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SIA ने पीडीपी नेता वहीद-उर-रहमान पारा के खिलाफ दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट - एसआईए

एसआईए (SIA) ने आज श्रीनगर के एक कोर्ट में पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की.

PDP leader Waheed Para
पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा
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Published : Aug 8, 2022, 9:04 PM IST

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने सोमवार को श्रीनगर की एक अदालत में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता वहीद-उर-रहमान पारा के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र पेश किया. सूत्रों के अनुसार, इस मामले की चार्जशीट में उग्रवाद की विभिन्न गतिविधियों में शामिल ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) और मारे गए उग्रवादियों के खिलाफ चालान भी शामिल है.

उन्होंने कहा, आरोपी वहीद-उर-रहमान इन आतंकवादियों के संपर्क में था और उसने राजनीतिक लाभ के लिए आपराधिक साजिश रची. दिलचस्प बात यह है कि अबेट चालान एक तरह की रिपोर्ट है जिसमें एक आरोपी को मृत घोषित कर दिया जाता है और पारा के मामले में आरोपी के रूप में सूचीबद्ध सभी आतंकवादी मारे गए हैं.

गौरतलब है कि इसी साल 25 मई को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पारा को जमानत दे दी थी. इससे पहले 21 मई को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पारा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और इससे पहले पीठ ने आंशिक रूप से 27 अप्रैल और 13 मई को मामले की सुनवाई की थी, जबकि मामले पर 20 मई को बहस पूरी हुई थी. पुलवामा का रहने वाला पारा महबूबा मुफ्ती का करीबी सहयोगी है.

ये भी पढ़ें - जमानत पर रिहा हुए पीडीपी नेता वहीद पारा से मिलीं महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने सोमवार को श्रीनगर की एक अदालत में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता वहीद-उर-रहमान पारा के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र पेश किया. सूत्रों के अनुसार, इस मामले की चार्जशीट में उग्रवाद की विभिन्न गतिविधियों में शामिल ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) और मारे गए उग्रवादियों के खिलाफ चालान भी शामिल है.

उन्होंने कहा, आरोपी वहीद-उर-रहमान इन आतंकवादियों के संपर्क में था और उसने राजनीतिक लाभ के लिए आपराधिक साजिश रची. दिलचस्प बात यह है कि अबेट चालान एक तरह की रिपोर्ट है जिसमें एक आरोपी को मृत घोषित कर दिया जाता है और पारा के मामले में आरोपी के रूप में सूचीबद्ध सभी आतंकवादी मारे गए हैं.

गौरतलब है कि इसी साल 25 मई को जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पारा को जमानत दे दी थी. इससे पहले 21 मई को उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पारा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और इससे पहले पीठ ने आंशिक रूप से 27 अप्रैल और 13 मई को मामले की सुनवाई की थी, जबकि मामले पर 20 मई को बहस पूरी हुई थी. पुलवामा का रहने वाला पारा महबूबा मुफ्ती का करीबी सहयोगी है.

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