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चमत्कार! इस मंदिर में हर साल बढ़ता है शिवलिंग का आकार

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के प्रसिद्ध शक्ति पीठ अलोप शंकरी मंदिर के सामने ललितेश्वर महादेव का मंदिर स्थापित है. दावा है कि हर साल इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार एक तिल के दाने बराबर बढ़ जाता है. इस चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दराज से भक्त आते हैं.

शिवलिंग का आकार
शिवलिंग का आकार
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Published : Jun 29, 2021, 1:32 PM IST

प्रयागराज : हमारे देश में कई मठ-मंदिर हैं, जिनकी अपनी अलग मान्यताएं और रहस्य हैं. संगम नगरी में ऐसा ही एक मंदिर है- ललितेश्वर महादेव मंदिर. शक्तिपीठ अलोप शंकरी मंदिर के ठीक सामने स्थित ललितेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग अलोप शंकरी माता के भैरव स्वरूप में है. यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का दावा है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार तिल-तिल बढ़ रहा है.

भोलेनाथ का दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि इस दिव्य शिवलिंग की ऊंचाई और आकार बढ़ रहा है. मंदिर में 20 साल से दर्शन करने आए भक्त अभिषेक बताते हैं कि यह शिवलिंग लगभग चार इंच तक बढ़ चुका है.

देखें रिपोर्ट

इस चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और शिवलिंग का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि भोलेनाथ के दर्शन मात्र से सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और मन को शांति मिलती है.

पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी करता है मंदिर की देखरेख
ललितेश्वर महादेव मंदिर की देखरेख पंचायती अखाड़ा निर्वाणी की तरफ से की जाती है. मंदिर के पुजारी के विकास शर्मा बताते हैं कि यह शिवलिंग सदियों पुराना है. यह शिवलिंग मां अलोप शंकरी के भैरव स्वरूप में है. यही वजह है कि अलोप शंकरी का दर्शन करने के बाद इस शिवलिंग का भी दर्शन करना चाहिए. ऐसा करने से माता अलोप शंकरी की कृपा बनी रहती है और माता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

जलाभिषेक करतीं महिलाएं
जलाभिषेक करतीं महिलाएं

मंदिर में देवी के तीन शक्ति स्वरूप का होता है आभास
ललितेश्वर महादेव मंदिर में सालों से दर्शन पूजा करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर में शिवलिंग के पास तीन तरह की देवी शक्ति का आभास होता है. लगातार बढ़ने वाला यह शिवलिंग प्रयागराज का चमत्कारी शिवलिंग है. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग का सच्चे मन से अभिषेक करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलने के साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

शिवलिंग का आकार
शिवलिंग का आकार

वैज्ञानिक मान रहे भ्रम
शिवलिंग के आकार में हुई वृद्धि को एक तरफ जहां श्रद्धालु चमत्कार मान रहे हैं तो वहीं विज्ञान के जानकरों की राय बिल्कुल अलग है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पत्थर का आकार कभी बढ़ता नहीं है. कई बार पत्थर के नीचे पानी पहुंचने अथवा किसी दूसरी वजह से पत्थर ऊपर आता है जिसे लोग आकार बढ़ना मान लेते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से पत्थर का आकार कम होना संभव है, लेकिन उसके बढ़ने की उम्मीद नहीं होती है.

यह भी पढ़ें- इस गांव में सैकड़ों वर्ष पूर्व धरती से प्रकट हुआ था शिवलिंग

प्रयागराज : हमारे देश में कई मठ-मंदिर हैं, जिनकी अपनी अलग मान्यताएं और रहस्य हैं. संगम नगरी में ऐसा ही एक मंदिर है- ललितेश्वर महादेव मंदिर. शक्तिपीठ अलोप शंकरी मंदिर के ठीक सामने स्थित ललितेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग अलोप शंकरी माता के भैरव स्वरूप में है. यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का दावा है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार तिल-तिल बढ़ रहा है.

भोलेनाथ का दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि इस दिव्य शिवलिंग की ऊंचाई और आकार बढ़ रहा है. मंदिर में 20 साल से दर्शन करने आए भक्त अभिषेक बताते हैं कि यह शिवलिंग लगभग चार इंच तक बढ़ चुका है.

देखें रिपोर्ट

इस चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और शिवलिंग का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि भोलेनाथ के दर्शन मात्र से सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और मन को शांति मिलती है.

पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी करता है मंदिर की देखरेख
ललितेश्वर महादेव मंदिर की देखरेख पंचायती अखाड़ा निर्वाणी की तरफ से की जाती है. मंदिर के पुजारी के विकास शर्मा बताते हैं कि यह शिवलिंग सदियों पुराना है. यह शिवलिंग मां अलोप शंकरी के भैरव स्वरूप में है. यही वजह है कि अलोप शंकरी का दर्शन करने के बाद इस शिवलिंग का भी दर्शन करना चाहिए. ऐसा करने से माता अलोप शंकरी की कृपा बनी रहती है और माता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

जलाभिषेक करतीं महिलाएं
जलाभिषेक करतीं महिलाएं

मंदिर में देवी के तीन शक्ति स्वरूप का होता है आभास
ललितेश्वर महादेव मंदिर में सालों से दर्शन पूजा करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर में शिवलिंग के पास तीन तरह की देवी शक्ति का आभास होता है. लगातार बढ़ने वाला यह शिवलिंग प्रयागराज का चमत्कारी शिवलिंग है. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग का सच्चे मन से अभिषेक करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलने के साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

शिवलिंग का आकार
शिवलिंग का आकार

वैज्ञानिक मान रहे भ्रम
शिवलिंग के आकार में हुई वृद्धि को एक तरफ जहां श्रद्धालु चमत्कार मान रहे हैं तो वहीं विज्ञान के जानकरों की राय बिल्कुल अलग है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पत्थर का आकार कभी बढ़ता नहीं है. कई बार पत्थर के नीचे पानी पहुंचने अथवा किसी दूसरी वजह से पत्थर ऊपर आता है जिसे लोग आकार बढ़ना मान लेते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से पत्थर का आकार कम होना संभव है, लेकिन उसके बढ़ने की उम्मीद नहीं होती है.

यह भी पढ़ें- इस गांव में सैकड़ों वर्ष पूर्व धरती से प्रकट हुआ था शिवलिंग

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