बेंगलुरू: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजनीतिक दल चुनावी अभियान में जुटे हैं. इसी सिलसिले में दिग्गज नेता राज्य का दौरा भी कर रहे हैं. वहीं, नेताओं के आरोप-प्रत्यारोपों का भी दौर शुरू हो गया है. सदन में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने चुनाव आयोग से केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे को कर्नाटक के किसी भी चुनाव अभियान में भाग लेने से रोकने का आग्रह किया है. सिद्धारमैया ने ट्वीट करते हुए चुनाव आयोग से पूछा है कि राज्य में चुनाव, आयोग करा रहा है या भारतीय जनता पार्टी? क्या पार्टी पदाधिकारी संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों का निर्धारण करते हैं? बता दें, कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है, जबकि 13 मई को मतगणना होनी है.
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In the booths that are not in their favour, @BJP4Karnataka leaders want to scare people away from coming to the polling station by deputing army personnel for security.#AssemblyElection2023 pic.twitter.com/42fad6vk60
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— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 27, 2023
दरअसल, केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की सदस्य शोभा करंदलाजे ने पत्र लिखकर संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था. पत्र भाजपा जिलाध्यक्षों, प्रत्याशियों, जिला महासचिवों व चुनाव अभिकर्ताओं को लिखा गया है. इसके बाद सिद्धारमैया ने एक ट्वीट के साथ पत्र की आलोचना की.
उन्होंने कहा है कि इस पत्र का दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य उन मतदान केंद्रों में केंद्रीय सेना बलों की प्रतिनियुक्ति करके मतदाताओं को धमकाना है, जहां ऐसे मतदाता हैं जो अपनी पार्टी के पक्ष में नहीं हैं और उन्हें मतदान करने से रोकते हैं. सिद्धारमैया ने पूछा है कि क्या मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार नहीं है ? राजनीतिक दल को इसे चलाने की अनुमति किसने दी?
सिद्धारमैया ने कहा कि अगर आप केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे द्वारा लिखे गए पत्र को देखते हैं, तो यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार इस अवैध गतिविधि में शामिल है. केंद्रीय चुनाव आयुक्त को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और मंत्री शोभा करंदलाजे से पूछताछ करनी चाहिए. शोभा करंदलाजे को किसी भी तरह के भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. सिद्धारमैया ने मांग की भाजपा नेताओं और उम्मीदवारों से प्राप्त जानकारी को जब्त किए जाने की मांग की.