नई दिल्ली: लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी ने मद्रास हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है. उनकी नियुक्ति के खिलाफ 21 वकीलों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि कुछ घटनाक्रम हुए हैं. सिफारिश करने पर हमारे ध्यान में जो आया, उसका कॉलेजियम ने संज्ञान लिया है. बेंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला शामिल हैं. बेंच ने कहा है कि चूंकि हमने पहले ही संज्ञान ले लिया है, इसलिए मामले को कल सुबह मंगलवार को सूचीबद्ध करेंगे. इसे उचित पीठ के समक्ष जाने दें.
शीर्ष अदालत ने दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में पीठ के बैठने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन द्वारा दूसरी बार किए गए उल्लेख पर सुनवाई की. इससे पहले, रामचंद्रन ने एक पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. साथ ही कहा कि यह मद्रास के वरिष्ठ वकीलों द्वारा आसन्न नियुक्ति के संबंध में एक तत्काल याचिका है और वे अंतरिम राहत के लिए अनुरोध कर रहे हैं.
उन्होंने शीर्ष अदालत से मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया है. शुरूआत में पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई अगले सोमवार को करेगी लेकिन रामचंद्रन ने सुनवाई के लिए पहले की तारीख पर दबाव डाला और फिर मुख्य न्यायाधीश शुक्रवार को मामले को उठाने के लिए तैयार हो गए. हालांकि, तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख करने से कुछ समय पहले, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया कि केंद्र ने उच्च न्यायालयों में 13 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है, जिसमें गौरी का नाम भी शामिल है.
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ता लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी की पदोन्नति का प्रस्ताव दिया था. भाजपा से उनके जुड़ाव के बारे में रिपोर्ट सामने आने के बाद मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों के एक समूह ने गौरी की प्रस्तावित नियुक्ति का विरोध किया.