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सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी अंकित के पिता बोले- उसे फांसी दो या गोली मारो, मुझे मंजूर है - sersa village sonipat haryana

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) के आरोपी अंकित सेरसा के माता-पिता पहली बार मीडिया के सामने आए हैं. अंकित के पिता ने कहा कि उसे गोली मारो या फांसी दो, मुझे मंजूर है.

sidhu moose wala murder case
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Published : Jul 6, 2022, 10:30 PM IST

सोनीपत: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 4 जुलाई को दो शूटरों को गिरफ्तार किया. दोनों शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गैंग के बताए जा रहे हैं. गिरफ्तार दोनों शूटर में एक अंकित नाम का शूटर है. जिसकी उम्र मजह 18 साल है. बताया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दौरान अंकित ने दोनों हाथों से सबसे करीब जाकर गोलियां चलाई थीं. हत्या के बाद पुलिस को चकमा देकर अंकित छह राज्यों में जाकर छिपा.

अंकित हरियाणा के सोनीपत जिले के सेरसा गांव (sersa village sonipat haryana) का रहने वाला है. मजह 18 गज की जमीन पर अंकित सेरसा का घर बना है. अंकित परिवार में सबसे छोटा सदस्य है. उससे बड़ी चार बहनें और एक भाई है. अंकित के पिता और माता दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर मजदूरी करते हैं. अंकित के पिता और मां ने बताया कि अंकित का गांव में हमेशा से अच्छा व्यवहार रहा है. घर में सबसे छोटा होने के कारण उसका लाड भी सबसे ज्यादा रहा है.

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी अंकित के पिता बोले- उसे फांसी दो या गोली मारो, मुझे मंजूर है

अंकित के पिता के मुताबिक (ankit sersa father reaction) अंकित का पढ़ाई में कभी भी मन नहीं लगा. पढ़ाई को लेकर एक बार अंकित के पिता ने उसकी डंडे से पिटाई की थी. अंकित के पैर पर डंडा लगने की वजह से गहरा घाव हुआ था. जैसे तैसे अंकित ने 9वीं पास कर ली, लेकिन वो 10वीं में फेल हो गया. जिसके बाद वो एक फैक्ट्री में नौकरी करने लगा. जब कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा. तब अंकित की नौकरी छूट गई. नौकरी छूटने के बाद अंकित अपनी बुआ के घर गया.

वहां उसने मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम दिया. जिसके बाद अंकित कुछ दिन के लिए झज्जर की जेल में रहकर आया था. जेल में उसकी मुलाकात बड़े गैंगस्टर से हुई. यहीं से अंकित सेरसा अपराध की दुनिया का नया गैंगस्टर बन गया. घर से निकलने के बाद अंकित लॉरेंश बिश्नोई गैंग में बतौर शूटर शामिल हो गया. अंकित के पिता ने बताया कि उसकी आपराधिक प्रवृति को देखते हुए अप्रैल में ही घर से बेदखल कर दिया था. जिसके बाद पिता-पुत्र में जबरदस्त बहस हुई. इसके बाद अंकित घर से चला गया.

ये भी पढ़ें- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड: 10वीं में फेल हुआ तो बना ली गैंग, जनिए 18 साल के शूटर अंकित सेरसा की कहानी

अंकित के पिता ने कहा कि अब कानून उसे फांसी से या गोली मारे. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. अंकित की मां ने कहा कि वो दिहाड़ी मजदूरी कर अपना पेट भरते हैं. आज अंकित ने ऐसा दिन दिखा दिया है कि हम किसी के सामने मुंह दिखाने लायक नहीं हैं. उनकी मां ने बताया कि सबसे छोटा होने की वजह से अंकित उनका बहुत लाड़ला था, लेकिन अंकित ने अब ऐसा काम कर दिया है कि मां का दिल अब पत्थर हो चुका है. सारी इज्जत खाक में मिल गई है. अब घर से बाहर निकलने में भी शर्म आ रही है.

सोनीपत: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 4 जुलाई को दो शूटरों को गिरफ्तार किया. दोनों शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गैंग के बताए जा रहे हैं. गिरफ्तार दोनों शूटर में एक अंकित नाम का शूटर है. जिसकी उम्र मजह 18 साल है. बताया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दौरान अंकित ने दोनों हाथों से सबसे करीब जाकर गोलियां चलाई थीं. हत्या के बाद पुलिस को चकमा देकर अंकित छह राज्यों में जाकर छिपा.

अंकित हरियाणा के सोनीपत जिले के सेरसा गांव (sersa village sonipat haryana) का रहने वाला है. मजह 18 गज की जमीन पर अंकित सेरसा का घर बना है. अंकित परिवार में सबसे छोटा सदस्य है. उससे बड़ी चार बहनें और एक भाई है. अंकित के पिता और माता दो वक्त की रोटी के लिए दिनभर मजदूरी करते हैं. अंकित के पिता और मां ने बताया कि अंकित का गांव में हमेशा से अच्छा व्यवहार रहा है. घर में सबसे छोटा होने के कारण उसका लाड भी सबसे ज्यादा रहा है.

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी अंकित के पिता बोले- उसे फांसी दो या गोली मारो, मुझे मंजूर है

अंकित के पिता के मुताबिक (ankit sersa father reaction) अंकित का पढ़ाई में कभी भी मन नहीं लगा. पढ़ाई को लेकर एक बार अंकित के पिता ने उसकी डंडे से पिटाई की थी. अंकित के पैर पर डंडा लगने की वजह से गहरा घाव हुआ था. जैसे तैसे अंकित ने 9वीं पास कर ली, लेकिन वो 10वीं में फेल हो गया. जिसके बाद वो एक फैक्ट्री में नौकरी करने लगा. जब कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा. तब अंकित की नौकरी छूट गई. नौकरी छूटने के बाद अंकित अपनी बुआ के घर गया.

वहां उसने मोबाइल चोरी की वारदात को अंजाम दिया. जिसके बाद अंकित कुछ दिन के लिए झज्जर की जेल में रहकर आया था. जेल में उसकी मुलाकात बड़े गैंगस्टर से हुई. यहीं से अंकित सेरसा अपराध की दुनिया का नया गैंगस्टर बन गया. घर से निकलने के बाद अंकित लॉरेंश बिश्नोई गैंग में बतौर शूटर शामिल हो गया. अंकित के पिता ने बताया कि उसकी आपराधिक प्रवृति को देखते हुए अप्रैल में ही घर से बेदखल कर दिया था. जिसके बाद पिता-पुत्र में जबरदस्त बहस हुई. इसके बाद अंकित घर से चला गया.

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अंकित के पिता ने कहा कि अब कानून उसे फांसी से या गोली मारे. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. अंकित की मां ने कहा कि वो दिहाड़ी मजदूरी कर अपना पेट भरते हैं. आज अंकित ने ऐसा दिन दिखा दिया है कि हम किसी के सामने मुंह दिखाने लायक नहीं हैं. उनकी मां ने बताया कि सबसे छोटा होने की वजह से अंकित उनका बहुत लाड़ला था, लेकिन अंकित ने अब ऐसा काम कर दिया है कि मां का दिल अब पत्थर हो चुका है. सारी इज्जत खाक में मिल गई है. अब घर से बाहर निकलने में भी शर्म आ रही है.

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