नई दिल्ली: 15 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के पांचों आरोपितों को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बुधवार को दोषी ठहराया. 30 सितंबर 2008 को वसंत कुंज इलाके में सौम्या विश्वनाथन की हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद पुलिस को गुनहगारों को पकड़ने में लगभग 6 महीने लग गए. उसके बाद से ही सौम्या का परिवार उसको इंसाफ दिलाने के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहा था.
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आखिर में साकेत कोर्ट ने सौम्या विश्वनाथन की हत्या के पांचों आरोपियों पर मकोका जैसी संगीन धाराओं में मामला चलाया गया. 15 साल के इंतजार के बाद 26 अक्टूबर से इन आरोपियों की सजा पर बहस होगी. हमनें सौम्या के माता-पिता से बातचीत की. उनका कहना था कि बेटी के हत्यारों को उम्र कैद की सजा दी जाए ताकि जब तक वे जिंदा रहें. उन्हें इस बात का एहसास रहे कि उन्होंने अक्षम्य अपराध किया है.
सौम्या की मां ने कहा कि ये फैसला थोड़ा पहले आता तो अच्छा होता, क्योंकि लोगों को ये पता चल पाता कि क्या अपराध हुआ था. प्रक्रियागत विलंब होने से फैसला आने में देरी हुई. अदालत का फैसला अपराधियों के लिए एक सबक का काम करेगा. दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर तो सौम्या की मां का कहना है कि 15 साल के बाद भी दिल्ली में महिलाओं के लिए हालात जस के तस हैं. बल्कि और बदतर हो गए हैं. दिल्ली में बेटियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं. बहरहाल दोषियों को कोर्ट क्या सजा देगा यह 26 अक्टूबर को पता चल सकेगा.
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