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गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो के बाद अब यूपी के कई अन्य शहरों के बीच चलेगी यह स्पेशल ट्रेन - रैपिड रेल विकसित करने की तैयारी

दिल्ला-गाजियाबाद-मेरठ में पहले चरण में रैपिड रेल की शुरूआत हो चुकी है. योजना की शुरुआत (Special trains will run in many cities of UP) के लिए लखनऊ से कानपुर के बीच रैपिड रेल के विस्तार की तैयारी की जा रही है. इसी तरह कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 26, 2023, 4:13 PM IST

Updated : Oct 27, 2023, 6:24 AM IST

वरिष्ठ संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट

लखनऊ : इंटरसिटी रैपिड रेल के लिए विभाग अब उत्तर प्रदेश के कई अन्य शहरों में विकल्प तलाश रहा है. खासतौर पर लखनऊ से कानपुर के बीच रैपिड रेल विकसित करने की तैयारी की जा रही है, जिससे इन दोनों शहरों के बीच यातायात की व्यवस्था और बेहतर हो सके. यही नहीं सरकार मेरठ तक आने वाली रैपिड रेल को मुजफ्फरनगर और सहारनपुर तक भी बढ़ा सकती है. इसी तरह से कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार चल रहा है.

गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो
गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो

शासन में लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन यानी कि (एससीआर) को विकसित किए जाने का प्रस्ताव लंबित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रस्ताव को लेकर बहुत गंभीर हैं और निकट भविष्य में इस पर अमल शुरू हो जाएगा. इसके बाद में लखनऊ में ऐसी परिवार में व्यवस्था को भी विकसित किया जाएगा जो आसपास के शहरों को तेजी से जोड़े. जिसमें बस व्यवस्था के अतिरिक्त मेट्रो सेवा का भी प्रावधान किया जा रहा है. ऐसे में रैपिड रेल सिस्टम लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को जोड़ेगा. जिसमें उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी के अलावा कानपुर भी शामिल होंगे. इन शहरों के बीच रोजाना लाखों लोग आते जाते हैं जिनको काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. इस आवागमन की बाधा से मुक्ति पाने के लिए लोग कई बार लखनऊ में ही आवास लेकर रहने लगते हैं जिससे राजधानी में भीड़ बढ़ती जा रही है. इस बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए रैपिड मेट्रो रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम काम आएगा. जिसकी वजह से लोग एक ही दिन में लखनऊ आकर आसानी से अपने शहर वापस जा सकेंगे. यही इस सेवा का प्रमुख लक्ष्य है और आवास विभाग इस पर तेजी से कम कर रहा है. आने वाले कुछ समय में इस योजना की घोषणा हो जाएगी और माना जा रहा है कि 2030 तक लखनऊ और उसके आसपास के जिले रैपिड रेल मेट्रो ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से जुड़ सकेंगे. जिससे लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों की यात्रा मात्र एक घंटे में पूरी हो जाया करेगी. रोजाना लगभग दो से तीन लाख लोगों को केवल लखनऊ से कानपुर के बीच में लाभ होगा.

गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो
गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो


लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि 'राज्य राजधानी क्षेत्र का प्रस्ताव शासन को लंबित है. जल्द ही वहां से स्वीकृत की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने बताया कि रैपिड रेल मेट्रो सिस्टम जैसे ही परियोजनाएं इसका एक हिस्सा है ताकि आसपास के शहरों को राहत मिल सके. यह कल्पना जब जमीन पर उतरेगी तो इसमें रैपिड ट्रांसपोर्टेशन का काम अवश्य होगा.'


मेरठ दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक बढ़ेगा! : सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 'मेरठ दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट अब मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे लाखों लोगों की तकलीफ कम होगी. मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान तो बाकायदा इसकी घोषणा भी कर चुके हैं. ऐसे में यह प्रोजेक्ट चौथाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए एक वरदान साबित हो जाएगा.'

यह भी पढ़ें : Namo Bharat Rail : रैपिड रेल भारत की नारी शक्ति के बढ़ते कदम का प्रतीक : पीएम मोदी

यह भी पढ़ें : यह स्पेशल ट्रेन है खास, सिर्फ 55 मिनट में तय करेगी 82 किलोमीटर का सफर

वरिष्ठ संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट

लखनऊ : इंटरसिटी रैपिड रेल के लिए विभाग अब उत्तर प्रदेश के कई अन्य शहरों में विकल्प तलाश रहा है. खासतौर पर लखनऊ से कानपुर के बीच रैपिड रेल विकसित करने की तैयारी की जा रही है, जिससे इन दोनों शहरों के बीच यातायात की व्यवस्था और बेहतर हो सके. यही नहीं सरकार मेरठ तक आने वाली रैपिड रेल को मुजफ्फरनगर और सहारनपुर तक भी बढ़ा सकती है. इसी तरह से कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार चल रहा है.

गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो
गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो

शासन में लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन यानी कि (एससीआर) को विकसित किए जाने का प्रस्ताव लंबित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रस्ताव को लेकर बहुत गंभीर हैं और निकट भविष्य में इस पर अमल शुरू हो जाएगा. इसके बाद में लखनऊ में ऐसी परिवार में व्यवस्था को भी विकसित किया जाएगा जो आसपास के शहरों को तेजी से जोड़े. जिसमें बस व्यवस्था के अतिरिक्त मेट्रो सेवा का भी प्रावधान किया जा रहा है. ऐसे में रैपिड रेल सिस्टम लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को जोड़ेगा. जिसमें उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी के अलावा कानपुर भी शामिल होंगे. इन शहरों के बीच रोजाना लाखों लोग आते जाते हैं जिनको काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. इस आवागमन की बाधा से मुक्ति पाने के लिए लोग कई बार लखनऊ में ही आवास लेकर रहने लगते हैं जिससे राजधानी में भीड़ बढ़ती जा रही है. इस बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए रैपिड मेट्रो रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम काम आएगा. जिसकी वजह से लोग एक ही दिन में लखनऊ आकर आसानी से अपने शहर वापस जा सकेंगे. यही इस सेवा का प्रमुख लक्ष्य है और आवास विभाग इस पर तेजी से कम कर रहा है. आने वाले कुछ समय में इस योजना की घोषणा हो जाएगी और माना जा रहा है कि 2030 तक लखनऊ और उसके आसपास के जिले रैपिड रेल मेट्रो ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से जुड़ सकेंगे. जिससे लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों की यात्रा मात्र एक घंटे में पूरी हो जाया करेगी. रोजाना लगभग दो से तीन लाख लोगों को केवल लखनऊ से कानपुर के बीच में लाभ होगा.

गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो
गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो


लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि 'राज्य राजधानी क्षेत्र का प्रस्ताव शासन को लंबित है. जल्द ही वहां से स्वीकृत की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने बताया कि रैपिड रेल मेट्रो सिस्टम जैसे ही परियोजनाएं इसका एक हिस्सा है ताकि आसपास के शहरों को राहत मिल सके. यह कल्पना जब जमीन पर उतरेगी तो इसमें रैपिड ट्रांसपोर्टेशन का काम अवश्य होगा.'


मेरठ दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक बढ़ेगा! : सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 'मेरठ दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट अब मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे लाखों लोगों की तकलीफ कम होगी. मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान तो बाकायदा इसकी घोषणा भी कर चुके हैं. ऐसे में यह प्रोजेक्ट चौथाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए एक वरदान साबित हो जाएगा.'

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Last Updated : Oct 27, 2023, 6:24 AM IST
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