देहरादून : उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों ढैंचा बीज घोटाले का मामला सुर्खियों में है. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बयान के बाद से ही इसे लेकर बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. हरक सिंह रावत के बयान के बाद पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे लेकर हल्ला बोला है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ढैंचा बीज घोटाले के एक सवाल के जवाब पर कहा कि उत्तराखंड में गधा भी 'ढैंचा-ढैंचा' बोलता है.
बता दें हाल ही में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ढैंचा बीज घोटाले को लेकर एक बयान दिया था. हरक सिंह रावत ने कहा था कि जब ढैंचा बीज घोटाले में हरीश रावत की सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी, तब वे हरीश रावत सरकार में कृषि मंत्री थे. उन्होंने दो पेज का नोट त्रिवेंद्र सिंह रावत के पक्ष में लिखा था और उन्हें गिरफ्तारी से बचाया था.
हरक सिंह रावत के इस बयान के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में इसे लेकर माहौल गर्म है. राजनीतिक पार्टियां और नेता अपने-अपने हिसाब से अब इस मुद्दे की सियासत कर रहे हैं. इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि उत्तराखंड में तो गधा भी 'ढैंचा-ढैंचा' बोलता है.
क्या है ढैंचा बीज घोटाला
ढैंचा बीज घोटाला 2009-10 में सामने आया था. तब त्रिवेंद्र सिंह रावत कृषि मंत्री थे और उन्हीं के ऊपर आरोप लगा था कि बाजार से अधिक दाम पर ढैंचा बीज खरीदे गए हैं. इससे सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ा था.
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में इस घोटाले की जांच के लिए त्रिपाठी आयोग बनाया गया था. त्रिपाठी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि ढैंचा बीज खरीद में घोटाला हुआ है. लिहाजा त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया और हरीश रावत के हाथों में सत्ता आ गई. हरीश रावत प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने. उनके पास त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट आई थी.
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