सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी में हुए पेशाब कांड को लेकर अब पीड़ित आदिवासी युवक ने दरियादिली दिखाते हुए आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला की रिहाई की मांग की है. पीड़ित का कहना है कि "वे हमारे गांव के पंडित हैं, इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाए." फिलहाल पीड़ित की ये बात सुनकर सभी हैरान है, साथ ही अब भाजपा सरकार पर ये भी आरोप लग रहा है कि कहीं भोपाल बुलाकर सीएम शिवराज ने पीड़ित के पैर धुलाकर कोई नई चाल तो नहीं चली है. (Sidhi Urination Case)
पंडित हैं, इसलिए छोड़ दें: सीधी में पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत ने आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को छोड़ने की गुहार लगाते हुए कहा कि "हमारी मांग यही है कि जो गलती हो गई वो गई, अब उनको (प्रवेश शुक्ला) छोड़ दिया जाए. अनजाने में उनसे जो गलती हो गई, सो हो गई. अब वे अपनी गलती महसूस कर रहे है और फिर वे हमारे गांव के पंडित हैं, इसलिए उन्हें अब छोड़ दिया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें 6.50 लाख रुपये (5 लाख रुपये सहायता राशि और 1.50 लाख आवास के लिए) दे दिए हैं, लेकिन अब हमारी बस इतनी ही मांग है कि प्रवेश शुक्ला को छोड़ दिया जाए." इसके अलावा रावत ने कहा कि गांव में सड़क निर्माण के अलावा उनके पास सरकार से मांगने के लिए और कुछ नहीं है.
अपने नेता को बचा रही भाजपा: दरअसल जब मामले में भाजपा नेता द्वारा युवक के चेहरे पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था तो दशमत आदिवासी को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इस दौरान शायद पीड़ित डर गया होगा तो उसने वीडियो में खुद के होने की बात से साफ इंकार कर दिया था, हालांकि बाद में बहुत पूछने के बाद उसने वीडियो में खुद के होने की बात स्वीकारी थी. फिलहाल अभी पीड़त दशमत, सीएम शिवराज से मिलकर लौटा है, ऐसे में पीड़ित का ये डिमांड करना कि "आरोपी को छोड़ दिया जाए, क्योंकि वो गांव के पंडित है" ये बात लोगों के हलक से उतरने को तैयार नहीं है. फिलहाल सोशल मीडिया पर लोग भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि कहीं अपने नेता को बचाने के लिए सरकार की नई चाल तो नहीं है?
सीएम शिवराज ने मांगी माफी: बता दें कि पीड़ित दशमत रावत के साथ हुए पेशाब कांड पर सीएम शिवराज ने माफी मांगी थी और पीड़ित को भोपाल स्थित सीएम हाउस बुलवाकर उनके पैर धोकर और गले लगकर सम्मान किया था. दशमत रावत को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई थी. वहीं आरोपी प्रवेश शुक्ला आईपीसी और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्रासंगिक आरोपों का सामना करने के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है, जो फिलहाल जेल में बंद है. इसके साथ ही सीधी में शुक्ला के घर को अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया.