चंडीगढ़ : कांग्रेस आलाकमान ने बेशक पंजाब कांग्रेस में चल रहे कलह को रोकने के लिए बदलाव करने के लिए पार्टी के अन्य नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है, लेकिन शायद यह पंजाब कांग्रेस के झगड़े का समाधान नहीं है. दूसरी ओर, पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (former president Sunil Jakhar) को पंजाब कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
दबाव में भेजा नोटिस : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का विद्रोही लहजा एक बार फिर देखने को मिल रहा है. गौरतलब है कि सुनील जाखड़ ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने एक खबर शेयर कर खुलासा किया है कि उनके खिलाफ नोटिस एक महिला कांग्रेस नेता के दबाव में भेजा गया है. सुनील जाखड़ ने इस पोस्ट से कांग्रेस आलाकमान के आगे न झुकने का इशारा किया है. सुनील जाखड़ ने अभी तक कांग्रेस हाईकमान को नोटिस का जवाब भी नहीं दिया है. साथ ही कांग्रेस पर भी अपने सवाल तेज कर दिए हैं. सुनील जाखड़ के खिलाफ सवाल उठने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन सुनील जाखड़ ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
समिति की ओर से कार्रवाई का संकेत दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'यह उनका अधिकार है, वो करें. मुझे नहीं पता कि वो क्या करेंगे. उन्होंने नोटिस दिया है. जो फैसला करना है, वो कर लें.' अपने खिलाफ लगे अनुशासनहीनता के आरोपों पर जाखड़ ने कहा, 'मैं इसका संज्ञान भी नहीं लेना चाहता.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते हुए सिर्फ यह कहा, 'पिछले सात महीने से ऐसी खबरें प्रसारित हो रही हैं.'
गौरतलब है कि कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने अनुशासनहीनता के आरोपों को लेकर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और के. वी. थॉमस को गत 11 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था. समिति के सदस्य सचिव और कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर के अनुसार, थॉमस का जवाब मिल गया है, लेकिन जाखड़ की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
उन्होने कहा, 'एक सप्ताह का समय दिया गया था. उनका (जाखड़) जवाब नहीं आया है. एक-दो दिन में समिति की बैठक होगी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.' यह पूछे जाने पर कि क्या जाखड़ का निलंबन या फिर निष्कासन भी हो सकता है, तो अनवर ने कहा, 'कांग्रेस के संविधान के तहत कार्रवाई होगी. इसमें निलंबन या निष्कासन भी हो सकता है. लेकिन अंतिम निर्णय समिति की बैठक में होगा.'
सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ 'आपत्तिजनक टिप्पणी' करने का आरोप है. कांग्रेस नेता उदित राज ने पिछले दिनों खुलकर यह मांग की थी कि जाखड़ को पार्टी से निष्कासित किया जाए. दूसरी तरफ, केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद थॉमस ने कहा था वह इसका जवाब देंगे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से बात करने के बाद उन्होंने माकपा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, लेकिन जब पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकियां मिलने लगीं, तो उन्होंने शामिल होने का फैसला किया. थॉमस ने यह भी कहा था 'मैं कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा. मैं मरते दम तक कांग्रेसजन रहूंगा.'
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