पटनाः मणिपुर हिंसा (Manipur Violence ) प्रभावित क्षेत्रों में फंसे बिहारी छात्र-छात्राएं बिहार सरकार की विशेष व्यवस्था पर विशेष विमान से मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पर उतरे. यहां आने के बाद उनके चेहरे पर खुशी की चमक साफ देखने को मिली. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से लौटने के बाद सभी छात्र-छात्राएं बिहार सरकार के प्रयासों को लेकर सरकार को खूब धन्यवाद दिया और इस दौरान छात्रों ने मणिपुर की पूरी घटनाक्रम का वाकया भी सुनाया.
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142 छात्र-छात्रा मणिपुर से बिहार लौटेः बिहार सरकार ने आईआईआईटी मणिपुर, एनआईटी मणिपुर और सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मणिपुर में पढ़ने वाले बिहार के 142 छात्र-छात्राओं और झारखंड के 21 छात्र-छात्राओं को स्पेशल फ्लाइट से मंगलवार को मणिपुर से पटना बुलाया, जो झारखंड के छात्र थे उनके लिए रांची से स्पेशल एयर कंडीशन टूरिस्ट बस आकर खड़ी थी और एयरपोर्ट से ही उन्हें बिठाकर रांची के लिए रवाना हो गई. सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं की मानें तो मणिपुर हिंसा के दौरान उन लोगों ने अपने कैंपस के बाहर चल रही बमबाजी और गोलीबारी को अपनी आंखों के सामने देखा.
विद्यार्थियों ने बिहार सरकार को धन्यवाद बोलाः एनआईटी मणिपुर के छात्र दिव्यांशु कुमार ने कहा कि हमलोग जहां पर थे. वह सुरक्षित था और खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं हो रही थी, लेकिन बाहर में माहौल बहुत ही तनावपूर्ण था. अभी के समय वहां स्थिति थोड़ी नियंत्रित हो रही है, लेकिन इस स्थिति में जिस प्रकार से बिहार सरकार ने उन लोगों का रेस्क्यू किया है. इसके लिए बिहार सरकार को वह धन्यवाद कहेंगे.एनआईटी मणिपुर के छात्र मयंक राज ने कहा कि वह फाइनल ईयर कंप्यूटर साइंस का छात्र है और वहां पर स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण थी. कॉलेज कैंपस के बाहर लगातार गोलीबारी और बमबाजी की घटनाएं हो रही थी और इसकी आवाज कैंपस तक साफ साफ आ रही थी. इससे हमलोगों में डर बन गया था.
"हमलोग जहां पर थे. वह सुरक्षित था और खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं हो रही थी, लेकिन बाहर में माहौल बहुत ही तनावपूर्ण था. अभी के समय वहां स्थिति थोड़ी नियंत्रित हो रही है, लेकिन इस स्थिति में जिस प्रकार से बिहार सरकार ने उन लोगों का रेस्क्यू किया है. इसके लिए बिहार सरकार को वह धन्यवाद कहेंगे" - दिव्यांशु कुमार, छात्र, एनआईटी
आर्मी की तैनाती से स्थिति थोड़ी नियंत्रितः मयंक ने बताया कि अभी इंडियन आर्मी के डेप्लॉयमेंट के बाद स्थिति थोड़ी नियंत्रित नजर आ रही है, लेकिन जैसे ही आर्मी इधर-उधर मूवमेंट करती है. वहां के लोग फिर से हिंसा पर उतर जाते हैं. मणिपुर में दहशत का माहौल बना हुआ है और सभी छात्र डरे हुए थे. खाने पीने की सामान भी कम पड़ने लगी थी और बाहर में मार्केट पूरी तरह से बंद था. ऐसे में उन लोगों ने 7 मई को बिहार सरकार से संपर्क साधा और मदद की गुहार लगाई. इसके बाद बिहार सरकार ने तुरंत उन लोगों की मदद की और लगातार संपर्क में बने रहे. मणिपुर के घटनाक्रम में कोई कॉलेज का छात्र जख्मी नहीं हुआ और उन लोगों के कॉलेज कैंपस को सीआरपीएफ का प्रोटेक्शन हासिल था.
"वहां पर स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण थी. कॉलेज कैंपस के बाहर लगातार गोलीबारी और बमबाजी की घटनाएं हो रही थी और इसकी आवाज कैंपस तक साफ साफ आ रही थी. इससे हमलोगों में डर बन गया था" - मयंक, छात्र, एनआईटी मणिपुर
हाॅस्टल तक आती थी बम की आवाज: ट्रिपल आईटी मणिपुर के छात्र श्रीधर ने बताया कि उन लोगों ने अपने कॉलेज परिसर से देखा कि किस प्रकार कॉलेज के बाहर जो पहाड़ हैं उसे उपद्रवियों ने जला दिया और वहां बम बाजी की. इस प्रकार का पहला वाकया उन्होंने अपने जीवन में आंखों के सामने देखा. लगातार बम की आवाज आ रही थी ऐसे में हॉस्टल में सभी छात्र डरे हुए थे. मणिपुर के सरकार के मंत्री भी उन लोगों से मिलने पहुंचे हुए थे और सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया था.ट्रिपल आईटी मणिपुर की छात्रा निधि ने बताया कि उन लोगों की तरफ ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. कॉलेज कैंपस पूरी तरह सुरक्षित था लेकिन कैंपस के बाहर जो गोलियां चल रही थी उसकी आवाजें रह रहकर आती थी और यह डराती थी.
बिहार पहुंचकर खुश हैं बच्चेः सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मणिपुर की छात्रा कुमारी आकृति ने बताया कि बिहार आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. वहां मणिपुर में चारों तरफ तनावपूर्ण माहौल था और शुरुआती दो दिन तो हर दिन आसपास में उपद्रवी आग लगा रहे थे और जिधर देखो उधर बम और गोली चलने की आवाजें आती थी. उन्होंने बताया कि सब्जी वगैरह की किल्लत थी. क्योंकि बाहर में मार्केट बंद था ऐसे में तीन वक्त की खाना की जगह दो वक्त का खाना कर दिया गया था. अभी स्थिति थोड़ी नियंत्रण में हुई है लेकिन पढ़ाई को लेकर अभी भी माहौल नहीं बना है. सभी शैक्षणिक संस्थान अगले कुछ समय के लिए बंद है.
अभी मणिपुर सुरक्षित नहींः सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की छात्रा मधु कुमारी ने बताया कि बम गोलियों की आवाज से रात रात भर नींद नहीं आती थी. क्योंकि रात में भी रुक-रुक कर गोली और बम चलने की आवाज आती थी जो दिल को दहला देती थी. कॉलेज कैंपस में वह लोग सुरक्षित थी लेकिन उन लोगों को वहां रहना सुरक्षित नहीं लग रहा था और बिहार लौटना चाहती थी ऐसे में बिहार सरकार ने उन लोगों को स्पेशल विमान से बिहार बुला लिया है इसके लिए वह सरकार को धन्यवाद देंगी.