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तमिलनाडु विधानसभा में नीट विरोधी विधेयक फिर से पारित, भाजपा का वॉकआउट

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Published : Feb 8, 2022, 4:31 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 7:40 PM IST

तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Legislative Assembly) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test) विरोधी विधेयक मंगलवार को फिर से पारित कर दिया. जिसे राज्य के राज्यपाल आरएन रवि (Governor RN Ravi) ने कुछ दिन पहले लौटा दिया था.

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चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Legislative Assembly) ने नीट (National Eligibility cum Entrance Test) विरोधी विधेयक फिर से पारित किया है. वहीं भाजपा ने सदन से बर्हिगमन किया. प्रस्ताव को पारित करते समय मेज थपथपाई गईं और अध्यक्ष एम अप्पावु ने घोषणा की कि विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक पारित करने का प्रस्ताव पेश किया.

इससे पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता नैनार नागेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा ने इस कदम का विरोध करते हुए सदन से बर्हिगमन कर दिया. विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में उस समय हंगामा हुआ जब पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेता सी विजयभास्कर ने कहा कि नीट की शुरुआत 2010 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में हुई थी, तो कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया.

विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी केवल सच्चाई बता रहे हैं. मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह विधेयक की वापसी पर राज्यपाल रवि से प्राप्त संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो कारण बताए गए, वे सही नहीं थे. स्टालिन ने कहा कि रवि ने नीट पर न्यायमूर्ति ए के राजन पैनल की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि वे अनुमान पर आधारित थीं, लेकिन वे आंकड़ों और एक लाख से अधिक लोगों की राय पर आधारित थीं.

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु सरकार ने बुलाई सर्वदलीय सभा, नीट छूट विधेयक पर फिर होगी चर्चा

उन्होंने योग्यता परीक्षा के खिलाफ अपनी सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि नीट एक शिक्षा प्रणाली नहीं है बल्कि चिकित्सा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने की एक प्रणाली है.

चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Legislative Assembly) ने नीट (National Eligibility cum Entrance Test) विरोधी विधेयक फिर से पारित किया है. वहीं भाजपा ने सदन से बर्हिगमन किया. प्रस्ताव को पारित करते समय मेज थपथपाई गईं और अध्यक्ष एम अप्पावु ने घोषणा की कि विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधेयक पारित करने का प्रस्ताव पेश किया.

इससे पहले विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता नैनार नागेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा ने इस कदम का विरोध करते हुए सदन से बर्हिगमन कर दिया. विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में उस समय हंगामा हुआ जब पूर्व सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेता सी विजयभास्कर ने कहा कि नीट की शुरुआत 2010 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में हुई थी, तो कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया.

विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने कहा कि उनके पार्टी सहयोगी केवल सच्चाई बता रहे हैं. मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह विधेयक की वापसी पर राज्यपाल रवि से प्राप्त संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो कारण बताए गए, वे सही नहीं थे. स्टालिन ने कहा कि रवि ने नीट पर न्यायमूर्ति ए के राजन पैनल की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि वे अनुमान पर आधारित थीं, लेकिन वे आंकड़ों और एक लाख से अधिक लोगों की राय पर आधारित थीं.

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उन्होंने योग्यता परीक्षा के खिलाफ अपनी सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि नीट एक शिक्षा प्रणाली नहीं है बल्कि चिकित्सा उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने की एक प्रणाली है.

Last Updated : Feb 8, 2022, 7:40 PM IST
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