नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह (Congress MP Akhilesh Singh) ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 2 दिनों में समाप्त होने वाला है, लेकिन अब तक 12 राज्यसभा सांसदों का संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबन (Suspension From Winter Session of Parliament) वापस नहीं लिया गया है. यह बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के खिलाफ साजिश की गई है. केंद्र सरकार खुद चाहती है कि संसद नहीं चले.
अखिलेश सिंह ने कहा कि किसानों और जनहित के मुद्दों को संसद में उठाना क्या गुनाह है? सांसद का काम ही होता है जनहित के मुद्दों को उठाना. हम लोग यही कर रहे थे और इसके लिए हम लोगों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. मोदी सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है. उन्होंने फिर दोहराया कि वे माफी कभी नहीं मांगेंगे. चाहे संसद की सदस्यता भी चली जाए, क्योंकि हम लोगों ने कोई गुनाह नहीं किया है. किसानों के मुद्दे को संसद में उठा रहे थे.
आपको बताएं कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही कुल राज्यसभा के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. जिसमें कांग्रेस के छह, शिवसेना-टीएमसी के 2-2 और वाम दल के सांसद भी शामिल हैं. मॉनसून सत्र में अनुशासनहीनता का आरोप इन सांसदों पर लगा था. इन सांसदों पर आरोप है कि मॉनसून सत्र में इन लोगों ने किसान आंदोलन, कृषि कानूनों एवं अन्य मुद्दों के बहाने राज्यसभा में खूब हंगामा मचाया था. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर कागज फेंका था और सदन के कर्मचारियों के सामने रखी टेबल पर चढ़ गए थे. मर्शलों से मारपीट का भी आरोप लगा था. इन सांसदों पर कार्रवाई की मांग की गई थी. मामला 11 अगस्त का है.
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शीतकालीन सत्र के आरंभ में इन सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. तब से हर दिन यह सभी निलंबित सांसद संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट हैं और सरकार से निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया था कि अगर यह लोग माफी मांग लें तो निलंबन वापस हो सकता है लेकिन अखिलेश सिंह ने साफ कर दिया कि माफी नहीं मांगेंगे. सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर राज्यसभा में लगातार हंगामा होता रहा और सदन की कार्यवाही भी बाधित होती रही है.