सोलन: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्विद्यालय में छात्रों ने करीब 30 घंटों तक विश्विद्यालय में पीलिया फैलने को लेकर प्रदर्शन किया. गंदे पानी की बोतलें हाथों में लेकर बैनरों के माध्यम से छात्रों ने अपना रोष विश्विद्यालय प्रशासन के खिलाफ जाहिर किया. अब यहां मामला प्रदेश सरकार के द्वार पहुंच चुका है. स्वास्थ्य मंत्री और सोलन के विधायक धनी राम शांडिल ने मंगलवार को इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
मंत्री धनी राम शांडिल ने सोलन के नौणी स्थित डाॅ. वाइ.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में पीलिया रोग से ग्रसित विद्यार्थियों के स्वस्थ होने की कामना की. स्वास्थ्य मंत्री ने नौणी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों को इस संदर्भ में जांच के निर्देश दिए तथा कहा कि इसकी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान रखें.
30 घंटों तक चला नौणी विश्विद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन: बता दें कि करीब 30 घंटों तक नौणी विश्विद्यालय के बीएससी विभाग के छात्रों ने लगातार प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना था कि नौणी विश्वविद्यालय में एक छात्रा की मौत पीलिया के चलते हुई. इसके बावजूद भी प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और प्रशासन की लापरवाही से 30 से 40 बच्चे पीलिया का शिकार हुए. छात्रों का कहना है कि न तो एक्वागार्ड और न ही पानी के सोर्स की सफाई विश्विद्यालय में की जाती है. इतना ही नहीं बच्चों को पानी भी खरीदकर पीना पड़ रहा है.
छात्रों की मांगों को जल्द किया जाएगा पूरा: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि अपनी कुछ मांगों को लेकर पिछले कल से नौणी विश्वविद्यालय में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. आज उनसे बात करके उनकी मांगों को सुना गया है. उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा.
मामला बढ़ता देख हरकत में आया प्रशासन: छात्रों के प्रदर्शन के बाद नौणी विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आया है और इसको लेकर पानी के स्रोतों की सफाई करने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, सफाई व्यवस्था को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा एक कमेटी भी बनाई गई है, जो समय-समय पर एक्वागार्ड और पानी के स्रोतों की जानकारी हासिल करके उसकी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को देगी.
मृतक छात्रा की पीलिया से नहीं हुई थी मौत: वहीं, पीलिया के मामलों को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन ने कहा कि नौणी विश्विद्यालय में छात्र छात्र जिस युवती की मौत पीलिया से होना बता रहे हैं, यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता की छात्रा की मौत पीलिया से हुई की नहीं. छात्रा की रिपोर्ट में कहीं भी स्पष्ट नहीं है कि पीलिया से उसकी मौत हुई है. डॉ. अमित रंजन ने बताया कि छात्रा ने 25 जनवरी को अर्बन हेल्थ सेंटर नौणी में अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई थी. 27 जनवरी को उसे अल्ट्रासाउंड के लिए कहा गया था. उसके बाद छात्रा का इलाज बाहरी अस्पतालों में चला और वह विश्वविद्यालय नहीं आई. इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई. कहीं भी स्पष्ट नहीं है कि पीलिया होने से छात्रा की जान गई हो.
विभाग ने पानी और खाद्य पदार्थों के भरे सैंपल: डॉ. अमित रंजन ने बताया कि विश्वविद्यालय में अभी तक 19 छात्र और 7 कर्मचारियों को पीलिया हुआ है. कुछ दिनों से पीलिया के केस में काफी कमी आई है. स्वास्थ्य के मद्देनजर कई कदम छात्रों की मांग पर उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि विभाग ने विश्विद्यालय और आस-पास के क्षेत्रों से पानी के सैंपल लिए हैं और फ़ूड सेफ्टी विभाग को भी विश्विद्यालय और कैंपस के बाहर चल रहे होटल और रेस्टोरेंट के खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने के लिए कहा गया है.
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