नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने टीकाकरण से जुड़ी नई नीति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह इस नीति को बदलें और पूरे देश में टीकों की एक समान कीमत सुनिश्चित करें.
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
सोनिया ने कहा, 'यह हैरान करने वाली बात है कि पिछले साल के कड़वे अनुभवों और लोगों को हुई तकलीफ के बावजूद सरकार लगातार मनमानी और भेदभावपूर्ण नीति पर अमल कर रही है.'
मुफ्त टीका उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व
उन्होंने दावा किया कि नई नीति के तहत सरकार 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ चुकी है और यह, युवाओं के प्रति उसका अपने उत्तरदायित्व से पूरी तरह पल्ला झाड़ना भी है.
सोनिया के मुताबिक, देश के नागरिकों को टीके के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी और राज्य सरकारों के खजाने पर भी बोझ पड़ेगा. उन्होंने सवाल किया, इस मुश्किल समय में कोई सरकार लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी करने की खुली छूट कैसे दे सकती है?
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से कहा, कांग्रेस ने पहले ही इसकी मांग की है कि इस नीति का पुनर्मूल्यांकन किया जाए. निश्चित तौर पर कोई भी तार्किक व्यक्ति टीकाकरण की एक समान कीमत से होने वाले लाभ से सहमत होगा.
उन्होंने आग्रह किया, 'इस मामले में दखल दीजिए और इस गलत निर्णय को बदलिए. देश का लक्ष्य यही होना चाहिए कि 18 साल से अधिक आयु के लोगों को टीका लगे, चाहे उनकी आर्थिक हालत कुछ भी हो.'
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गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक तथा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी.
एसआईआई ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा कि अगले दो महीनों में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा.