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तमिलनाडु में 'उगते सूरज' की वापसी, एमके स्टालिन की अगुवाई में डीएमके की बनेगी सरकार - डीएमके का उगता सूरज

तमिलनाडु में 10 साल बाद डीएमके की सत्ता में वापसी हुई है. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन की अगुवाई में डीएमके और सहयोगी दलों ने शानदार प्रदर्शन कर ये जीत हासिल की है. वहीं सत्ता पर काबिज होने की हैट्रिक बनाने का ख्वाब देख रही एआईएडीएमके को विपक्ष में बैठना होगा. उधर केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में एआईएनआरसी और बीजेपी ने मिलकर बहुमत का जादुई आंकड़ा छू लिया है.

तमिलनाडु में डीएमके की वापसी
तमिलनाडु में डीएमके की वापसी
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Published : May 3, 2021, 4:37 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु की सत्ता में डीएमके की जबरदस्त वापसी हुई है. डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन 7 मई को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उगता हुआ सूरज (rising sun) डीएमके का चुनाव चिह्न है और एमके स्टालिन ने भी एक बेटे (son) के रूप में अपने दिवंगत पिता और पार्टी के संरक्षक रहे एम करुणानिधी की सियासी विरासत को बखूबी संभाला है. 10 साल विपक्ष में रहने के बाद डीएमके का सूरज फिर से तमिलनाडु के आसमान पर छाया है.

234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 118 है और डीएमके और उसके सहयोगियों को 159 सीटों पर जीत मिली है. मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल भी डीएमके की ही सरकार बनवा रहे थे.

'उगते सूरज' की वापसी

डीएमके के कई दिग्गज और क्षत्रपों को जीत मिली है लेकिन कई सीटों पर जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम है, ऐसा ही हाल विधानसभा चुनाव-2016 में भी देखा गया था. स्टालिन ने कोलाथुर सीट पर अपना दबदबा कायम रखा और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेपॉक सीट से 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर चुनावी सियासत में जबरदस्त एंट्री की है. डीएमके समर्थकों और कार्यकर्ताओं का जश्न शुरूआती रूझान से साथ ही शुरू हो गया मगर दोपहर तक यह सभी मुख्य शहरों मे देखने को मिला.

एमके स्लाटिन और उदयनिधि स्टालिन
एमके स्लाटिन और उदयनिधि स्टालिन

वैसी डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को भी इस चुनाव में फायदा हुआ है. 25 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को 18 सीटों पर सफलता मिली है. सीपीएम और सीपीआई ने 2-2 सीटें जीती हैं जबकि डीएमके के अन्य सहयोगियों ने भी 12 सीटों पर जीत हासिल की है.

एआईएडीएमके नहीं लगा पाई जीत की 'हैट्रिक'

दो बार से सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके को अब विपक्ष में बैठना होगा. एआईएडीएमके गठबंधन को कुल 75 सीटें ही मिली हैं जिनमें से 65 सीटें एआईएडीएमके के खाते में है. वहीं पीएमके को पांच, बीजेपी को चार सीटें मिली हैं. मुख्यमंत्री पलानीसामी और उनके मुट्ठी भर कैबिनेट मंत्रियों ने चुनावों ने जीत हासिल की है. उम्मीद के विपरीत पार्टी को 65 सीटें मिली हैं. जयललिता जैसी करिश्माई नेता की गैर मौजूदगी और शशिकला-टीटीवी धिनकरन फैक्टर के बीच ई. पलानीसामी की अगुवाई में इसे 'सम्मानजनक हार' कहा जाएगा. जो भविष्य में एआईएडीएमके पार्टी पर पलानीसामी की पकड़ को मजबूत करेगी. इस बीच ये भी नहीं भूलना चाहिए कि एआईडीएमके बीते 10 साल से सत्ता में है और इस बार सत्ता विरोधी लहर के बीच चुनावी संग्राम में उतरे थे.

अब विपक्ष में एआईएडीएमके
अब विपक्ष में एआईएडीएमके

एआईएडीएमके प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में अच्छी स्थिति में है, जो पार्टी का एक मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. मुख्यमंत्री का इस क्षेत्र से आना भी इसकी एक वजह है. वोट शेयर के मामले में भी एआईएडीएमके ने डीएमके के साथ अंतर को बहुत कम कर दिया, डीएमके का वोटर शेयर 37.43 फीसदी है और एआईएडीएमके का 33.81 फीसदी वोट शेयर है.

इन चुनावों के नतीजों में एक बार फिर द्रमुक और अन्नाद्रमुक दो ही दलों का वर्चस्व दिखा है. यहां राष्ट्रीय दलों के लिए बहुत कुछ नहीं है और जो कुछ है भी उसके लिए भी इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर निर्भर रहना पड़ता है.

पुडुचेरी में 'कमल' का कमाल

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में पूर्व सीएम एन रंगासामी की एआईएनआरसी पार्टी की अगुवाई में एनडीए अगली सरकार बनाने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि पुडुचेरी में बीजेपी ने चुनाव से पहले आखिरी वक्त में एआईएनआरसी के साथ ये चुनावी समझौता किया था. एआईएनआरसी को 10 और बीजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली है. इस जीत के साथ सरकार में बीजेपी की हिस्सेदारी भी तय है. ऐसे में बीजेपी के लिए ये समझौता सुदूर दक्षिण में कमल खिलाने के लिए लाभदायक साबित हुआ है.

पुडुचेरी में नई सरकार
पुडुचेरी में नई सरकार

सितारे जमीन पर

तमिलनाडु के चुनावी संग्राम में राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के साथ सियासी संग्राम पर उतरे फिल्मी सितारे ज़मीन पर आ गए हैं. सुपरस्टार कमल हासन की पार्टी एमएनएम कई सीटों पर तीसरे और चौथे स्थान पर रही. वो खुद भी कोयंबटूर दक्षिण से चुनाव हार गए हैं, पार्टी का खाता तक नहीं खुला.

चुनाव में सितारों की हार
चुनाव में सितारों की हार

बीजेपी का कमल थामकर चुनाव मैदान में उतरी एक्ट्रेस खुशबू सुंदर थाउसेंड लाइट्स विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गईं. वो बीजेपी की स्टार प्रचारक भी थीं. उनकी लोकप्रियता ना पार्टी के लिए उपयोगी साबित हुई और ना ही उनके लिए.

ये भी पढ़े: सादगी के साथ होगा शपथ ग्रहण समारोह : स्टालिन

चेन्नई: तमिलनाडु की सत्ता में डीएमके की जबरदस्त वापसी हुई है. डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन 7 मई को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उगता हुआ सूरज (rising sun) डीएमके का चुनाव चिह्न है और एमके स्टालिन ने भी एक बेटे (son) के रूप में अपने दिवंगत पिता और पार्टी के संरक्षक रहे एम करुणानिधी की सियासी विरासत को बखूबी संभाला है. 10 साल विपक्ष में रहने के बाद डीएमके का सूरज फिर से तमिलनाडु के आसमान पर छाया है.

234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 118 है और डीएमके और उसके सहयोगियों को 159 सीटों पर जीत मिली है. मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल भी डीएमके की ही सरकार बनवा रहे थे.

'उगते सूरज' की वापसी

डीएमके के कई दिग्गज और क्षत्रपों को जीत मिली है लेकिन कई सीटों पर जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम है, ऐसा ही हाल विधानसभा चुनाव-2016 में भी देखा गया था. स्टालिन ने कोलाथुर सीट पर अपना दबदबा कायम रखा और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेपॉक सीट से 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर चुनावी सियासत में जबरदस्त एंट्री की है. डीएमके समर्थकों और कार्यकर्ताओं का जश्न शुरूआती रूझान से साथ ही शुरू हो गया मगर दोपहर तक यह सभी मुख्य शहरों मे देखने को मिला.

एमके स्लाटिन और उदयनिधि स्टालिन
एमके स्लाटिन और उदयनिधि स्टालिन

वैसी डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को भी इस चुनाव में फायदा हुआ है. 25 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को 18 सीटों पर सफलता मिली है. सीपीएम और सीपीआई ने 2-2 सीटें जीती हैं जबकि डीएमके के अन्य सहयोगियों ने भी 12 सीटों पर जीत हासिल की है.

एआईएडीएमके नहीं लगा पाई जीत की 'हैट्रिक'

दो बार से सत्ता पर काबिज एआईएडीएमके को अब विपक्ष में बैठना होगा. एआईएडीएमके गठबंधन को कुल 75 सीटें ही मिली हैं जिनमें से 65 सीटें एआईएडीएमके के खाते में है. वहीं पीएमके को पांच, बीजेपी को चार सीटें मिली हैं. मुख्यमंत्री पलानीसामी और उनके मुट्ठी भर कैबिनेट मंत्रियों ने चुनावों ने जीत हासिल की है. उम्मीद के विपरीत पार्टी को 65 सीटें मिली हैं. जयललिता जैसी करिश्माई नेता की गैर मौजूदगी और शशिकला-टीटीवी धिनकरन फैक्टर के बीच ई. पलानीसामी की अगुवाई में इसे 'सम्मानजनक हार' कहा जाएगा. जो भविष्य में एआईएडीएमके पार्टी पर पलानीसामी की पकड़ को मजबूत करेगी. इस बीच ये भी नहीं भूलना चाहिए कि एआईडीएमके बीते 10 साल से सत्ता में है और इस बार सत्ता विरोधी लहर के बीच चुनावी संग्राम में उतरे थे.

अब विपक्ष में एआईएडीएमके
अब विपक्ष में एआईएडीएमके

एआईएडीएमके प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में अच्छी स्थिति में है, जो पार्टी का एक मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. मुख्यमंत्री का इस क्षेत्र से आना भी इसकी एक वजह है. वोट शेयर के मामले में भी एआईएडीएमके ने डीएमके के साथ अंतर को बहुत कम कर दिया, डीएमके का वोटर शेयर 37.43 फीसदी है और एआईएडीएमके का 33.81 फीसदी वोट शेयर है.

इन चुनावों के नतीजों में एक बार फिर द्रमुक और अन्नाद्रमुक दो ही दलों का वर्चस्व दिखा है. यहां राष्ट्रीय दलों के लिए बहुत कुछ नहीं है और जो कुछ है भी उसके लिए भी इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर निर्भर रहना पड़ता है.

पुडुचेरी में 'कमल' का कमाल

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में पूर्व सीएम एन रंगासामी की एआईएनआरसी पार्टी की अगुवाई में एनडीए अगली सरकार बनाने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि पुडुचेरी में बीजेपी ने चुनाव से पहले आखिरी वक्त में एआईएनआरसी के साथ ये चुनावी समझौता किया था. एआईएनआरसी को 10 और बीजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली है. इस जीत के साथ सरकार में बीजेपी की हिस्सेदारी भी तय है. ऐसे में बीजेपी के लिए ये समझौता सुदूर दक्षिण में कमल खिलाने के लिए लाभदायक साबित हुआ है.

पुडुचेरी में नई सरकार
पुडुचेरी में नई सरकार

सितारे जमीन पर

तमिलनाडु के चुनावी संग्राम में राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के साथ सियासी संग्राम पर उतरे फिल्मी सितारे ज़मीन पर आ गए हैं. सुपरस्टार कमल हासन की पार्टी एमएनएम कई सीटों पर तीसरे और चौथे स्थान पर रही. वो खुद भी कोयंबटूर दक्षिण से चुनाव हार गए हैं, पार्टी का खाता तक नहीं खुला.

चुनाव में सितारों की हार
चुनाव में सितारों की हार

बीजेपी का कमल थामकर चुनाव मैदान में उतरी एक्ट्रेस खुशबू सुंदर थाउसेंड लाइट्स विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गईं. वो बीजेपी की स्टार प्रचारक भी थीं. उनकी लोकप्रियता ना पार्टी के लिए उपयोगी साबित हुई और ना ही उनके लिए.

ये भी पढ़े: सादगी के साथ होगा शपथ ग्रहण समारोह : स्टालिन

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