हैदराबाद : डिग्री और पीजी छात्र अब डिजिटल मोड के माध्यम से अपनी मूल भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे. अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं में बताया गया वीडियो पाठ 'स्पीच ट्रांसलेशन' सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वचालित रूप से अनुवादित किया जाएगा. जिसका ट्रांसक्रिप्शन छात्रों को 'लिखित' रूप में दिया जाएगा.
आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर संयुक्त रूप से विशेष सॉफ्टवेयर विकसित कर रहे हैं ताकि आठ भाषाओं में उपलब्ध 45,000 डिजिटल पाठों को 22 भाषाओं में उपलब्ध कराया जा सके. डिजिटल पाठ वर्तमान में मातृभाषा में उपलब्ध हैं. भविष्य में गणित और विज्ञान के साथ-साथ इंजीनियरिंग विषयों तक बढ़ाया जाएगा.
'स्वयं' के साथ आगे बढ़ें : केंद्रीय मानव संसाधन विभाग डिजिटल पाठ उपलब्ध कराने के लिए एक वेबसाइट 'स्वयं' चला रहा है. दो साल पहले विशेषज्ञ शिक्षकों के साथ डिजिटल पाठों का अनुवाद कर सभी भाषाओं में अनुवाद करने का निर्णय लिया गया था. आईआईटी मद्रास, बॉम्बे और ट्रिपल आईटी हैदराबाद सॉफ्टवेयर बनाने के लिए आगे आए. उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी गई.
प्रोफेसरों ने एक विशेष टीम बनाई और एक वर्ष के भीतर आठ भाषाओं में अनुवाद के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया. जानकारी के मुताबिक, 'स्वयं' वेबसाइट पर 45 हजार वीडियो पाठ उपलब्ध कराए गए हैं. एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है ताकि शिक्षकों को एक भाषा में दिए गए पाठों का दूसरी भाषाओं में अनुवाद किया जा सके. यह दो सेकंड में चार में से दो चरणों का अनुवाद करता है.
जाने किन चरणों में काम करेगा यह सॉफ्टवेयर
- सबसे पहले, सॉफ्टवेयर में स्वचालित वाक् पहचान (एएसआर) शिक्षक के शब्दों और उनके बोलने के तरीके की सावधानीपूर्वक जांच करता है.
- दूसरे चरण में प्रोफेसर जो भी भाषा बोलेगा, उसे उसी भाषा में ट्रांसक्रिप्ट करेगा. बाद में इसका आठ भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा.
- तीसरे चरण में अनुवाद से क्षेत्रीय भाषा की त्रुटियों को सुधारा जाता है. भाषा सरल है या नहीं इसकी भी जांच की जाती है.
- चौथे चरण में तकनीकी शब्दों को अंग्रेजी शब्दों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के समकक्ष शब्द दिए गए हैं. उदाहरण के तौर पर तेलुगू में लॉ एंड ऑर्डर को 'शांति बद्रतालू' लिखा जाता है.
डिजिटल पाठ शिक्षा के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसीलिए हम 22 भाषाओं में अनुवाद उपलब्ध करा रहे हैं. डिग्री और पीजी स्तर के कुछ छात्र प्रोफेसरों के अंग्रेजी में दिए गए पाठ को समझ नहीं पाते हैं. मातृभाषा में विषय को समझने और उसके अध्ययन करने में आसानी होती है. इसीलिए हमने 'स्पीच ट्रांसलेशन' सॉफ्टवेयर बनाया है. एक छात्र जो वीडियो में व्याख्यान देते समय आधा समझता है... यदि वे अपनी मातृभाषा में अध्ययन करेंगे, तो उन्हें विषय के बारे में अधिक स्पष्टता हासिल होगी. वीडियो पाठ सुनने और पढ़ने से विद्यार्थियों की सोचने की शक्ति भी बढ़ती है.
प्रोफेसर राजीव संगल, आईआईआईटी हैदराबाद