कानपुर: शहर में दूसरे देशों व राज्यों के सिम बिक रहे हैं. एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने शनिवार को शहर में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जोकि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर रहे थे. आरोपियों के पास से एटीएस के अफसरों को 4000 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड मिले थे, जब आरोपियों को रिमांड पर लिया गया तो उन्होंने बताया कि कानपुर में कई ऐसे एजेंट सक्रिय हैं जो दूसरे देशों व राज्यों के सिम कार्ड उपलब्ध करा देते थे. अब, एटीएस के अफसरों ने ऐसे एजेंट की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है. खासतौर पर जाजमऊ, चुन्नीगंज व जरीब चौकी में लोगों से पूछताछ की जा रही है. यहां दोनों आरोपी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर रहे थे. हालांकि, अभी अफसरों के सामने कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब तलाशने में उन्हें कुछ वक्त लगेगा.
एटीएस अफसरों को यह भी पता लगा है, कि शहर में आरोपियों के पास कोरियर से भी सिमकार्ड के डिब्बे भेजे जाते थे. अब, सभी कोरियर कंपनी संचालकों सेे भी पूछताछ होगी, जिससे यह पता लग सके, कि आखिर सिमकार्ड भेजने वाले कौन लोग इस गिरोह में शामिल हैं? वहीं, अभी तक एटीएस को जो कोरियर से जुड़े दस्तावेज मिले हैं उनमें जीटी रोड निवासी मनीष शर्मा व पटना के रवि कुमार का नाम सामने आया है. एटीएस अफसरों को यह भी पता लगा है कि आरोपी मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के सिमकार्ड का प्रयोग कर रहे थे.
इस टास्क को देखने वाले एटीएस के एक आला अफसर ने बताया कि इस गिरोह का सरगना मुंबई निवासी नाजिम खां है. आरोपियों के पास से उसकी काफी डिटेल मिल गई है. अब, एटीएस नाजिम के यूपी कनेक्शन को भी खंगालेगी. नाजिम मुंबई से एक रिमोट एप्लीकेशन के जरिए काम करता था इसलिए सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच के लिए फोरेंसिक टीम की मदद ली जाएगी. एटीएस इसे काफी गंभीरता से ले रही है.
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