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30 लाख REELS और 35 मिलियन व्यूज के साथ गर्दा उड़ा रहा 'गुलाबी शरारा', ठुमक रहे सेलिब्रिटीज, शेफ रह चुके हैं सिंगर

Kumaoni viral Song Gulabi Sharara, Singer Inder Arya Viral Gulabi Sharara Song इंस्टाग्राम समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा उत्तराखंड का 'गुलाबी शरारा' सॉन्ग आज पूरी दुनिया की जुबान पर सर चढ़कर बोल रहा है. लेकिन क्या आप इस गाने का मलतब और ये सॉन्ग किसने लिखा है? चलिए जानते हैं...

inder arya
इंदर आर्य
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2023, 7:02 PM IST

Updated : Dec 20, 2023, 7:09 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड की लोक संस्कृति, रीति रिवाज और लोक गायन कई दशकों से देश दुनिया में प्रसिद्ध है. एक जमाना था जब उत्तराखंड का सुप्रिद्ध गीत 'बेड़ू पाको बारामासा' देश की राजधानी दिल्ली के सियासी गलियारों तक अपनी धूम मचाता था. आज एक बार फिर उत्तराखंड के एक गीत ने देश-दुनिया में धूम मचा रखी है.

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सोशल मीडिया के इस दौर में उत्तराखंड का 'गुलाबी शरारा' गीत बच्चे, युवा ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग भी खूब पसंद कर रहे हैं. गीत पर अभी तक 30 लाख रील्स इंस्टग्राम पर बन चुके हैं. ये गीत भारत ही नहीं दुनियाभर में जबरदस्त पसंद किया जा रहा है. विदेशी भी गुलाबी शरारा पर ठुमक-ठुमक कर डांस कर रहे हैं.

दरअसल, दुनियाभर में एकदम से सेंसेशन बना 'गुलाबी शरारा' उत्तराखंड का कुमाऊंनी सॉन्ग है, जिसे कुमाऊंनी सिंगर इंदर आर्य ने गाया है. इंदर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. पिछले 6 साल से गायक के रूप में इंदर आर्य कई सुपरहिट गीत दे चुके हैं.

हालांकि, इंदर आर्य की सिंगर बनने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. सिंगर से पहले इंदर आर्य होटल और रेस्तरां में शेफ की नौकरी किया करते थे. उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के होटल और रेस्तरां में 15 साल शेफ की नौकरी की.

मां से मिली सिंगर बनने की प्रेरणा: इंदर आर्य बताते हैं कि, बचपन से ही उन्हें गाना गाने का शौक रहा. संगीत उन्होंने अपनी मां से सीखा. उनकी मां की आवाज बहुत सुरीली है. वो बचपन से अपनी मां पहाड़ी गीत गुनगुनाने देखते थे.अपनी मां की तरह गीत गुनगनाते हुए अभ्यास करते थे. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति और जिम्मेदारियों के बोझ ने उन्हें संगीत की दुनिया से दूर होटल में नौकरी करने पर मजबूर किया.

कई साल शेफ की नौकरी करने के बाद सिंगर ना बनने का मलाल उनको सताता रहा. हालांकि, मां से मिली शिक्षा-दीक्षा के बदौलत उन्होंने गीत गाने का शौक जारी रखा और उनके इसी शौक ने उन्हें पहाड़ी गीतों के प्रति आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. आखिर में साल 2018 में उन्होंने गायन के क्षेत्र में कदम रखा.
ये भी पढ़ेंः कुमाऊंनी गाने 'गुलाबी शरारा' पर तंजानिया के किली पॉल ने मटकाई ऐसे कमर, लोग बोले- गर्दा उड़ा दिए गुरु

इन गीतों ने भी मचाई धूम: यूट्यूबर व कुमाऊंनी सिंगर इंदर आर्य अल्मोड़ा जिले के बाग पाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अल्मोड़ा से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा की है. यूट्यूब पर इंदर आर्य के गानों के काफी प्रशंसक हैं. उनके 20 गाने 2 करोड़ व्यूज को पार कर चुके हैं, तो 50 गाने 1 मिलियन व्यूज का रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं.

इन्ही गीतों में से एक 'गुलाबी शरारा' इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. 'गुलाबी शरारा' के अलावा, तेरो लहंगा, हे मधू, हिट मधुली, कुछ उनके ऐसे गीत हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के म्यूजिक इंडस्ट्री को देश-दुनिया में अलग पहचान दिलाने में कामयाबी हासिल की है.

गुराबी शरारा गीत रहा सुपरहिट: करीब 4 महीने पहले यूट्यूब पर लॉन्च हुआ 'गुलाबी शरारा' को अभी तक 35 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं. इस गीत गिरीश जीना ने लिखा है. गीत में कोरियोग्राफी अंकित कुमार ने की है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक 'गुलाबी शरारा' गीत पर करीब 30 लाख रील्स बन चुकी हैं.

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड की लोक संस्कृति, रीति रिवाज और लोक गायन कई दशकों से देश दुनिया में प्रसिद्ध है. एक जमाना था जब उत्तराखंड का सुप्रिद्ध गीत 'बेड़ू पाको बारामासा' देश की राजधानी दिल्ली के सियासी गलियारों तक अपनी धूम मचाता था. आज एक बार फिर उत्तराखंड के एक गीत ने देश-दुनिया में धूम मचा रखी है.

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सोशल मीडिया के इस दौर में उत्तराखंड का 'गुलाबी शरारा' गीत बच्चे, युवा ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग भी खूब पसंद कर रहे हैं. गीत पर अभी तक 30 लाख रील्स इंस्टग्राम पर बन चुके हैं. ये गीत भारत ही नहीं दुनियाभर में जबरदस्त पसंद किया जा रहा है. विदेशी भी गुलाबी शरारा पर ठुमक-ठुमक कर डांस कर रहे हैं.

दरअसल, दुनियाभर में एकदम से सेंसेशन बना 'गुलाबी शरारा' उत्तराखंड का कुमाऊंनी सॉन्ग है, जिसे कुमाऊंनी सिंगर इंदर आर्य ने गाया है. इंदर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. पिछले 6 साल से गायक के रूप में इंदर आर्य कई सुपरहिट गीत दे चुके हैं.

हालांकि, इंदर आर्य की सिंगर बनने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. सिंगर से पहले इंदर आर्य होटल और रेस्तरां में शेफ की नौकरी किया करते थे. उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों के होटल और रेस्तरां में 15 साल शेफ की नौकरी की.

मां से मिली सिंगर बनने की प्रेरणा: इंदर आर्य बताते हैं कि, बचपन से ही उन्हें गाना गाने का शौक रहा. संगीत उन्होंने अपनी मां से सीखा. उनकी मां की आवाज बहुत सुरीली है. वो बचपन से अपनी मां पहाड़ी गीत गुनगुनाने देखते थे.अपनी मां की तरह गीत गुनगनाते हुए अभ्यास करते थे. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति और जिम्मेदारियों के बोझ ने उन्हें संगीत की दुनिया से दूर होटल में नौकरी करने पर मजबूर किया.

कई साल शेफ की नौकरी करने के बाद सिंगर ना बनने का मलाल उनको सताता रहा. हालांकि, मां से मिली शिक्षा-दीक्षा के बदौलत उन्होंने गीत गाने का शौक जारी रखा और उनके इसी शौक ने उन्हें पहाड़ी गीतों के प्रति आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. आखिर में साल 2018 में उन्होंने गायन के क्षेत्र में कदम रखा.
ये भी पढ़ेंः कुमाऊंनी गाने 'गुलाबी शरारा' पर तंजानिया के किली पॉल ने मटकाई ऐसे कमर, लोग बोले- गर्दा उड़ा दिए गुरु

इन गीतों ने भी मचाई धूम: यूट्यूबर व कुमाऊंनी सिंगर इंदर आर्य अल्मोड़ा जिले के बाग पाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अल्मोड़ा से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा की है. यूट्यूब पर इंदर आर्य के गानों के काफी प्रशंसक हैं. उनके 20 गाने 2 करोड़ व्यूज को पार कर चुके हैं, तो 50 गाने 1 मिलियन व्यूज का रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं.

इन्ही गीतों में से एक 'गुलाबी शरारा' इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. 'गुलाबी शरारा' के अलावा, तेरो लहंगा, हे मधू, हिट मधुली, कुछ उनके ऐसे गीत हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के म्यूजिक इंडस्ट्री को देश-दुनिया में अलग पहचान दिलाने में कामयाबी हासिल की है.

गुराबी शरारा गीत रहा सुपरहिट: करीब 4 महीने पहले यूट्यूब पर लॉन्च हुआ 'गुलाबी शरारा' को अभी तक 35 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं. इस गीत गिरीश जीना ने लिखा है. गीत में कोरियोग्राफी अंकित कुमार ने की है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक 'गुलाबी शरारा' गीत पर करीब 30 लाख रील्स बन चुकी हैं.

Last Updated : Dec 20, 2023, 7:09 PM IST
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