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पहली बार टूर्नामेंट में लागू होगा ये नियम - निर्णय समीक्षा प्रणाली

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने इस महीने बीसीसीआई की मेजबानी में यूएई और ओमान में खेले जाने वाले आइसीसी टी-20 विश्व कप को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस बार होने वाले इस छोटे फार्मेट के बड़े टूर्नामेंट में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल किया जाएगा. आईसीसी ने इस पारी के दौरान टीम को दो डीआरएस देने को अनुमति दे दी है.

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DRS In T-20 World Cup
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Published : Oct 10, 2021, 2:12 PM IST

नई दिल्ली: यूएई और ओमान में होने वाले पुरुष टी-20 विश्व कप में पहली बार निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का उपयोग किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टूर्नामेंट में इसके उपयोग को मंजूरी दे दी है.

आईसीसी ने आगामी टूर्नामेंट के लिए जारी खेल के नियमों में डीआरएस को भी शामिल किया है. पुरुषों का टी-20 विश्व कप 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाएगा. ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक टीम को प्रत्येक पारी में डीआरएस के दो मौके मिलेंगे.

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इससे पहले टी-20 विश्व कप में कभी डीआरएस का उपयोग नहीं किया गया. आखिरी बार जब साल 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था. तब इस प्रारूप में डीआरएस का उपयोग नहीं किया जाता था.

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डीआरएस का किसी आईसीसी टी-20 टूर्नामेंट में पहली बार वेस्टइंडीज में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप 2018 में उपयोग किया गया था. इसके बाद आस्ट्रेलिया में 2020 में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप में भी इस प्रणाली का उपयोग किया गया था.

क्या होता है डीआरएस

आईसीसी ने फील्ड अंपायर द्वारा खिलाड़ियों को आउट देने में होने वाली चूक को सुधारने के लिए डीआरएस का नियम बनाया था. अगर जो फील्ड अंपायर टीम के खिलाड़ियों की अपील को ठुकरा देता है और कप्तान को लगता है कि यह आउट दिया जाना चाहिए था. ऐसे में कप्तान डीआरएस की मांग कर सकता है, जिसके बाद फैसला टीवी अंपायर के पास जाता है.

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रिप्ले देखने के बाद टीवी अंपायर यह फैसला करते हैं कि खिलाड़ी आउट है या नहीं. इसी तरह से अगर बल्लेबाज को लगता है कि अंपायर ने उसे गलत आउट दिया है तो वह भी डीआरएस की मांग कर सकता है.

नई दिल्ली: यूएई और ओमान में होने वाले पुरुष टी-20 विश्व कप में पहली बार निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का उपयोग किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टूर्नामेंट में इसके उपयोग को मंजूरी दे दी है.

आईसीसी ने आगामी टूर्नामेंट के लिए जारी खेल के नियमों में डीआरएस को भी शामिल किया है. पुरुषों का टी-20 विश्व कप 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाएगा. ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक टीम को प्रत्येक पारी में डीआरएस के दो मौके मिलेंगे.

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इससे पहले टी-20 विश्व कप में कभी डीआरएस का उपयोग नहीं किया गया. आखिरी बार जब साल 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था. तब इस प्रारूप में डीआरएस का उपयोग नहीं किया जाता था.

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डीआरएस का किसी आईसीसी टी-20 टूर्नामेंट में पहली बार वेस्टइंडीज में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप 2018 में उपयोग किया गया था. इसके बाद आस्ट्रेलिया में 2020 में खेले गए महिला टी-20 विश्व कप में भी इस प्रणाली का उपयोग किया गया था.

क्या होता है डीआरएस

आईसीसी ने फील्ड अंपायर द्वारा खिलाड़ियों को आउट देने में होने वाली चूक को सुधारने के लिए डीआरएस का नियम बनाया था. अगर जो फील्ड अंपायर टीम के खिलाड़ियों की अपील को ठुकरा देता है और कप्तान को लगता है कि यह आउट दिया जाना चाहिए था. ऐसे में कप्तान डीआरएस की मांग कर सकता है, जिसके बाद फैसला टीवी अंपायर के पास जाता है.

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रिप्ले देखने के बाद टीवी अंपायर यह फैसला करते हैं कि खिलाड़ी आउट है या नहीं. इसी तरह से अगर बल्लेबाज को लगता है कि अंपायर ने उसे गलत आउट दिया है तो वह भी डीआरएस की मांग कर सकता है.

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