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lakhmu ram madkami : नक्सलियों के काल थे लखमू राम मड़कामी, गांव में पसरा मातम - Story of martyr Lakhmu Ram Madkami

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट करके डीआरजी जवानों की जान ले ली है. इनमें से एक शहीद लखमू राम मड़कामी भी थे. वे सरेंडर के बाद डीआरजी जवान बने थे.

lakhmu ram madkami
लखमू राम मड़कामी
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Published : Apr 27, 2023, 8:19 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 10:15 PM IST

लखमू राम मड़कामी

रायपुर : छत्तीसगढ़ का बस्तर लाल आंतक से कराह रहा है. बस्तर संभाग के सातों जिले अब भी नक्सलियों के दंश से जूझ रहा है. नक्सलमुक्त बस्तर बनाने की सोच रखने वाले लखमू राम मड़कामी शहीद हो गए हैं. लखमू कई मुठभेड़ में शामिल रहा, जहां नक्सली इनका बाल भी बांका नहीं कर पाए, लेकिन दंतेवाड़ा के अरनपुर में आईईडी ब्लास्ट में 10 जवानों की शहादत के साथ वह भी अपनी माटी के लिए कुर्बान हो गए. आइये जानते हैं कौन है शहीद लखमू और नक्सल विरोधी अभियान में क्या रही इनकी भूमिका.

lakhmu ram madkami
लखमू राम मड़कामी
कई मुठभेड़ में शामिल रहे लखमू : अति नक्सल प्रभावित जिला माने जाने वाले बीजापुर के निराम गांव में शहीद लखमू राम मड़कामी का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम सन्नूराम है. लखमू की पत्नी का नाम तुले मड़कामी है. इनके दो पुत्र और एक पुत्री है. लखमू 29 जनवरी 2016 से पुलिस सेवा से जुड़े हुए हैं. उनकी नक्सल प्रभावित अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग रही है. वर्तमान में वे दंतेवाड़ा जिले में आरक्षक के रूप में तैनात थे. उन्होंने कई मुठभेड़ में नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है.

ये भी पढ़ें- सीएम भूपेश बघेल का बयान जवानों की शहादत नहीं जाएगी बेकार

नक्सल ऑपरेशन में माहिर थे लखमू : कई सर्च ऑपरेशन में लखमू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. नक्सली कभी भी इनका बाल भी बांका नहीं कर पाए थे, लेकिन घात लगाए बैठे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर लखमू को शहीद कर दिया है. लखमू के गांव में इस वक्त मातम छाया हुआ है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. स्थानीय होने की वजह से लखमू का इनपुट बहुत स्ट्रांग था, इनकी वजह से कई ऑपरेशनों में सफलता मिली है.

लखमू राम मड़कामी

रायपुर : छत्तीसगढ़ का बस्तर लाल आंतक से कराह रहा है. बस्तर संभाग के सातों जिले अब भी नक्सलियों के दंश से जूझ रहा है. नक्सलमुक्त बस्तर बनाने की सोच रखने वाले लखमू राम मड़कामी शहीद हो गए हैं. लखमू कई मुठभेड़ में शामिल रहा, जहां नक्सली इनका बाल भी बांका नहीं कर पाए, लेकिन दंतेवाड़ा के अरनपुर में आईईडी ब्लास्ट में 10 जवानों की शहादत के साथ वह भी अपनी माटी के लिए कुर्बान हो गए. आइये जानते हैं कौन है शहीद लखमू और नक्सल विरोधी अभियान में क्या रही इनकी भूमिका.

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लखमू राम मड़कामी
कई मुठभेड़ में शामिल रहे लखमू : अति नक्सल प्रभावित जिला माने जाने वाले बीजापुर के निराम गांव में शहीद लखमू राम मड़कामी का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम सन्नूराम है. लखमू की पत्नी का नाम तुले मड़कामी है. इनके दो पुत्र और एक पुत्री है. लखमू 29 जनवरी 2016 से पुलिस सेवा से जुड़े हुए हैं. उनकी नक्सल प्रभावित अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग रही है. वर्तमान में वे दंतेवाड़ा जिले में आरक्षक के रूप में तैनात थे. उन्होंने कई मुठभेड़ में नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है.

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नक्सल ऑपरेशन में माहिर थे लखमू : कई सर्च ऑपरेशन में लखमू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. नक्सली कभी भी इनका बाल भी बांका नहीं कर पाए थे, लेकिन घात लगाए बैठे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर लखमू को शहीद कर दिया है. लखमू के गांव में इस वक्त मातम छाया हुआ है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. स्थानीय होने की वजह से लखमू का इनपुट बहुत स्ट्रांग था, इनकी वजह से कई ऑपरेशनों में सफलता मिली है.

Last Updated : Apr 27, 2023, 10:15 PM IST
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