प्रयागराज : बाहुबली अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी. आयशा की तरफ से जनपद न्यायालय में सरेंडर करने के लिए अर्जी दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान आयशा नूरी की तरफ से सीजेएम कोर्ट में उसका पक्ष रखने के लिये कोई भी वकील नहीं आया. इसके बाद कोर्ट ने सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया. इससे पहले 28 मई की तारीख पर भी आयशा का पक्ष रखने के लिए कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ था.
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि आयशा नूरी की तरफ से लगातार कोर्ट में पक्ष रखने के लिए किसी वकील के न आने की वजह से सीजेएम दिनेश कुमार गौतम ने उसकी सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया. अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी की तरफ से प्रयागराज के जनपद न्यायालय में सीजेएम कोर्ट में सरेंडर अर्जी डेढ़ महीने पहले दाखिल की गई थी. सरेंडर अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले में धूमनगंज थाने से आख्या रिपोर्ट तलब की थी.
कई सुनवाई के बाद पुलिस की तरफ से कोर्ट में सरेंडर अर्जी पर आख्या रिपोर्ट पेश की गई थी. कोर्ट में सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख तय की गई थी. इस दौरान आयशा नूरी की तरफ से उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता सामने नहीं आया. आयशा नूरी की तरफ से किसी के न आने पर सोमवार की तारीख दी गई थी. इस दिन भी लगातार दूसरी बार भी आयशा नूरी की तरफ से सरेंडर अर्जी पर उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ. इससे कोर्ट ने आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी को खारिज कर दिया.
आयशा नूरी पर क्या है आरोप : उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को भी आरोपी बनाया गया है. पुलिस के मुताबिक आयशा नूरी ने अपने घर में हत्याकांड में शामिल रहे बमबाज गुड्डू मुस्लिम को पनाह दी थी. इसके अलावा आर्थिक रूप से मदद भी की थी. आयशा नूरी पर शूटरों को भगाने में मदद करने और उन्हें शरण देने का भी आरोप है. बताया जा रहा है कि आयशा नूरी अतीक अहमद के बेटे असद को फरार होने में मदद करने के लिए भी मेरठ से अपनी बेटी के साथ कार लेकर प्रयागराज तक पहुंची थी. पुलिस ने कौशांबी जिले से लावारिस हालात में कार बरामद की थी. ये वही कार बताई जा रही है जिससे आयशा नूरी मेरठ से प्रयागराज तक आई थी.
यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का आदेश, रेप पीड़िता की कुंडली का परीक्षण कर बताएं, क्या वह मांगलिक है?