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स्पाइस जेट एयरलाइन पर कोरोना का असर, कर्मचारियों को घंटों के हिसाब से देगी वेतन

एयरलाइन कंपनी स्पाइस जेट द्वारा कर्मचारियों को भेजे किए गये आधिकारिक ईमेल में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रभावित किया है. सरकार ने भी संक्रमित माहौल में उड़ानों के लिए यात्रियों की संख्या 80 से 50 फीसदी कर दी. इस कारण कंपनी के राजस्व और नकदी पर विपरित प्रभाव पड़ा है.

स्पाइस जेट
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Published : May 31, 2021, 10:42 PM IST

नई दिल्ली : बीते एक साल से भी ज्यादा समय से दुनियाभर में कुंडली मारकर बैठा कोरोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. इस महामारी ने एयरलाइन कंपनी स्पाइस जेट को यह निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों को काम के घंटों के आधार पर वेतन देगी. कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों को एक ईमेल के जरिए यह जानकारी दी है.

ये भी पढे़ं : केरल के मुख्यमंत्री ने गैर-भाजपा सरकारों को लिखा पत्र, कहा- एकजुट होकर सरकार से मांगे वैक्सीन

कंपनी ने ईमेल में क्या लिखा

कंपनी द्वारा कर्मचारियों को भेजे किए गये आधिकारिक ईमेल में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रभावित किया है. सरकार ने भी संक्रमित माहौल में उड़ानों के लिए यात्रियों की संख्या 80 से 50 फीसदी कर दी. इस कारण कंपनी के राजस्व और नकदी पर विपरित प्रभाव पड़ा है.

बता दें, कोविड-19 की विनाशकारी दूसरी लहर को देखते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई किराए की निचली सीमा को 13 से 16 फीसदी तक बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू उड़ानें को किराए में बढ़ोतरी हो रही है.

ईमेल में आगे लिखा गया कि इसलिए मौजूदा आर्थिक स्थिति का आकलन के बाद कंपनी अपने वेतन ढांचे में बदलाव किया है, जिसमें कर्मचारियों को अब उनके काम के घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा. कंपनी ने कहा कि सभी कर्मचारियों का मई का वेतन 1 जून को उनके अकाउंट में भेज दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : जीडीपी : 2020-21 में 7.3 फीसदी गिरी भारतीय अर्थव्यवस्था

रेंटिग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन्स को इस वित्तिय वर्ष 21 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होगा. इस घाटे और कर्ज से उबरने के लिए वित्तिय वर्ष 2022-23 के लिए 37 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी.

नई दिल्ली : बीते एक साल से भी ज्यादा समय से दुनियाभर में कुंडली मारकर बैठा कोरोना वायरस ने वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. इस महामारी ने एयरलाइन कंपनी स्पाइस जेट को यह निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया है कि वह अपने कर्मचारियों को काम के घंटों के आधार पर वेतन देगी. कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों को एक ईमेल के जरिए यह जानकारी दी है.

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कंपनी ने ईमेल में क्या लिखा

कंपनी द्वारा कर्मचारियों को भेजे किए गये आधिकारिक ईमेल में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने एक बार फिर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रभावित किया है. सरकार ने भी संक्रमित माहौल में उड़ानों के लिए यात्रियों की संख्या 80 से 50 फीसदी कर दी. इस कारण कंपनी के राजस्व और नकदी पर विपरित प्रभाव पड़ा है.

बता दें, कोविड-19 की विनाशकारी दूसरी लहर को देखते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई किराए की निचली सीमा को 13 से 16 फीसदी तक बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू उड़ानें को किराए में बढ़ोतरी हो रही है.

ईमेल में आगे लिखा गया कि इसलिए मौजूदा आर्थिक स्थिति का आकलन के बाद कंपनी अपने वेतन ढांचे में बदलाव किया है, जिसमें कर्मचारियों को अब उनके काम के घंटे के आधार पर भुगतान किया जाएगा. कंपनी ने कहा कि सभी कर्मचारियों का मई का वेतन 1 जून को उनके अकाउंट में भेज दिया जाएगा.

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रेंटिग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन्स को इस वित्तिय वर्ष 21 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होगा. इस घाटे और कर्ज से उबरने के लिए वित्तिय वर्ष 2022-23 के लिए 37 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी.

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