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Siddha Pahad Mining सीएम शिवराज का बड़ा फैसला, सिद्धा पहाड़ पर नहीं होगा खनन, कांग्रेस बोली सत्य की जीत हुई

सतना और रीवा में सिद्धा पहाड़ पर खनन नहीं किया जाएगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह बड़ा फैसला लिया है. सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा. यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा. Siddha pahad Rewa mining Lease, Mountain mining contract Satna, Rewa Mining Lease Cancel

mining will not be allowed on siddha hill
सीएम शिवराज और सिद्धा पहाड़
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Published : Sep 2, 2022, 2:27 PM IST

भोपाल। सतना में सिद्धा पहाड़ पर खनन को लेकर उठे विरोध के बाद सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी की सिद्धा पहाड़ी पर किसी भी कीमत पर खनन नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सतना जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ''सिद्धा पहाड़ जैसे अमूल्य सांस्कृतिक स्थान हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं. वहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा''.

  • सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा । यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस बोली सत्य की जीत हुई: उधर सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा है कि ''सरकार ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है''. कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि ''इस मामले को लेकर कमलनाथ ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी थी. शिवराज सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और कहा है कि यहां खनन नहीं होगा, आज सत्य की जीत हुई है''.

  • कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी , जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्री राम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व ख़त्म नहीं होने देंगे।

    शिवराज सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और कहा है कि यहाँ खनन नहीं होगा।

    यह सत्य की जीत है।

    — Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

Rewa News जिस पहाड़ पर भगवान राम ने ली थी पहली प्रतिज्ञा, उसपर हीरे खोज रही सरकार, बीजेपी विधायक ने किया खनन का विरोध

यह है पूरा मामला: सतना जिले के पौराणिक महत्व वाले सिद्धा पहाड़ पर उत्खनन को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन ने तैयारी की थी. उत्खनन के पहले पर्यावरण अनुमति के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा 30 सितंबर को सुनवाई की जानी थी. सिद्धा पहाड़ के उत्खनन की अनुमति दिए जाने की खबरें जैसे ही सामने आई इसको लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस और खुद बीजेपी विधायकों ने कड़ा विरोध जताया. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने आपत्ति जताते हुए खनन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.

सिद्धा पहाड़ को बचाने बीजेपी विधायक ने PM मोदी को लिखा पत्र, श्रीराम की स्मृति स्थल को खनन माफिया से बचा लीजिए

वान राम ने यहीं ली थी पहली प्रतिज्ञा: विंध्य क्षेत्र स्थित सिद्धा पहाड़ का धार्मिक और पौराणिक महत्व है. भगवान राम के 14 साल के वनवास की यात्रा पर अनुसंधान करने वालों ने ऐसे 200 स्थानों का पता लगाया था, जहां भगवान श्रीराम रुके थे. इसमें मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट को उनका दूसरा पड़ाव माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार सतना जिले के बिरसिंहपुर क्षेत्र के इस सिद्धा पहाड़ पर भगवान श्रीराम ने निशाचरों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा ली थी. रामचरित मानस के अरण्य कांड में इसका उल्लेख है. जब भगवान राम चित्रकूट से आगे बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला, यह पहाड़ ऋषि मुनियों की अस्थियों से बना था. यहां राक्षसों ने ऋषि मुनियों को मारा, जिनकी अस्थियों से यह पहाड़ बन गया. यहीं भगवान श्रीराम ने राक्षसों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा की थी.

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भोपाल। सतना में सिद्धा पहाड़ पर खनन को लेकर उठे विरोध के बाद सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी की सिद्धा पहाड़ी पर किसी भी कीमत पर खनन नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सतना जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ''सिद्धा पहाड़ जैसे अमूल्य सांस्कृतिक स्थान हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं. वहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा''.

  • सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा । यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है।

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस बोली सत्य की जीत हुई: उधर सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा है कि ''सरकार ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है''. कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि ''इस मामले को लेकर कमलनाथ ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी थी. शिवराज सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और कहा है कि यहां खनन नहीं होगा, आज सत्य की जीत हुई है''.

  • कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी , जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्री राम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व ख़त्म नहीं होने देंगे।

    शिवराज सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और कहा है कि यहाँ खनन नहीं होगा।

    यह सत्य की जीत है।

    — Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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यह है पूरा मामला: सतना जिले के पौराणिक महत्व वाले सिद्धा पहाड़ पर उत्खनन को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन ने तैयारी की थी. उत्खनन के पहले पर्यावरण अनुमति के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा 30 सितंबर को सुनवाई की जानी थी. सिद्धा पहाड़ के उत्खनन की अनुमति दिए जाने की खबरें जैसे ही सामने आई इसको लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस और खुद बीजेपी विधायकों ने कड़ा विरोध जताया. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने आपत्ति जताते हुए खनन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.

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वान राम ने यहीं ली थी पहली प्रतिज्ञा: विंध्य क्षेत्र स्थित सिद्धा पहाड़ का धार्मिक और पौराणिक महत्व है. भगवान राम के 14 साल के वनवास की यात्रा पर अनुसंधान करने वालों ने ऐसे 200 स्थानों का पता लगाया था, जहां भगवान श्रीराम रुके थे. इसमें मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट को उनका दूसरा पड़ाव माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार सतना जिले के बिरसिंहपुर क्षेत्र के इस सिद्धा पहाड़ पर भगवान श्रीराम ने निशाचरों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा ली थी. रामचरित मानस के अरण्य कांड में इसका उल्लेख है. जब भगवान राम चित्रकूट से आगे बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला, यह पहाड़ ऋषि मुनियों की अस्थियों से बना था. यहां राक्षसों ने ऋषि मुनियों को मारा, जिनकी अस्थियों से यह पहाड़ बन गया. यहीं भगवान श्रीराम ने राक्षसों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा की थी.

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