नई दिल्ली: डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार स्पेशल सेल की साइबर सेल सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस दौरान उन्होंने देखा कि एक फर्जी वीडियो ट्विटर पर कुछ ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. वास्तव में यह वीडियो बीते नाै दिसंबर को आयोजित हुई कैबिनेट मीटिंग का है जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के बाद आयोजित की गई थी. यह वीडियो कई न्यूज़ पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मकसद एवं लोगों के बीच में दुश्मनी पैदा करने के लिए इस वीडियो को मॉर्फ्ड किया और उस पर नया वॉइस ओवर कर उसे ट्वीट कर दिया.
ट्वीट किए गए इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यह बैठक सिख समुदाय के खिलाफ आयोजित की गई थी. लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने के मकसद से यह वीडियो वॉइस ओवर के साथ तैयार किया गया था. इस वीडियो से धार्मिक भावनाएं आहत करने एवं लोगों के बीच दुश्मनी फैलने का खतरा है. इसकी वजह से साइबर सेल ने आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया है. इस पूरे मामले को लेकर छानबीन की जा रही है.
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प्राथमिक जांच में साइबर सेल को पता चला है कि इस वीडियो को शुरुआत में @simrankaur0507 और @eshelkaur1 नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आगे बढ़ाया गया था. दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के फर्जी वीडियो पर भरोसा ना करें और इस तरह के वीडियो को बिना जांचे आगे ना बढ़ाए. पीआईबी द्वारा भी इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से फेक बताया गया है.