को यह भी बताया कि 19 करोड़ रुपये में से उसने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को 15 करोड़ रुपये दिए, जो इस समय घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी को कुंतल घोष के खिलाफ शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्रों के चयनात्मक लीक के विशिष्ट सुराग भी मिले हैं. तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को संकेत दिया था कि पार्थ चटर्जी की तरह घोष के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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(आईएएनएस)