चेन्नई : श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से बिट्स एयर की एक यात्री उड़ान 10 अगस्त को सुबह 10.45 बजे चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची. आम दिनों की तरह चेन्नई हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारी यात्रियों के पासपोर्ट और दस्तावेजों की जांच कर रहे थे. उसी फ्लाइट से श्रीलंका के कोलंबो के रामलन सलाम (33), उनकी पत्नी, बेटा और बेटी कोलंबो से चेन्नई आए थे. जब हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट और दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि वह श्रीलंका के नागरिक हैं लेकिन उनके पास भारतीय पासपोर्ट है.
जब अधिकारियों ने जांच के इस श्रीलंकाई परिवार से पूछा कि उनके पास भारतीय पासपोर्ट कैसे आया. तब रामलन सलाम ने कहा कि वह 2011 में श्रीलंका से शरणार्थी के रूप में तमिलनाडु आए थे और उसके बाद वह श्रीलंका नहीं लौटे और चेन्नई के वंडालूर के पास रहे और फिर उन्हें आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि मिल गया. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और उनके परिवार को इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट मिला. उन्होंने यह भी कहा कि पासपोर्ट जारी करने से पहले वंडालूर ओटेरी पुलिस स्टेशन ने अधिकारियों ने उनका सत्यापन भी किया था.
हालांकि, अधिकारियों ने रामलन सलाम के तर्कों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उन्होंने सलाम को बताया कि भले ही वह भारत में रह रहे हो लेकिन वो श्रीलंकाई नागरिक हैं. ऐसे में भारतीय पासपोर्ट रखना भारत सरकार को धोखा देना है और यह एक अपराध है. अधिकारियों ने सलाम और उनके परिवार को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी. उन्हें हिरासत में रखा गया. अधिकारियों ने अपने वरिष्ठों, दिल्ली में मुख्य इमिग्रेशन कार्यालय और विदेश मंत्रालय के साथ भी परामर्श किया.
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इसके बाद 10 अगस्त को चेन्नई हवाई अड्डे के इमिग्रेशन अधिकारियों ने चेन्नई में केंद्रीय अपराध शाखा पुलिस को सूचित किया. फिर सेंट्रल क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी चेन्नई एयरपोर्ट आए और मामले की जांच की. इसके साथ ही, रामलन सलाम और उनके परिवार पर अपने श्रीलंकाई मूल को छिपाने, जाली दस्तावेजों का उपयोग करने और नकली भारतीय पासपोर्ट हासिल करने, इसकी मदद से एक परिवार के रूप में श्रीलंका से भारत की यात्रा करने का आरोप लगाया गया है. अधिकारियों उन्हें आगे की जांच के लिए चेन्नई स्थित चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच पुलिस कार्यालय भी ले गये.