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उत्तराखंड सरकार में बने दो पावर सेंटर, ओम प्रकाश 'सेर' या शत्रुघ्न होंगे 'सवा सेर' - क्या सरकार में शत्रुघ्न सिंह और मुख्य सचिव ओम प्रकाश

तीरथ ने मुख्यमंत्री बनते ही ऊटपटांग बयान देकर किरकिरी कराई थी. साथ में कोरोना ने सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया है. ऐसे में क्या मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह सरकार के तारणहार बन पाएंगे. क्या सरकार में शत्रुघ्न सिंह और मुख्य सचिव ओम प्रकाश के रूप में दो पावर सेंटर बनने से समस्या और बढ़ेगी. पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट.

उत्तराखंड में दो पावर सेंटर
उत्तराखंड में दो पावर सेंटर
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Published : May 22, 2021, 9:52 PM IST

देहरादून: तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनते ही सरकार एक तरफ उनके बयानों से और दूसरी तरफ कोविड-19 के सबसे बुरे दौर से घिर चुकी है. इस मुश्किल की घड़ी में नैय्या पार लगाने के लिए उन्होंने अपने सरकारी सिस्टम के ऊपर एक बिग बॉस के रूप में पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को बैठाया है. इससे तीरथ सरकार की ब्यूरोक्रेसी कितनी बूस्टअप होगी यह बड़ा सवाल है.

बिग बॉस की भूमिका में रहेंगे मुख्यमंत्री के सलाहकार शत्रुघ्न सिंह

बिग बॉस की भूमिका ?
बिग बॉस की भूमिका ?

वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह व्यवहार कुशल और ब्यूरोक्रेसी के मामले में बेहद अनुभवी हैं. वहीं मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने उन्हें मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त कर अपने सरकारी सिस्टम के ऊपर एक अनुभवी और कुशल शासक को बैठाया है. ताकि ब्यूरोक्रेसी में किसी भी तरह से उनके कम अनुभव का नुकसान ना हो.

शत्रुघ्न सिंह के मुख्य सलाहकार के रूप में आने के बाद मुख्यमंत्री के पास आने वाली हर फाइल पर शत्रुघ्न सिंह का मंतव्य बेहद महत्वपूर्ण होगा. उसमें उनका अनुभव और कार्यकुशलता सरकार के फैसले फैसलों को बेहतर बनाएगी.

सख्त मॉनिटर हैं शत्रुघ्न सिंह, ऑफिस में रखते थे डंडा

ये भी जानें
ये भी जानें

उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने शत्रुघ्न सिंह के 15 साल पुराने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वह अक्सर अपने ऑफिस में एक बड़ा सा डंडा रखते थे. एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब शत्रुघ्न सिंह ऊर्जा विभाग में मात्र सचिव थे तो एक बार ऊर्जा विभाग में हुई कुछ अनियमितताओं से सम्बंधित तथ्यों के साथ जब भागीरथ शर्मा उनके कार्यालय में गए और उनसे कड़े सवाल जवाब किये तो सवालों के जवाब तो शत्रुघ्न ने दिये ही लेकिन बाद में अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे कार्यालय में यह लट्ठ रखा है. जिसने घपला-घोटाला किया होगा, उसका जवाब ये लट्ठ लेगा. फिर ठहाके मार के हंसने लगे.

शत्रुघ्न सिंह को जानने वाले पत्रकार और अन्य लोग बताते हैं कि वो व्यवहार कुशल और काफी मीडिया फ्रेंडली हैं और बहुत सहज हैं. उन पर कभी गुटबाजी, घपला घोटालों के आरोप नहीं लगे हैं. साथ ही उनकी तगड़ी समझ है कि सिस्टम में ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम लेना है.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की कमियों को करेंगे पूरा

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद ब्यूरोक्रेसी के बड़े पदों पर होने वाले परिवर्तन को लेकर लगातार चर्चाएं थीं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव ओमप्रकाश को बदले जाने को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर थीं. लेकिन फिलहाल इस तरह के बदलाव सरकार ने नहीं किए.

मजबूरी चाहे सरकार की कोई भी रही हो, लेकिन जिस तरह की केमिस्ट्री त्रिवेंद्र और ओमप्रकाश में थी, उस केमिस्ट्री की उम्मीद तीरथ रावत और ओमप्रकाश की केमिस्ट्री से नहीं की जा सकती है.

यह भी बताया जा रहा है कि इस कम्युनिकेशन गैप या फिर ओमप्रकाश के रिजर्व नेचर की कमी को भरने के लिए मुख्य सलाहकार के रूप में शत्रुघ्न सिंह एक बेहतर दांव साबित होंगे.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश से कहीं ज्यादा अनुभवी शत्रुघ्न सिंह

कौन पड़ेगा भारी
कौन पड़ेगा भारी

पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह का अनुभव राज्य से लेकर केंद्र में काफी बड़ा है. वह तीन बार भारत सरकार में रह चुके हैं. वहीं उन्होंने भाजपा की अटल सरकार और कांग्रेस की मनमोहन सरकार दोनों में केंद्र में अपना अनुभव लिया है.

उसके बाद उत्तराखंड में भी उन्होंने लंबे समय तक सेवाएं दी हैं. इसकी तुलना में ओम प्रकाश केवल राज्य के अनुभव तक ही सीमित हैं. इस नजरिए से भी शत्रुघ्न सिंह को ओम प्रकाश की तुलना में काफी ऊपर देखा जा रहा है.

आरएसएस के करीबी और खंडूड़ी की पसंद हैं शत्रुघ्न

आरएसएस के करीबी
आरएसएस के करीबी

वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि शत्रुघ्न सिंह आरएसएस के काफी करीब हैं. केंद्र में राजनाथ के लेकर संघ के कई बड़े नेताओं से उनके करीबी संबंध हैं. कहा जाता है कि वो पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के खास हैं. खंडूड़ी की सलाह पर ही उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाया गया.

पढ़ें- सिलेंडर से सीधे ठंडी ऑक्सीजन देना बेहद खतरनाक : न्यूरोसर्जरी प्रोफेसर

तीरथ के कम अनुभव के कारण आरएसएस की तरफ से उन्हें उत्तराखंड में अनुभव का इस्तेमाल करने के निर्देश संगठन स्तर पर दिए गए हैं. वजह साफ है कि शत्रुघ्न सिंह के अनुभव का फायदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उठा पाएंगे.

देहरादून: तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनते ही सरकार एक तरफ उनके बयानों से और दूसरी तरफ कोविड-19 के सबसे बुरे दौर से घिर चुकी है. इस मुश्किल की घड़ी में नैय्या पार लगाने के लिए उन्होंने अपने सरकारी सिस्टम के ऊपर एक बिग बॉस के रूप में पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को बैठाया है. इससे तीरथ सरकार की ब्यूरोक्रेसी कितनी बूस्टअप होगी यह बड़ा सवाल है.

बिग बॉस की भूमिका में रहेंगे मुख्यमंत्री के सलाहकार शत्रुघ्न सिंह

बिग बॉस की भूमिका ?
बिग बॉस की भूमिका ?

वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो चुके आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह व्यवहार कुशल और ब्यूरोक्रेसी के मामले में बेहद अनुभवी हैं. वहीं मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने उन्हें मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त कर अपने सरकारी सिस्टम के ऊपर एक अनुभवी और कुशल शासक को बैठाया है. ताकि ब्यूरोक्रेसी में किसी भी तरह से उनके कम अनुभव का नुकसान ना हो.

शत्रुघ्न सिंह के मुख्य सलाहकार के रूप में आने के बाद मुख्यमंत्री के पास आने वाली हर फाइल पर शत्रुघ्न सिंह का मंतव्य बेहद महत्वपूर्ण होगा. उसमें उनका अनुभव और कार्यकुशलता सरकार के फैसले फैसलों को बेहतर बनाएगी.

सख्त मॉनिटर हैं शत्रुघ्न सिंह, ऑफिस में रखते थे डंडा

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उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा ने शत्रुघ्न सिंह के 15 साल पुराने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि वह अक्सर अपने ऑफिस में एक बड़ा सा डंडा रखते थे. एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब शत्रुघ्न सिंह ऊर्जा विभाग में मात्र सचिव थे तो एक बार ऊर्जा विभाग में हुई कुछ अनियमितताओं से सम्बंधित तथ्यों के साथ जब भागीरथ शर्मा उनके कार्यालय में गए और उनसे कड़े सवाल जवाब किये तो सवालों के जवाब तो शत्रुघ्न ने दिये ही लेकिन बाद में अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे कार्यालय में यह लट्ठ रखा है. जिसने घपला-घोटाला किया होगा, उसका जवाब ये लट्ठ लेगा. फिर ठहाके मार के हंसने लगे.

शत्रुघ्न सिंह को जानने वाले पत्रकार और अन्य लोग बताते हैं कि वो व्यवहार कुशल और काफी मीडिया फ्रेंडली हैं और बहुत सहज हैं. उन पर कभी गुटबाजी, घपला घोटालों के आरोप नहीं लगे हैं. साथ ही उनकी तगड़ी समझ है कि सिस्टम में ब्यूरोक्रेसी से कैसे काम लेना है.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश की कमियों को करेंगे पूरा

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद ब्यूरोक्रेसी के बड़े पदों पर होने वाले परिवर्तन को लेकर लगातार चर्चाएं थीं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव ओमप्रकाश को बदले जाने को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर थीं. लेकिन फिलहाल इस तरह के बदलाव सरकार ने नहीं किए.

मजबूरी चाहे सरकार की कोई भी रही हो, लेकिन जिस तरह की केमिस्ट्री त्रिवेंद्र और ओमप्रकाश में थी, उस केमिस्ट्री की उम्मीद तीरथ रावत और ओमप्रकाश की केमिस्ट्री से नहीं की जा सकती है.

यह भी बताया जा रहा है कि इस कम्युनिकेशन गैप या फिर ओमप्रकाश के रिजर्व नेचर की कमी को भरने के लिए मुख्य सलाहकार के रूप में शत्रुघ्न सिंह एक बेहतर दांव साबित होंगे.

मुख्य सचिव ओम प्रकाश से कहीं ज्यादा अनुभवी शत्रुघ्न सिंह

कौन पड़ेगा भारी
कौन पड़ेगा भारी

पूर्व आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह का अनुभव राज्य से लेकर केंद्र में काफी बड़ा है. वह तीन बार भारत सरकार में रह चुके हैं. वहीं उन्होंने भाजपा की अटल सरकार और कांग्रेस की मनमोहन सरकार दोनों में केंद्र में अपना अनुभव लिया है.

उसके बाद उत्तराखंड में भी उन्होंने लंबे समय तक सेवाएं दी हैं. इसकी तुलना में ओम प्रकाश केवल राज्य के अनुभव तक ही सीमित हैं. इस नजरिए से भी शत्रुघ्न सिंह को ओम प्रकाश की तुलना में काफी ऊपर देखा जा रहा है.

आरएसएस के करीबी और खंडूड़ी की पसंद हैं शत्रुघ्न

आरएसएस के करीबी
आरएसएस के करीबी

वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा बताते हैं कि शत्रुघ्न सिंह आरएसएस के काफी करीब हैं. केंद्र में राजनाथ के लेकर संघ के कई बड़े नेताओं से उनके करीबी संबंध हैं. कहा जाता है कि वो पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के खास हैं. खंडूड़ी की सलाह पर ही उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाया गया.

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तीरथ के कम अनुभव के कारण आरएसएस की तरफ से उन्हें उत्तराखंड में अनुभव का इस्तेमाल करने के निर्देश संगठन स्तर पर दिए गए हैं. वजह साफ है कि शत्रुघ्न सिंह के अनुभव का फायदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उठा पाएंगे.

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