नई दिल्ली : कांग्रेस हाईकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बना दिया है, जिसके बाद में अब सिद्धू की कल ताजपोशी होगी. साथ ही चार अन्य कार्यकारी अध्यक्ष शुक्रवार को अपना-अपना कार्यभार संभालेंगे. सिद्धू मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह लेंगे.
सिद्धू की इस ताजपोशी दौरान मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह शामिल होने के लिए राज़ी हो गए हैं. बता दें कि सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले कुछ समय से तकरार चल रही थी.
अमृतसर (पूर्व) के विधायक ने हाल में मुख्यमंत्री पर बेअदबी के मामलों को लेकर निशाना साधा था. मुख्यमंत्री राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की नियुक्ति के भी खिलाफ थे. सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह उनसे तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि सिद्धू उनके खिलाफ अपने अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते हैं.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को सिद्धू को पार्टी की पंजाब इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. गांधी ने अगले विधानसभा चुनावों में सिद्धू की सहायता के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा को भी नियुक्त किया था.
इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ अपने अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगते है.
विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि उन्होंने एआईसीसी के पदाधिकारियों, मुख्यमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया है.
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नागरा ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा, उन्हें नई टीम को आशीर्वाद देने के लिए कार्यक्रम में पहुंचना चाहिए. हम जाखड़ साहब और मुख्यमंत्री साहब से अनुरोध करते हैं कि वे इसमें शामिल हों.
सूत्रों ने कहा कि नागरा के बृहस्पतिवार को अमरिंदर सिंह से मिलने की संभावना है जबकि उन्हें शुक्रवार के समारोह के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है.
इससे पहले बुधवार दिन में अमृतसर में सिद्धू के आवास पर पार्टी के करीब 60 विधायक उनसे मिलने पहुंचे, जिसे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ चल रहे उनके विवाद के बीच पंजाब में पार्टी पर अपनी पकड़ दिखाने का सिद्धू का एक तरह से शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के कुल 80 विधायक हैं.