ETV Bharat / bharat

स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया

author img

By

Published : Aug 28, 2021, 5:08 PM IST

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया क्योंकि वे किसानों के हितों को प्रभावित कर रहे हैं. इस कदम का विरोध करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

स्टालिन
स्टालिन

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया क्योंकि वे किसानों के हितों को प्रभावित कर रहे हैं. इस कदम का विरोध करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं और कृषि को नष्ट कर देंगे. उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए किसी काम के नहीं हैं और संघवाद के सिद्धांत और राज्यों की शक्तियों को छीनने के भी खिलाफ हैं.

स्टालिन ने कहा कि पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाई थी. तीन कानून: किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम है.

उनके अनुसार, किसान अगस्त 2020 से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन कानून कॉरपोरेट्स के लिए फायदेमंद हैं न कि किसानों के लिए. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून चुप हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस साल कृषि के लिए अलग बजट पेश किया है.

तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने हाल ही में कृषि के लिए राज्य का पहला बजट पेश करते हुए कहा था कि यह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों को समर्पित है.

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और भाजपा को छोड़कर अधिकांश पार्टियां केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रही थीं. विपक्ष में रहते हुए स्टालिन ने पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था.

पलानीस्वामी तीन कृषि कानूनों के मुखर समर्थक थे और कह रहे थे कि वे किसानों के लिए फायदेमंद हैं.

(आईएएनएस)

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का अनुरोध किया क्योंकि वे किसानों के हितों को प्रभावित कर रहे हैं. इस कदम का विरोध करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए स्टालिन ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं और कृषि को नष्ट कर देंगे. उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए किसी काम के नहीं हैं और संघवाद के सिद्धांत और राज्यों की शक्तियों को छीनने के भी खिलाफ हैं.

स्टालिन ने कहा कि पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाई थी. तीन कानून: किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम है.

उनके अनुसार, किसान अगस्त 2020 से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन कानून कॉरपोरेट्स के लिए फायदेमंद हैं न कि किसानों के लिए. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून चुप हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस साल कृषि के लिए अलग बजट पेश किया है.

तमिलनाडु के कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने हाल ही में कृषि के लिए राज्य का पहला बजट पेश करते हुए कहा था कि यह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध कर रहे किसानों को समर्पित है.

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और भाजपा को छोड़कर अधिकांश पार्टियां केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रही थीं. विपक्ष में रहते हुए स्टालिन ने पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था.

पलानीस्वामी तीन कृषि कानूनों के मुखर समर्थक थे और कह रहे थे कि वे किसानों के लिए फायदेमंद हैं.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.