नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में स्थित प्राचीन श्री दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर, उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं भगवान दूधेश्वरनाथ जल्द पूर्ण करते हैं. यही वजह है की मंदिर में केवल दिल्ली एनसीआर या पश्चिम उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश और विदेश से श्रद्धालु आते हैं.
राम मंदिर के लिए हुए चयनित: इस मंदिर के परिसर में ही श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ भी स्थापित है, जहां देशभर से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं. मौजूदा समय में यहां करीब 70 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. यहां से शिक्षा हासिल कर चुके विद्यार्थी देश विदेश के विभिन्न मंदिरों में बतौर पुजारी और आचार्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अब इन नामों में एक और नाम मोहित पांडे का भी जुड़ गया है. दरअसल यहां अध्ययन करने वाले मोहित का चयन अयोध्या के श्री राम मंदिर में बतौर पुजारी हुआ है.
कई वर्षों से दी जा रही वेदों की शिक्षा: जानकारी के मुताबिक देशभर से करीब 3000 विद्यार्थियों और पुजारियों का राम मंदिर में सेवा करने के लिए इंटरव्यू हुआ था. इसके बाद 50 लोगों का चयन राम मंदिर के पुजारी के रूप में हुआ है. इसमें मोहित पांडे भी शामिल हैं. उन्हें पुजारी के रूप में सेवाएं शुरू करने से पहले छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद वह राम मंदिर में बतौर पुजारी नियुक्त होंगे. पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया भगवान दूधेश्वर की कृपा से मोहित पांडे का चयन भगवान राम की सेवा के लिए हुआ. यहां अब तक हजारों की संख्या में छात्र वेद और कर्मकांड की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं. श्री दूधेश्वर वेद विद्यापीठ संस्थान में वेदों की शिक्षा दी जाती है. पिछले 23 सालों से विद्यार्थियों को वेद शिक्षा देने का सिलसिला जारी है.
सात वर्ष ली शिक्षा: संस्थान में आचार्य के पद पर कार्यरत नित्यानंद ने बताया कि मोहित पांडे ने पहले सामवेद का अध्ययन किया जिसके बाद वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय जाकर उन्होंने अध्ययन किया. वह बहुत योग्य हैं और हमारा यही प्रयास है कि वेद विद्यापीठ में धर्म और कर्मकांड की शिक्षा ग्रहण करने वाला प्रत्येक विद्यार्थी अपना बेहतर भविष्य बनाए. उन्होंने बताया कि मोहित पांडे ने यहां पर तकरीबन 7 वर्ष तक धर्म और कर्मकांड की शिक्षा ली हुई है.
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कठोर है वेद विद्यापीठ के नियम: उन्होंने बताय कि वेद विद्यापीठ के नियम काफी कठोर हैं. यही वजह है कि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी आज धर्म और कर्मकांड की शिक्षा हासिल कर अपने जीवन में नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं. वेद विद्यापीठ में सुबह 4:00 बजे विद्यार्थी जाग जाते हैं और रात 10:00 बजे तक उनके सभी कार्य समय सारिणी के अनुसार ही होते हैं.