नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कौशल विकास निगम घोटाला मामले में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 जनवरी को फैसला सुनाएगा.
पूर्व सीएम नायडू को 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कौशल विकास निगम की निधि का दुरुपयोग किए जाने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. नायडू ने इन आरोपों को खारिज किया है.
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले साल 20 नवंबर को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नायडू को नियमित जमानत दे दी थी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के 22 सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पिछले साल 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत के समक्ष याचिका पर सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के सीआईडी के वकील ने तर्क दिया था कि एफआईआर को रद्द करने संबंधी चंद्रबाबू की याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 17 ए की लागू होने के बारे में सवाल ही नहीं उठता क्योंकि प्रावधान जुलाई 2018 में लागू हुआ था, जबकि सीबीआई ने 2017 में मामले की जांच शुरू की.
लेकिन पूर्व सीएम चंद्रबाबू के वकीलों ने तर्क दिया था कि एफआईआर में सभी आरोप बाबू द्वारा सीएम रहते हुए किए गए निर्णयों, निर्देशों या सिफारिशों से संबंधित हैं और दिसंबर 2021 में जांच शुरू होने के कारण मामले में धारा 17ए लागू थी. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 20 नवंबर 2023 को इस कौशल विकास मामले में नियमित जमानत दे दी थी.