ETV Bharat / bharat

सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के जीवन पर आधारित किताब लॉन्च करेंगी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सार्वजनिक जीवन के पांच दशकों पर 29 नवंबर को एक पुस्तक लॉन्च की जाएगी. पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी किताब लॉन्च करेंगी. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट. Sonia Gandhi to launch book on Kharge.

Congress president
मल्लिकार्जुन खड़गे
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2023, 5:35 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 29 नवंबर को कार्यालय में एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के सार्वजनिक जीवन के पांच दशकों पर एक पुस्तक लॉन्च करेंगी. सुखदेव थोराट और चेतन शिंदे द्वारा संपादित पुस्तक खड़गे की राजनीतिक व्यस्तता के पांच दशकों और सामाजिक न्याय और समावेशन की उनकी राजनीति पर केंद्रित है.

खड़गे ने 19 अक्टूबर, 2022 को आंतरिक चुनावों में अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को हराकर पार्टी का शीर्ष पद पाया था, जिसमें देश भर से 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने मतदान किया था. उन्होंने 26 अक्टूबर को पदभार संभाला था.

पार्टी नेताओं का कहना है कि इस परिवर्तन ने सबसे पुरानी पार्टी में बहुत सारी अटकलें पैदा कर दी थीं, जिसे 24 साल के अंतराल के बाद एक गैर-गांधी पार्टी प्रमुख मिल रहा था, लेकिन कार्यालय में खड़गे का पहला वर्ष काफी घटनापूर्ण रहा है. पार्टी नेताओं ने बुधवार को कहा, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने 19 अक्टूबर को पहले गैर-गांधी अध्यक्ष के रूप में सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा किया है.

कांग्रेस को अपना आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष 1996 में मिला था, जब सीताराम केसरी शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे. एआईसीसी पदाधिकारी मनीष चतरथ ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह बहुत समृद्ध राजनीतिक जीवन है. पांच दशक तक राजनीति में रहना एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कम से कम 10 चुनाव लड़े हैं और केवल एक बार हारे हैं. उन्होंने हमेशा लोगों के मुद्दों को उठाया और अब भी उसी थीम पर काम कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि 'खड़गे में बहुत ऊर्जा है. उन्होंने कर्नाटक चुनावों में 25 सार्वजनिक बैठकें कीं और हाल ही में पांच राज्यों के चुनावों में सक्रिय रूप से प्रचार किया. वह अभी भी तेलंगाना को लेकर व्यस्त हैं.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी प्रमुख के रूप में खड़गे के पहले वर्ष में कई फायदे देखे गए हैं.

सीडब्ल्यूसी के स्थायी आमंत्रित सदस्य चतरथ ने कहा, 'उन्हें पार्टी की समझ है. वह विभिन्न पार्टी पैनलों में रहे हैं और संगठन को अच्छी तरह से जानते हैं. उनका अनुभव पार्टी के लिए पूंजी है. उन्होंने विपक्षी दलों को भी एकजुट किया है. राहुल, खड़गे नेतृत्व का संयोजन पार्टी के लिए अच्छा कर रहा है और अच्छे परिणाम लाएगा. इसके अलावा, सोनिया गांधी खड़गे का सम्मान करती हैं और उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी जगह दी है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पिछले एक साल में खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति का पुनर्गठन किया, संगठन में कई बदलाव किए, पिछले साल हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीते, राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा की निगरानी की और 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए भारत गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सीडब्ल्यूसी के एक अन्य स्थायी आमंत्रित सदस्य गिरीश चोडनकर के अनुसार, 'खड़गे को सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए शुरुआती जीवन में संघर्ष करना पड़ा. यह तथ्य कि वह मतदाताओं का विश्वास बरकरार रख सके और बार-बार विधायक के रूप में चुने गए, सार्वजनिक जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. साथ ही 50 साल तक एक ही पार्टी में बने रहना भी एक संदेश देता है.'

चोडनकर के अनुसार, 'वह सभी राज्यों के नेताओं को प्रेरित करते हैं और तटस्थ हैं. उनके अध्यक्ष रहते पार्टी को स्थिरता मिली और गांधी परिवार ने भी उन्हें निर्णय लेने की खुली छूट दी. उनके आसपास कोई विवाद नहीं रहा है और वह कई प्रतिद्वंद्वी नेताओं को राज्यों में एक साथ काम करने के लिए लाए हैं.'

ये भी पढ़ें

केंद्र में कांग्रेस सरकार आई, तो कराएंगे जातीय जनगणना: खड़गे

नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 29 नवंबर को कार्यालय में एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के सार्वजनिक जीवन के पांच दशकों पर एक पुस्तक लॉन्च करेंगी. सुखदेव थोराट और चेतन शिंदे द्वारा संपादित पुस्तक खड़गे की राजनीतिक व्यस्तता के पांच दशकों और सामाजिक न्याय और समावेशन की उनकी राजनीति पर केंद्रित है.

खड़गे ने 19 अक्टूबर, 2022 को आंतरिक चुनावों में अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को हराकर पार्टी का शीर्ष पद पाया था, जिसमें देश भर से 9,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने मतदान किया था. उन्होंने 26 अक्टूबर को पदभार संभाला था.

पार्टी नेताओं का कहना है कि इस परिवर्तन ने सबसे पुरानी पार्टी में बहुत सारी अटकलें पैदा कर दी थीं, जिसे 24 साल के अंतराल के बाद एक गैर-गांधी पार्टी प्रमुख मिल रहा था, लेकिन कार्यालय में खड़गे का पहला वर्ष काफी घटनापूर्ण रहा है. पार्टी नेताओं ने बुधवार को कहा, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने 19 अक्टूबर को पहले गैर-गांधी अध्यक्ष के रूप में सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा किया है.

कांग्रेस को अपना आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष 1996 में मिला था, जब सीताराम केसरी शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे. एआईसीसी पदाधिकारी मनीष चतरथ ने ईटीवी भारत को बताया, 'यह बहुत समृद्ध राजनीतिक जीवन है. पांच दशक तक राजनीति में रहना एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कम से कम 10 चुनाव लड़े हैं और केवल एक बार हारे हैं. उन्होंने हमेशा लोगों के मुद्दों को उठाया और अब भी उसी थीम पर काम कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि 'खड़गे में बहुत ऊर्जा है. उन्होंने कर्नाटक चुनावों में 25 सार्वजनिक बैठकें कीं और हाल ही में पांच राज्यों के चुनावों में सक्रिय रूप से प्रचार किया. वह अभी भी तेलंगाना को लेकर व्यस्त हैं.' एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी प्रमुख के रूप में खड़गे के पहले वर्ष में कई फायदे देखे गए हैं.

सीडब्ल्यूसी के स्थायी आमंत्रित सदस्य चतरथ ने कहा, 'उन्हें पार्टी की समझ है. वह विभिन्न पार्टी पैनलों में रहे हैं और संगठन को अच्छी तरह से जानते हैं. उनका अनुभव पार्टी के लिए पूंजी है. उन्होंने विपक्षी दलों को भी एकजुट किया है. राहुल, खड़गे नेतृत्व का संयोजन पार्टी के लिए अच्छा कर रहा है और अच्छे परिणाम लाएगा. इसके अलावा, सोनिया गांधी खड़गे का सम्मान करती हैं और उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी जगह दी है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पिछले एक साल में खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति का पुनर्गठन किया, संगठन में कई बदलाव किए, पिछले साल हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीते, राहुल गांधी की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा की निगरानी की और 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए भारत गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सीडब्ल्यूसी के एक अन्य स्थायी आमंत्रित सदस्य गिरीश चोडनकर के अनुसार, 'खड़गे को सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए शुरुआती जीवन में संघर्ष करना पड़ा. यह तथ्य कि वह मतदाताओं का विश्वास बरकरार रख सके और बार-बार विधायक के रूप में चुने गए, सार्वजनिक जीवन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. साथ ही 50 साल तक एक ही पार्टी में बने रहना भी एक संदेश देता है.'

चोडनकर के अनुसार, 'वह सभी राज्यों के नेताओं को प्रेरित करते हैं और तटस्थ हैं. उनके अध्यक्ष रहते पार्टी को स्थिरता मिली और गांधी परिवार ने भी उन्हें निर्णय लेने की खुली छूट दी. उनके आसपास कोई विवाद नहीं रहा है और वह कई प्रतिद्वंद्वी नेताओं को राज्यों में एक साथ काम करने के लिए लाए हैं.'

ये भी पढ़ें

केंद्र में कांग्रेस सरकार आई, तो कराएंगे जातीय जनगणना: खड़गे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.