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कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ीं, आतंकियों के निशाने पर हैं आम नागरिक - कश्मीरी पंडितों में गुस्सा

जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग (Target killing in jammu kashmir) के मामले तेजी से बढ़े हैं. आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. हाल में हुई टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद कश्मीरी पंडितों में भी गुस्सा है. उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से सुरक्षा की गुहार लगाई है. दहशतगर्दों ने कब-कब आम लोगों को निशाना बनाया, पढ़िए खास रिपोर्ट.

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जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग
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Published : Jun 2, 2022, 10:10 AM IST

Updated : Jun 2, 2022, 12:14 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मारे गए नागरिकों की संख्या में इस साल तेजी से इजाफा हुआ है. 2022 के पहले पांच महीनों में 17 आम नागरिक मारे जा चुके हैं. साल 2020 के बाद से ये संख्या सबसे ज्यादा है. 16 आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों में 12 बहुसंख्यक समुदाय के थे जबकि बाकी पांच अल्पसंख्यक समुदाय से थे. जम्मू और कश्मीर पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि आम नागरिकों और टारगेट किलिंग के मामले में जनवरी का महीना शांतिपूर्ण रहा. फरवरी में एक हत्या हुई. मार्च और मई में क्रमशः आठ और छह नागरिक मारे गए. अप्रैल में दो हत्याएं दर्ज की गई हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 'मारे गए नागरिकों में 12 कश्मीरी मुसलमान थे, जबकि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के थे. कश्मीर प्रांत के बडगाम और कुलगाम में चार-चार नागरिक हत्याएं दर्ज की गई हैं, श्रीनगर और शोपियां में तीन-तीन, बारामूला में दो जबकि जम्मू प्रांत के उधमपुर में एक हत्या दर्ज की गई है.' उनके मुताबिक, 'आतंकवादियों ने जिन 17 नागरिकों को मारा है, उनमें 14 को आईईडी, ग्रेनेड से निशाना बनाया, या फिर टारगेट किलिंग की. जबकि बाकी तीन मौतें आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हुईं. ये तीन नागरिक फायरिंग की चपेट में आ गए.' अधिकारी ने कहा, 'लगभग सभी मामलों को सुलझा लिया गया है और हमलावरों (आतंकवादियों) को निष्क्रिय कर दिया गया है. केवल रजनी बाला (31 मई को आतंकवादियों द्वारा मारी गई शिक्षक) के हमलावर ज्यादा हैं, उन्हें भी जल्द ही निष्क्रिय कर दिया जाएगा.'

टारगेट किलिंग के मामले बढ़े : अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादियों ने अब न केवल सुरक्षा बलों पर बल्कि नागरिकों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं. इस साल आतंकवादियों ने नौ नागरिकों को मारा है, जबकि छह सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हुए हैं. टारगेट किलिंग बढ़ रही हैं. अधिकतर मामले मार्च और मई में दर्ज किए गए हैं. इन दो महीनों में पांच पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग मारे गए.' उन्होंने कहा कि 'आतंकवादी इन हमलों के लिए हाइब्रिड का उपयोग कर रहे हैं. वह अब पुलिस के रिश्तेदारों और अन्य प्रमुख लोगों पर हमले कर रहे हैं. एसजीसीटी सैफुल्ला कादरी की बेटी, सीटी इशफाक अहमद डार के भाई और अंबरीन भट के भतीजे आतंकवादियों के जघन्य कृत्यों के उदाहरण हैं. इतना ही नहीं चार निर्वाचित प्रतिनिधि (पंच और सरपंच) भी टारगेट अटैक में मारे गए हैं.'

जानिए कब और किसे बनाया गया निशाना

1.शकील अहमद खान (आम नागरिक) : 25 फरवरी, 2022 को अम्शीपोरा (शोपियां) के रहने वाले शकील अहमद खान की इलाके में मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों की अंधाधुंध फायरिंग में मौत हो गई. पुलिस ने दावा किया है कि गंभीर रूप से घायल होने के बात उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत हो गई.

2. मोहम्मद याकूब डार (पंच) : 2 मार्च 2022 को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के कुलपोरा सरांड्रू इलाके में टारगेट किलिंग की घटना हुई. यहां आतंकवादियों ने पंच मोहम्मद याकूब डार को गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया.

3. मोहम्मद असलम मकदूमी और राफिया नज़ीरो (आम नागरिक) : 6 मार्च 2022 को श्रीनगर शहर के बीचों-बीच ग्रेनेड हमले में 55 वर्षीय मोहम्मद असलम मकदूमी और 19 वर्षीय राफिया नजीर की मौत हो गई. प्रतिभाशाली राफिया ने हाल ही में बारहवीं की परीक्षा पास की थी, जिसमें उसे साइंस में 94 प्रतिशत अंक मिले थे. हमले के दो दिन बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया.

4. जुगल कुमार (आम नागरिक) : 9 मार्च 2022 को उधमपुर जिले के एक व्यस्त बाजार में कम तीव्रता वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में जुगल कुमार की मौत हो गई.

5. समीर भाटी (सरपंच) : 9 मार्च 2022 को श्रीनगर जिले के बाहरी इलाके खोनमोह में स्थानीय पंचायत के सरपंच भट को आतंकवादियों ने गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) से संबद्ध थे.

6. शब्बीर अहमद मीर (सरपंच) : 11 मार्च 2022 को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की घटना में कुलगाम जिले की स्थानीय पंचायत के सरपंच शब्बीर अहमद मीर को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी. अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मीर श्रीनगर के राजबाग में एक सुरक्षित होटल में ठहरे थे. जिस दिन वह मारे गए, उसी दिन वह अपने पैतृक स्थान पर आए थे.

7. तजामुल मोहि-उद-दीन राथर ( Tajamul Mohi-ud-Din Rather) : 21 मार्च 2022 को बडगाम के गोटपोरा इलाके में आम नागरिक राथर को उनके आवास के बाहर संदिग्ध आतंकियों ने गोली मार दी.श्रीनगर के अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया.

8. उमर जान डार (आम नागरिक) : 26 मार्च 2022 को जम्मू-कश्मीर के विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) इश्फाक अहमद डार और उनके भाई उमर जान डार पर बडगाम जिले में उनके आवास पर संदिग्ध आतंकवादियों ने फायरिंग की.पुलिस के मुताबिक इश्फाक आतंकियों के निशाने पर था लेकिन उमर भी फायरिंग की चपेट में आ गया.

9. सतीश कुमार सिंह (आम नागरिक) : 13 अप्रैल 2022 को कुलगाम के काकरान गांव में सिंह को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई. अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. सिंह ड्राइवर थे. वह लगभग 70 साल पहले पंजाब से आकर कुलगाम और शोपियां की सीमा के इलाकों में बसे राजपूत समुदाय से थे. सिंह की हत्या से दो सप्ताह पहले पुलवामा में प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाकर पांच हमले किए गए. इन हमलों में सात लोग घायल हुए. घायल होने वालों में तीन-तीन लोग पंजाब और बिहार के थे, जबकि एक उत्तर प्रदेश का नागरिक था.

10. मंजूर अहमद बंगारू (सरपंच) : 15 अप्रैल 2022 को बारामूला जिले की एक पंचायत के सरपंच बंगारू को पट्टन क्षेत्र के गोशबग में आतंकवादियों ने गोली मार दी.उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया.

11. शाहिद गनी डार (आम नागरिक) : 9 मई 2022 को शोपियां में सुरक्षाबलों ओर आतंकियों की मुठभेड़ हुई. क्रॉस फायरिंग में घायल होने के बाद डार ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. शोपियां जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान दो नागरिक और सेना का एक जवान घायल हुआ था. डार 18 साल का था.

12. राहुल भाटी (आम नागरिक) : 12 मई 2022 को मध्य कश्मीर के चदूरा इलाके में आतंकियों ने राहुल भट की हत्या कर दी. वह बडगाम के तहसील कार्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत था. टारगेट किलिंग से घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है. तीन दिन बाद, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को इस घटना की जांच का आदेश दिया. हालांकि, बांदीपोरा में मुठभेड़ के दौरान हत्या में शामिल दो विदेशी आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद पुलिस ने मामले को सुलझाने का दावा किया है.

13. शोएब अहमद गनी (आम नागरिक) : 15 मई 2022 को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के तुर्कवांगम गांव में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में गनी मारा गया. शोएब एक ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की दुकान चला रहा था. पुलिस ने कहा कि तलाशी अभियान के लिए इलाके में मौजूद पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की. इसी फायरिंग में गनी को गोली लगी. पुलिस ने कहा कि उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसने दम तोड़ दिया.

14. रणजीत सिंह (आम नागरिक) : 17 मई 2022 को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में स्थित एक शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला किया गया. इसमें कर्मचारी रणजीत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनके तीन सहयोगी घायल हो गए. दुकान हाल ही में जम्मू के एक निवासी को आवंटित होने के बाद खोली गई थी. पुलिस के मुताबिक हमलावर नकाबपोश थे और ग्रेनेड फेंक कर मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गए.

15. अमरीन भट (आम नागरिक) : 25 मई 2022 को बडगाम के चदूरा इलाके में अज्ञात आतंकवादियों ने कश्मीरी 'टीवी एक्ट्रेस' अमरीन भट की हत्या कर दी, जबकि उनका 10 वर्षीय भतीजा घायल हो गया. टीवी कलाकार अमरीन भट के बहनोई जुबैर अहमद ने दावा किया है कि 'दो लोग उनसे मिलने घर आए थे, जब वह बाहर निकलीं तो हत्या कर दी.'

16. रजनी बाला (आम नागरिक) : 31 मई 2022 को कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में स्कूल परिसर में घुसकर आतंकियों ने शिक्षिका 36 वर्षीय रजनी के सिर में गोली मार दी. अस्पताल में उनकी मौत हो गई. बाला सांबा जिले की रहने वाली थीं, लेकिन कुलगाम के एक सरकारी स्कूल में तैनात थीं. कश्मीर में एक हिंदू कर्मचारी की इस तरह से की गई ये दूसरी हत्या है.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग : कुलगाम में आतंकियों ने की बैंक मैनेजर की हत्या

पढ़ें- कुलगाम शिक्षिका हत्याकांड के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने किया सड़क जाम

पढ़ें : जम्मू कश्मीर: कुलगाम में आतंकियों ने की शिक्षिका की गोली मारकर हत्या

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मारे गए नागरिकों की संख्या में इस साल तेजी से इजाफा हुआ है. 2022 के पहले पांच महीनों में 17 आम नागरिक मारे जा चुके हैं. साल 2020 के बाद से ये संख्या सबसे ज्यादा है. 16 आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों में 12 बहुसंख्यक समुदाय के थे जबकि बाकी पांच अल्पसंख्यक समुदाय से थे. जम्मू और कश्मीर पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि आम नागरिकों और टारगेट किलिंग के मामले में जनवरी का महीना शांतिपूर्ण रहा. फरवरी में एक हत्या हुई. मार्च और मई में क्रमशः आठ और छह नागरिक मारे गए. अप्रैल में दो हत्याएं दर्ज की गई हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 'मारे गए नागरिकों में 12 कश्मीरी मुसलमान थे, जबकि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के थे. कश्मीर प्रांत के बडगाम और कुलगाम में चार-चार नागरिक हत्याएं दर्ज की गई हैं, श्रीनगर और शोपियां में तीन-तीन, बारामूला में दो जबकि जम्मू प्रांत के उधमपुर में एक हत्या दर्ज की गई है.' उनके मुताबिक, 'आतंकवादियों ने जिन 17 नागरिकों को मारा है, उनमें 14 को आईईडी, ग्रेनेड से निशाना बनाया, या फिर टारगेट किलिंग की. जबकि बाकी तीन मौतें आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हुईं. ये तीन नागरिक फायरिंग की चपेट में आ गए.' अधिकारी ने कहा, 'लगभग सभी मामलों को सुलझा लिया गया है और हमलावरों (आतंकवादियों) को निष्क्रिय कर दिया गया है. केवल रजनी बाला (31 मई को आतंकवादियों द्वारा मारी गई शिक्षक) के हमलावर ज्यादा हैं, उन्हें भी जल्द ही निष्क्रिय कर दिया जाएगा.'

टारगेट किलिंग के मामले बढ़े : अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादियों ने अब न केवल सुरक्षा बलों पर बल्कि नागरिकों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं. इस साल आतंकवादियों ने नौ नागरिकों को मारा है, जबकि छह सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हुए हैं. टारगेट किलिंग बढ़ रही हैं. अधिकतर मामले मार्च और मई में दर्ज किए गए हैं. इन दो महीनों में पांच पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग मारे गए.' उन्होंने कहा कि 'आतंकवादी इन हमलों के लिए हाइब्रिड का उपयोग कर रहे हैं. वह अब पुलिस के रिश्तेदारों और अन्य प्रमुख लोगों पर हमले कर रहे हैं. एसजीसीटी सैफुल्ला कादरी की बेटी, सीटी इशफाक अहमद डार के भाई और अंबरीन भट के भतीजे आतंकवादियों के जघन्य कृत्यों के उदाहरण हैं. इतना ही नहीं चार निर्वाचित प्रतिनिधि (पंच और सरपंच) भी टारगेट अटैक में मारे गए हैं.'

जानिए कब और किसे बनाया गया निशाना

1.शकील अहमद खान (आम नागरिक) : 25 फरवरी, 2022 को अम्शीपोरा (शोपियां) के रहने वाले शकील अहमद खान की इलाके में मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों की अंधाधुंध फायरिंग में मौत हो गई. पुलिस ने दावा किया है कि गंभीर रूप से घायल होने के बात उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत हो गई.

2. मोहम्मद याकूब डार (पंच) : 2 मार्च 2022 को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के कुलपोरा सरांड्रू इलाके में टारगेट किलिंग की घटना हुई. यहां आतंकवादियों ने पंच मोहम्मद याकूब डार को गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया.

3. मोहम्मद असलम मकदूमी और राफिया नज़ीरो (आम नागरिक) : 6 मार्च 2022 को श्रीनगर शहर के बीचों-बीच ग्रेनेड हमले में 55 वर्षीय मोहम्मद असलम मकदूमी और 19 वर्षीय राफिया नजीर की मौत हो गई. प्रतिभाशाली राफिया ने हाल ही में बारहवीं की परीक्षा पास की थी, जिसमें उसे साइंस में 94 प्रतिशत अंक मिले थे. हमले के दो दिन बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया.

4. जुगल कुमार (आम नागरिक) : 9 मार्च 2022 को उधमपुर जिले के एक व्यस्त बाजार में कम तीव्रता वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में जुगल कुमार की मौत हो गई.

5. समीर भाटी (सरपंच) : 9 मार्च 2022 को श्रीनगर जिले के बाहरी इलाके खोनमोह में स्थानीय पंचायत के सरपंच भट को आतंकवादियों ने गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) से संबद्ध थे.

6. शब्बीर अहमद मीर (सरपंच) : 11 मार्च 2022 को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की घटना में कुलगाम जिले की स्थानीय पंचायत के सरपंच शब्बीर अहमद मीर को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी. अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मीर श्रीनगर के राजबाग में एक सुरक्षित होटल में ठहरे थे. जिस दिन वह मारे गए, उसी दिन वह अपने पैतृक स्थान पर आए थे.

7. तजामुल मोहि-उद-दीन राथर ( Tajamul Mohi-ud-Din Rather) : 21 मार्च 2022 को बडगाम के गोटपोरा इलाके में आम नागरिक राथर को उनके आवास के बाहर संदिग्ध आतंकियों ने गोली मार दी.श्रीनगर के अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया.

8. उमर जान डार (आम नागरिक) : 26 मार्च 2022 को जम्मू-कश्मीर के विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) इश्फाक अहमद डार और उनके भाई उमर जान डार पर बडगाम जिले में उनके आवास पर संदिग्ध आतंकवादियों ने फायरिंग की.पुलिस के मुताबिक इश्फाक आतंकियों के निशाने पर था लेकिन उमर भी फायरिंग की चपेट में आ गया.

9. सतीश कुमार सिंह (आम नागरिक) : 13 अप्रैल 2022 को कुलगाम के काकरान गांव में सिंह को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई. अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया. सिंह ड्राइवर थे. वह लगभग 70 साल पहले पंजाब से आकर कुलगाम और शोपियां की सीमा के इलाकों में बसे राजपूत समुदाय से थे. सिंह की हत्या से दो सप्ताह पहले पुलवामा में प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाकर पांच हमले किए गए. इन हमलों में सात लोग घायल हुए. घायल होने वालों में तीन-तीन लोग पंजाब और बिहार के थे, जबकि एक उत्तर प्रदेश का नागरिक था.

10. मंजूर अहमद बंगारू (सरपंच) : 15 अप्रैल 2022 को बारामूला जिले की एक पंचायत के सरपंच बंगारू को पट्टन क्षेत्र के गोशबग में आतंकवादियों ने गोली मार दी.उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया.

11. शाहिद गनी डार (आम नागरिक) : 9 मई 2022 को शोपियां में सुरक्षाबलों ओर आतंकियों की मुठभेड़ हुई. क्रॉस फायरिंग में घायल होने के बाद डार ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. शोपियां जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान दो नागरिक और सेना का एक जवान घायल हुआ था. डार 18 साल का था.

12. राहुल भाटी (आम नागरिक) : 12 मई 2022 को मध्य कश्मीर के चदूरा इलाके में आतंकियों ने राहुल भट की हत्या कर दी. वह बडगाम के तहसील कार्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत था. टारगेट किलिंग से घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल है. तीन दिन बाद, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विशेष जांच दल (एसआईटी) को इस घटना की जांच का आदेश दिया. हालांकि, बांदीपोरा में मुठभेड़ के दौरान हत्या में शामिल दो विदेशी आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद पुलिस ने मामले को सुलझाने का दावा किया है.

13. शोएब अहमद गनी (आम नागरिक) : 15 मई 2022 को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के तुर्कवांगम गांव में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में गनी मारा गया. शोएब एक ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स की दुकान चला रहा था. पुलिस ने कहा कि तलाशी अभियान के लिए इलाके में मौजूद पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की. इसी फायरिंग में गनी को गोली लगी. पुलिस ने कहा कि उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसने दम तोड़ दिया.

14. रणजीत सिंह (आम नागरिक) : 17 मई 2022 को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में हाई सिक्योरिटी वाले इलाके में स्थित एक शराब दुकान पर ग्रेनेड हमला किया गया. इसमें कर्मचारी रणजीत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनके तीन सहयोगी घायल हो गए. दुकान हाल ही में जम्मू के एक निवासी को आवंटित होने के बाद खोली गई थी. पुलिस के मुताबिक हमलावर नकाबपोश थे और ग्रेनेड फेंक कर मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गए.

15. अमरीन भट (आम नागरिक) : 25 मई 2022 को बडगाम के चदूरा इलाके में अज्ञात आतंकवादियों ने कश्मीरी 'टीवी एक्ट्रेस' अमरीन भट की हत्या कर दी, जबकि उनका 10 वर्षीय भतीजा घायल हो गया. टीवी कलाकार अमरीन भट के बहनोई जुबैर अहमद ने दावा किया है कि 'दो लोग उनसे मिलने घर आए थे, जब वह बाहर निकलीं तो हत्या कर दी.'

16. रजनी बाला (आम नागरिक) : 31 मई 2022 को कुलगाम के गोपालपोरा इलाके में स्कूल परिसर में घुसकर आतंकियों ने शिक्षिका 36 वर्षीय रजनी के सिर में गोली मार दी. अस्पताल में उनकी मौत हो गई. बाला सांबा जिले की रहने वाली थीं, लेकिन कुलगाम के एक सरकारी स्कूल में तैनात थीं. कश्मीर में एक हिंदू कर्मचारी की इस तरह से की गई ये दूसरी हत्या है.

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Last Updated : Jun 2, 2022, 12:14 PM IST
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