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शिरडी के साईं बाबा मंदिर में भक्त ने दान में दी सोने की पट्टी

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Published : May 18, 2022, 9:12 AM IST

महाराष्ट्र के शिरडी स्थित साईं बाबा मंदिर में एक भक्त ने चार किलोग्राम वजन की एक सोने की पट्टी दान में दी है. इसकी कीमत 2 करोड़ रुपये आंकी गयी है.

SOUTHERN DEVOTEES DONATE RS 2 CRORE GOLD TO SAI BABA
शिरडी के साईं बाबा मंदिर में भक्त ने दान में दी सोने की पट्टी

शिरडी: दक्षिण भारत के एक भक्त ने शिरडी के साईं बाबा मंदिर में दो करोड़ रुपये का सोना दान में दिया है. इस भक्त ने चार किलोग्राम वजन की एक सोने की पट्टी दान में दी है. इसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है. शिरडी के साईं बाबा का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं.

साईं बाबा की मूर्ति को वर्ष 2008 में 110 किलो सोने से बने सिंहासन पर स्थापित किया गया था. सोना आंध्र प्रदेश के एक साईं भक्त आदिनारायण रेड्डी ने दान किया था. साईं बाबा की मूर्ति स्वर्ण सिंहासन रखा गया था लेकिन मूर्ति के चौथे भाग को सोने से ढंकना रह गया था. साईं भक्त पार्थसार्थ रेड्डी ने 2016 में सोने की पट्टी देने की इच्छा जताई थी. हालांकि, कोविड के प्रकोप की शुरुआत के कारण पट्टी नहीं लगाई जा सकी.

ये भी पढ़ें- पुरी हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत खुदाई में मिली शेर की मूर्ति

अब जबकि कोविड के नियमों को हटा लिया गया है. अब कोविड से पहले की तरह व्यवस्था मुहैया करा दी गई है. साईं भक्त पार्थसारथ रेड्डी ने इस पट्टी को साईं की मूर्ति के पास हाथियों, मोर की सबसे सुंदर और आकर्षक नक्काशी के साथ रखा है. स्वर्ण सिंहासन के बाद, साईचरणी को सोने का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण उपहार माना जाता है.

शिरडी: दक्षिण भारत के एक भक्त ने शिरडी के साईं बाबा मंदिर में दो करोड़ रुपये का सोना दान में दिया है. इस भक्त ने चार किलोग्राम वजन की एक सोने की पट्टी दान में दी है. इसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है. शिरडी के साईं बाबा का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं.

साईं बाबा की मूर्ति को वर्ष 2008 में 110 किलो सोने से बने सिंहासन पर स्थापित किया गया था. सोना आंध्र प्रदेश के एक साईं भक्त आदिनारायण रेड्डी ने दान किया था. साईं बाबा की मूर्ति स्वर्ण सिंहासन रखा गया था लेकिन मूर्ति के चौथे भाग को सोने से ढंकना रह गया था. साईं भक्त पार्थसार्थ रेड्डी ने 2016 में सोने की पट्टी देने की इच्छा जताई थी. हालांकि, कोविड के प्रकोप की शुरुआत के कारण पट्टी नहीं लगाई जा सकी.

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अब जबकि कोविड के नियमों को हटा लिया गया है. अब कोविड से पहले की तरह व्यवस्था मुहैया करा दी गई है. साईं भक्त पार्थसारथ रेड्डी ने इस पट्टी को साईं की मूर्ति के पास हाथियों, मोर की सबसे सुंदर और आकर्षक नक्काशी के साथ रखा है. स्वर्ण सिंहासन के बाद, साईचरणी को सोने का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण उपहार माना जाता है.

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