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ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई जारी, कानपुर आईआईटी की टीम रडार तकनीक से कर रही जांच

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई लगातार जारी है. कानपुर आईआईटी की टीम रडार तकनीक से जांच कर रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 17, 2023, 9:50 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई गुरुवार को भी जारी है. 24 जुलाई को पहले दिन 4 घंटे की कार्रवाई के बाद 4 अगस्त से यह कार्रवाई शुरू हुई है जो लगातार जारी है फिलहाल सर्वे की कार्रवाई पूरे परिसर के कोने-कोने में अंजाम की जा रही है. यह कार्रवाई शाम पांच बजे तक चलेगी. दोपहर में 12.30 से 2.30 बजे के बीच सर्वे की कार्रवाई नमाज और ब्रेक के लिए रुकेगी. कानपुर आईआईटी की टीम रडार तकनीक से जांच में जुटी हुई है.

कानपुर आईआईटी के एक्सपर्ट टीम जीपीआर तकनीक का प्रयोग करते हुए यहां दीवार और जमीन के अंदर की जांच कर रही है. बता दें कि 4 अगस्त से लगातार चल रही सर्वे की कार्रवाई को सिर्फ 15 अगस्त वाले दिन रोका गया था. इस दिन अवकाश होने के कारण दोनों पक्षों और एएसआई ने बातचीत करके सर्वे की कार्रवाई नहीं की थी. उसके बाद 16 अगस्त को सर्वे की कार्रवाई अपने निर्धारित वक्त पर शुरू हुई. इसके बाद रडार तकनीक के जरिए कई जगहों पर जांच पड़ताल शुरू की गई है.


कानपुर आईआईटी की एएसआई टीम के साथ मिलकर काम कर रही है. एएसआई की 32 सदस्य टीम में मौजूद हर अलग-अलग विषय के जानकार अपने हिसाब से कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. एएसआई की टीम को लीड करने वाले असिस्टेंट डायरेक्टर एएसआई आलोक त्रिपाठी पूरी टीम और कार्य की निगरानी कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे 32 सदस्यों की टीम को चार अलग-अलग भागों में बांटा गया है 8- 8 सदस्यों की यह टीमें मस्जिद परिसर के कोने-कोने की पड़ताल करने में जुटी हुई है.

मुख्य फोकस पश्चिमी दीवार और सेंटर डोम यानी गुंबद पर है क्योंकि पिछली बार हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान जो चीजें निकल कर सामने आई थी उसके बाद वादी यानी हिंदू पक्ष की तरफ से लगातार यह मांग की जा रही है कि तहखाने में मौजूद दीवार के अलावा मुख्य गुंबद और पश्चिमी दीवार की जांच विशेष तौर पर की जानी चाहिए, क्योंकि तहखाने में कुछ नई दीवारें खड़ी कर दी गई हैं जिन्हें हटाना अनिवार्य है. इसके अतिरिक्त पश्चिमी दीवार का पूरा हिस्सा मंदिर का असली भग्नावशेष दिखाई दे रहा है जिसकी जांच से बहुत सी चीजें साफ हो जाएंगी इसके अतिरिक्त मुख्य गुंबद के नीचे आदि विशेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर होने की बात भी हिंदू पक्ष करता रहा है. इसकी जांच लगातार की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः 10 वर्षीय ईहा को मिला इंटरनेशनल यंग इको-हीरो अवार्ड, PM मोदी मानते हैं अपना दोस्त, जानिए क्यों है इतनी मशहूर

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई गुरुवार को भी जारी है. 24 जुलाई को पहले दिन 4 घंटे की कार्रवाई के बाद 4 अगस्त से यह कार्रवाई शुरू हुई है जो लगातार जारी है फिलहाल सर्वे की कार्रवाई पूरे परिसर के कोने-कोने में अंजाम की जा रही है. यह कार्रवाई शाम पांच बजे तक चलेगी. दोपहर में 12.30 से 2.30 बजे के बीच सर्वे की कार्रवाई नमाज और ब्रेक के लिए रुकेगी. कानपुर आईआईटी की टीम रडार तकनीक से जांच में जुटी हुई है.

कानपुर आईआईटी के एक्सपर्ट टीम जीपीआर तकनीक का प्रयोग करते हुए यहां दीवार और जमीन के अंदर की जांच कर रही है. बता दें कि 4 अगस्त से लगातार चल रही सर्वे की कार्रवाई को सिर्फ 15 अगस्त वाले दिन रोका गया था. इस दिन अवकाश होने के कारण दोनों पक्षों और एएसआई ने बातचीत करके सर्वे की कार्रवाई नहीं की थी. उसके बाद 16 अगस्त को सर्वे की कार्रवाई अपने निर्धारित वक्त पर शुरू हुई. इसके बाद रडार तकनीक के जरिए कई जगहों पर जांच पड़ताल शुरू की गई है.


कानपुर आईआईटी की एएसआई टीम के साथ मिलकर काम कर रही है. एएसआई की 32 सदस्य टीम में मौजूद हर अलग-अलग विषय के जानकार अपने हिसाब से कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. एएसआई की टीम को लीड करने वाले असिस्टेंट डायरेक्टर एएसआई आलोक त्रिपाठी पूरी टीम और कार्य की निगरानी कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे 32 सदस्यों की टीम को चार अलग-अलग भागों में बांटा गया है 8- 8 सदस्यों की यह टीमें मस्जिद परिसर के कोने-कोने की पड़ताल करने में जुटी हुई है.

मुख्य फोकस पश्चिमी दीवार और सेंटर डोम यानी गुंबद पर है क्योंकि पिछली बार हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान जो चीजें निकल कर सामने आई थी उसके बाद वादी यानी हिंदू पक्ष की तरफ से लगातार यह मांग की जा रही है कि तहखाने में मौजूद दीवार के अलावा मुख्य गुंबद और पश्चिमी दीवार की जांच विशेष तौर पर की जानी चाहिए, क्योंकि तहखाने में कुछ नई दीवारें खड़ी कर दी गई हैं जिन्हें हटाना अनिवार्य है. इसके अतिरिक्त पश्चिमी दीवार का पूरा हिस्सा मंदिर का असली भग्नावशेष दिखाई दे रहा है जिसकी जांच से बहुत सी चीजें साफ हो जाएंगी इसके अतिरिक्त मुख्य गुंबद के नीचे आदि विशेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर होने की बात भी हिंदू पक्ष करता रहा है. इसकी जांच लगातार की जा रही है.

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