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सुप्रीमकोर्ट ने जालसाजी मामले में सुखबीर सिंह बादल व अन्य के खिलाफ कार्यवाही पर लगाई रोक

सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने जालसाजी के एक मामले में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) और अन्य लोगों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इस मामले को लेकर अब निचली अदालत में सुनवाई नहीं होगी.

सुखबीर सिंह बादल
सुखबीर सिंह बादल
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Published : Nov 1, 2022, 5:24 PM IST

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) और अन्य के खिलाफ जालसाजी के एक मामले में निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी. आरोप है कि उनकी पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग से मान्यता प्राप्त करने के लिए एक झूठा शपथपत्र प्रस्तुत किया. न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर और वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने शिकायतकर्ता को आपराधिक मामले के खिलाफ आवेदनों को खारिज करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया.

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 27 अगस्त, 2021 को बादल और अन्य द्वारा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट होशियारपुर के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. होशियारपुर की अदालत ने उन्हें मामले में तलब किया था. सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा ने बादल, प्रकाश सिंह बादल और दलजीत सिंह चीमा के खिलाफ 2009 में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि शिअद में दो संविधान है, एक जो गुरुद्वारा चुनाव आयोग में जमा किया गया.

पढ़ें: भाजपा ने सुकेश और सत्येंद्र जैन को घेरा, कहा- 'महाठग' ने ठग के घर में ठगी की

वहीं दूसरा वह जो राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता के लिये भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया था कि शिअद ने चुनाव आयोग को झूठा शपथ-पत्र दिया था कि उसने समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को शामिल करने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया था, जबकि उसने एक 'पंथिक' पार्टी के रूप में अपनी गतिविधियों को जारी रखा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) चुनाव में भाग लिया.

(पीटीआई-भाषा)

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) और अन्य के खिलाफ जालसाजी के एक मामले में निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी. आरोप है कि उनकी पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग से मान्यता प्राप्त करने के लिए एक झूठा शपथपत्र प्रस्तुत किया. न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर और वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने शिकायतकर्ता को आपराधिक मामले के खिलाफ आवेदनों को खारिज करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया.

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 27 अगस्त, 2021 को बादल और अन्य द्वारा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट होशियारपुर के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. होशियारपुर की अदालत ने उन्हें मामले में तलब किया था. सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा ने बादल, प्रकाश सिंह बादल और दलजीत सिंह चीमा के खिलाफ 2009 में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि शिअद में दो संविधान है, एक जो गुरुद्वारा चुनाव आयोग में जमा किया गया.

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वहीं दूसरा वह जो राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता के लिये भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया था कि शिअद ने चुनाव आयोग को झूठा शपथ-पत्र दिया था कि उसने समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को शामिल करने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया था, जबकि उसने एक 'पंथिक' पार्टी के रूप में अपनी गतिविधियों को जारी रखा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) चुनाव में भाग लिया.

(पीटीआई-भाषा)

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