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नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में टीचर को 20 साल की सजा - रेप केस में टीचर को सजा

teacher 20 year jail for raping minor student : गुजरात में एक टीचर को नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई है. मामला 2022 का है. सजा सुनाने के दौरान जज ने तल्ख टिप्पणी भी की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 5, 2024, 5:21 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 8:14 PM IST

सूरत: सूरत स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट (POCSO) ने गुरुवार को एक स्कूल शिक्षक को नाबालिग छात्रा से रेप करने का दोषी ठहराया. अदालत ने उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. उस पर शादी का झांसा देकर छात्रा से यौन संबंध बनाने का आरोप था.

कोर्ट ने अपने आदेश में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि 'आरोपी एक शिक्षक है और उसने गुरु-शिष्य के रिश्ते को कलंकित किया है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता कि आरोपी ने गुरु बनकर अपने शिष्य के साथ यौन संबंध बनाने का अपराध किया है. मामले में आरोपी द्वारा किया गया कृत्य एक शिक्षक और छात्र के रिश्ते पर एक दाग की तरह है. आरोपी ने एक गंभीर गलती की थी क्योंकि एक शिक्षक को एक रक्षक कहा जाता है जो छात्रों को समाज में क्या अच्छा है और क्या बुरा है यह सिखाने की जिम्मेदारी रखता है.'

न्यायाधीश एसएन सोलंकी ने गुरुवार को साल 2022 के दुष्कर्म व अपहरण मामले में आरोपी पप्पूराम को दोषी करार दिया. अदालत ने यह भी आदेश दिया कि पीड़िता को मुआवजा योजना के तहत 1 लाख रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए.

बचाव पक्ष ने जिक्र किया था कि आरोपी के परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है और गंभीर और कम करने वाली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कम सजा का अनुरोध किया गया था. सरकारी वकील दीपेश दवे ने दलीलें रखीं और कहा कि आरोपी को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.

कानून में संशोधन के मुताबिक, 16 साल से कम उम्र की नाबालिग से दुष्कर्म करने वालों को सश्रम कारावास की सजा कम से कम 20 साल और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है.

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सूरत: सूरत स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट (POCSO) ने गुरुवार को एक स्कूल शिक्षक को नाबालिग छात्रा से रेप करने का दोषी ठहराया. अदालत ने उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. उस पर शादी का झांसा देकर छात्रा से यौन संबंध बनाने का आरोप था.

कोर्ट ने अपने आदेश में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि 'आरोपी एक शिक्षक है और उसने गुरु-शिष्य के रिश्ते को कलंकित किया है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता कि आरोपी ने गुरु बनकर अपने शिष्य के साथ यौन संबंध बनाने का अपराध किया है. मामले में आरोपी द्वारा किया गया कृत्य एक शिक्षक और छात्र के रिश्ते पर एक दाग की तरह है. आरोपी ने एक गंभीर गलती की थी क्योंकि एक शिक्षक को एक रक्षक कहा जाता है जो छात्रों को समाज में क्या अच्छा है और क्या बुरा है यह सिखाने की जिम्मेदारी रखता है.'

न्यायाधीश एसएन सोलंकी ने गुरुवार को साल 2022 के दुष्कर्म व अपहरण मामले में आरोपी पप्पूराम को दोषी करार दिया. अदालत ने यह भी आदेश दिया कि पीड़िता को मुआवजा योजना के तहत 1 लाख रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए.

बचाव पक्ष ने जिक्र किया था कि आरोपी के परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर है और गंभीर और कम करने वाली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कम सजा का अनुरोध किया गया था. सरकारी वकील दीपेश दवे ने दलीलें रखीं और कहा कि आरोपी को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.

कानून में संशोधन के मुताबिक, 16 साल से कम उम्र की नाबालिग से दुष्कर्म करने वालों को सश्रम कारावास की सजा कम से कम 20 साल और अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है.

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Last Updated : Jan 5, 2024, 8:14 PM IST
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